By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Kabir Mission NewsKabir Mission NewsKabir Mission News
  • Home
  • देश-विदेश
    • उत्तरप्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
  • मध्यप्रदेश
    • भोपाल
    • इंदौर
    • उज्जैन
    • रीवा
    • शहडोल
    • होशंगाबाद
    • चंबल
    • जबलपुर
    • ग्वालियर
  • राजनीति
  • रोजगार
  • शिक्षा
  • समाज
  • स्वास्थ
  • लेख
  • English
Search
© 2024 Kabir Mission News. All Rights Reserved.
Reading: लेख। जिसने लिखा भारतीय संविधान उसको आज तक नहीं मिला सम्मान, आखिर हम क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस।
Share
Notification Show More
Aa
Kabir Mission NewsKabir Mission News
Aa
Search
  • Home
  • देश-विदेश
    • उत्तरप्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
  • मध्यप्रदेश
    • भोपाल
    • इंदौर
    • उज्जैन
    • रीवा
    • शहडोल
    • होशंगाबाद
    • चंबल
    • जबलपुर
    • ग्वालियर
  • राजनीति
  • रोजगार
  • शिक्षा
  • समाज
  • स्वास्थ
  • लेख
  • English
Follow US
© 2024 Kabir Mission News. All Rights Reserved.
Kabir Mission News > Blog > देश-विदेश > लेख। जिसने लिखा भारतीय संविधान उसको आज तक नहीं मिला सम्मान, आखिर हम क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस।
देश-विदेशमध्यप्रदेशलेख

लेख। जिसने लिखा भारतीय संविधान उसको आज तक नहीं मिला सम्मान, आखिर हम क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस।

8357075845
Last updated: 2023/01/25 at 5:05 PM
8357075845
Share
18 Min Read
SHARE

महाराज सिंह दिवाकर लेखक एवं पत्रकार
विदिशा से कबीर मिशन समाचार पत्र जिला ब्यूरो चीफ विदिशा

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 के दिन हमारा देश आजाद हुआ जबकि 26 जनवरी 1950 को जिसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं हमारा संविधान लागू हुआ था क्योंकि 15 अगस्त 1947 से 25 नवंबर 1950 तक अंग्रेजों का कानून ही देश में लागू था। 13 दिसंबर 1946 को जवाहरलाल नेहरू ने सविधान सभा का गठन किया और 2 साल 11 महीने 18 दिन में डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान लिखा।


वैसे तो 26 जनवरी 1950 के बाद से और अब तक सैकड़ों प्रोग्राम जो लाल किले में होते थे केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार द्वारा और स्कूलों में भी मनाए जाते हैं परंतु यह नहीं पता की गणतंत्रता दिवस क्या है इसके पीछे की सच्चाई क्या है लेकिन इसके पीछे अहम बात यह है कि भारत का संविधान किसने बनाया वह कौन व्यक्ति था जिसने भारत को गणतंत्र और स्वतंत्र किया और आजादी के प्रमुख नेता कौन थे उन्होंने भारत को आज इस मुकाम तक पहुंचाया जिस व्यक्ति ने अपनी 10 साल की उम्र कम कर दी वह व्यक्ति कौन था वह व्यक्ति महामना भाग्य विधाता सिंबल ऑफ नॉलेज बोधिसत्व डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर थे। एक मात्र यही भारत के सबसे पढ़े लिखे व्यक्ति थे (जिनका नाम विश्व के पांच विद्वानों में आता है) जिन्होंने भारत का संविधान बनाया बाबा साहब को देश में क्यों नहीं जाना जाता क्योंकि वह अछूत समाज से थे।

अगर कोई ब्राह्मण क्षत्रिय धर्म का व्यक्ति संविधान लिखता तो उसे भगवान का दर्जा दिया जाता और महात्मा गांधी जिसे हम राष्ट्रपिता कहते हैं उससे भी ऊंचा दर्जा दिया जाता. यही सबसे बड़ा कारण था कि बाबा साहब को अछूत होने के कारण आज तक देश में बहुत कम ही लोग जानते हैं कि बाबा साहब डॉ भीम राव अंबेडकर ने संविधान लिखा था।

अंग्रेजों ने भारत सरकार को देश आजाद करने के बारे में कई बार कहा और कहा कि आप अपना एक ऐसा संविधान बनाओ ताकि जिसके आधार पर तुम देश को चला सको अंग्रेजों ने भारतीयों को कुल 3 मौके दिए।

  1. 1927 में जब लार्ड बर्कन एंड ने भारतीयों को चुनौती दी थी और वह चुनौती स्वीकार कर ली गई थी तो उन्होंने कांग्रेस से कहा था जो उस समय सबसे बड़ी शक्ति कांग्रेस हुआ करती थी उसने संविधान बनाने का जिम्मा ले लिया और संविधान लिख भी दिया वह व्यक्ति जिसने संविधान लिखा मोतीलाल नेहरू F/O पङित जवाहरलाल नेहरू थे जिन्होंने संविधान इतनी अच्छी तरह से लिखा कि उसकी पूरे भारत में छी-छा छी-था हुई।

भारत की एक बहुत बड़ी जनसंख्या शोषित पीड़ित दबे कुचले लोगों के रूप में उसका सीधा तिरस्कार किया और मुस्लिम लीग मुसलमानों ने भी इस का तिरस्कार किया क्योंकि इस संविधान के अंतर्गत केवल वही लोग वोट डाल सकते थे जो पढ़ा लिखा होगा या किसी राजघराने से संबंध रखता हो या फिर जागीरदार हो तो अंग्रेजों ने संविधान के बजाय उसे नेहरू रिपोर्ट कहा और छापा गया लेकिन उसे अंग्रेजों से भी बड़ी झाड़ मिली।

  1. दूसरा मौका सन् 1930 में मिला था जहां भारतीय गोलमेज सम्मेलन में शामिल हुए थे वहां फिर से भारतीय संविधान लिखने में पूर्णतया विफल रहे और संविधान ना लिख सकें.
  2. तीसरा प्रयास सन् 1944 में Sapru कमेटी ने किया था लेकिन कमेटी यह कार्य नहीं कर सकी और भारतीय संविधान तीनों प्रयासों में नहीं लिखा गया अब यहाँ से यह प्रश्न निकलता है कि क्या भारतीय संविधान लिखने की योग्यता किसी भारतीय में नहीं थी।

अब बात संविधान बनाने की आई थी तो कांग्रेस और गांधी जानते थे अगर बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को संविधान बनाने के लिए उन्हें संविधान सभा में लाया गया तो वे दलितों SC.ST.OBC एससी एसटी ओबीसी के लोगों को अधिकार देंगे और उन्हें ऊपर उठाएंगे क्योंकि बाबा साहब ने सभी देशों के संविधान पढ़ रखे थे।

इसलिए उन्होंने बाबा साहब को संविधान सभा में नहीं आने दिया और उन्होंने यह कड़ी शर्त रख दी की पार्लियामेंट में वही व्यक्ति जाएगा जो जनता द्वारा सिलेक्टेड होगा अर्थात चुनाव जीता हुआ होगा। क्योंकि वह जानते हैं कि उस समय बाबा साहब को हम जितने नहीं देंगे और बाबा साहब दुखी हो गए थे तब बंगाल से जो पूर्वी पाकिस्तान जिसे बांग्लादेश कहा जाता है। वहां के जोगेंद्र नाथ मंडल जो चांडाल जाति से थे वह बाबा साहब के पास आए और कहा कि आप जैसूर और खुलला दो जगह थी उस जगह से चुनाव लड़े जहाँ सबसे ज्यादा मुस्लिम जाति के लोग रहते थे वहाँ से चुनाव लड़े और बाबा साहब चुनाव जीत गए।

तब कांग्रेस के लोगों को पता चला कि बाबा साहब चुनाव जीत गए तो उन्होंने एक शर्त रखी थी कि जहां पर 50% से ज्यादा हिंदू होगे उसे भारत में शामिल कर लिया जाएगा और जहां 50% से ज्यादा मुसलमान होगे उसे पाकिस्तान में शामिल कर दिया जाएगा तो वहां पर जैसोर और खुल्ना जहां पर 50% से ज्यादा हिंदू थे कानून के समझौते का उल्लंघन करते हुए उसे पाकिस्तान में शामिल कर दिया बाबा साहब वहां पर जीत गए थे उस कारण उन्हे और जोगेंद्र नाथ मंडल को पाकिस्तान में शामिल पार्लियामेंट का सदस्य बनना पड़ा जो बाबा साहब नहीं चाहते थे। इसलिए उन्होंने कांग्रेस और नेहरू एण्ड गांधी की शिकायत अंग्रेजों से कर दी तब अंग्रेजों ने नेहरू एंड गांधी कंपनी को चुनौती दी कि आप बाबा साहब को संविधान सभा में नहीं रखोगे तो हम आपको आजादी नहीं देंगे तो इतनी कड़ी शर्त अंग्रेजों ने लगाई।

नेहरू और गांधी को कहा कि आप दो ही काम कर सकते हैं या तो.

  1. जैसूर और खुल्ना को वापस समझौते के साथ भारत में शामिल करें.
  2. बाबा साहब को किसी भी जगह से खड़ा करके संविधान सभा में वापस बुलाइए और संविधान सभा का सदस्य बनाइए पहली तो गांधी एंड नेहरू कंपन ने अंग्रेजों द्वारा दी गई पहली शर्त को ठुकरा दिया और जो बंगाल अर्थात पूर्वी पाकिस्तान था उसे भारत में नहीं लिया और उसे पाकिस्तान में शामिल कर दिया और बाबा साहब को दूसरी शर्त के मुताबिक ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्य जो कि मुंबई से जयकर वरिष्ठ एमपी था उसकी सीट खाली कराकर बाबा साहब को जीताया गया और उन्हे पार्लियामेंट में जगह दी गई।

और कांग्रेस कहती हैं कि बाबा साहब को हमने पार्लियामेंट में भेजा था पर यह नहीं जानते कैसे भेजा था बाबा साहब जब पार्लियामेंट में आ गए तो सरदार पटेल ने सारे खिड़की दरवाजे बंद कर दिए और कहा देखता हूं कि अंबेडकर कहां से संविधान सभा के अंदर आता है यह इन संविधान सभा के 389 सदस्यों की सोच थी।

जब बाबा साहब पार्लियामेंट में सिलेक्टेड होकर संविधान सभा में आए तो उस समय संविधान सभा में कुल 389 सदस्य उपस्थित थे जिसके अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद एवं उपाध्यक्ष एच.सी. मुखर्जी और संवैधानिक सलाहकार बी. एन. राव को चुना गया था जिसमें 13 समितियां बनाई गई।

  1. संघ शक्ति समिति
    2.संविधान समिति
    3.राज्य समिति
    4.राज्य और रियासत परामर्श समिति
    5.मौलिक अधिकार एवं अल्पसंख्यक समिति
    6.मौलिक अधिकार उपसमिति
    7.प्रांतीय संविधान समिति
    8.झंडा समिति
    9.प्रक्रिया नियम समिति
    10.सर्वोच्च न्यायालय संबंधित समिति
  2. प्रारूप सविधिक समिति
    12.संविधान समीक्षा आयोग

13.प्रारूप समिति यानी ड्राफ्टिंग कमेटी में कुल 7 सदस्य थे

1.एन गोपाल स्वामी आयंगर
2.अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर
3.कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
4.बी.एल. मित्र
5.डी.पी. खेतान
6.सैयद मोहम्मद सादुल्लाह
और
7.डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर कमेटी के अध्यक्ष थे अर्थात चेयरमैन थे।

स्वतंत्रता से पहले संविधान सभा में 389 सदस्य उपस्थित थे परंतु स्वतंत्रता के बाद संविधान सभा में 289 सदस्य रह गए और संविधान सभा की पहली बैठक में 200 से भी कम सदस्य रह गए।

जब बात संविधान बनाने की आए तो नेहरू और गांधी विदेशों में जाकर संविधान एक्सपर्ट को ढूंढने में लगे जो भारत का संविधान लिख सकें तो वह एक एक देश में गए देश है जहां पर उन्हें संविधान का विशेषज्ञ Prof. Dr.Philip Jenning मिला जिसने और भी देशों के संविधान लिखे थे और उन्होंने उसे भारत का संविधान लिखने के लिए कहा वह व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि बाबा साहब का मित्र था जो बाबा साहब के साथ लंदन यूनिवर्सिटी में पढ़ा था ।

उन्होंने नेहरू से कहा कि आपके देश में तो एक ऐसा महा मना सर्वश्रेष्ठ विद्वान उपस्थित है जो भारत का संविधान लिख सकता है तो नेहरू ने पूछा कि वह कौन है तब उन्होंने जवाब दिया कि वह बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर है जो मेरे साथ ही पढ़ें थे और दुनिया के सबसे पढ़े लिखे व्यक्ति हैं तो तब जाकर जवाहरलाल नेहरु की यह मजबूरी बन गई और उन्होंने बाबा साहब को ड्राफ्टिंग कमेटी के सातवें सदस्य के रूप में कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया।

संविधान के विशेषज्ञ Professor. Dr. Philip Jenning वह बाबा साहब से इतना प्रभावित क्यों थे वह बाबा साहब के दोस्त थे इसलिए नहीं बल्कि इसके पीछे तीन मुख्य कारण है।

1.बाबा साहब की शैक्षणिक योग्यता
(a) B.A. (Economic)
(b) M.A. (Economic)
(c) PhD. (Economic)
(d) M.Sc. (Economic)
(e) D.Sc. (Economic)
(f)Bar-at-la

डिग्रियों के कारण उन्हें असाधारण भारतीय की पहचान मिली थी उस दौर में उनके समक्ष कोई इतना पढ़ा लिखा व्यक्ति नहीं था।

26 नवंबर 1949 को जिसे हम संविधान दिवस Constitution Day के रूप में मनाते हैं उस दिन बाबा साहब ने अपने स्पीच में कहा कि लोकतंत्र कोई पौधा नहीं है जो कहीं भी विकसित हो जाता है अगर हर जगह विकसित हो जाता तो उसका विश्व में कुछ अंश तक विकास नहीं हुआ होता , तो संविधान के प्रति हमें सचेत रहना चाहिए ऐसा मैं सोचता हूं ।

आपको सोचना चाहिए कि लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के मार्ग में अनेक बाधाएं हैं उन्हें दूर करने के लिए क्या आपको कुछ सकारात्मक कदम नहीं उठाने हैं यदि इस अवलोकन के परिणाम में आप सचेत रहते हैं तो मैं अपने आपको धन्य मानूँगा और गर्व महसूस करूंगा कि मैंने भारतवर्ष का संविधान लिखा।

बाबा साहब ने इतना ही नहीं कहा उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि वास्तव में संविधान के उद्देश्य से राज्य के अंगो का निर्धारण करना ही नहीं बल्कि उनके प्रतिकारों को सीमित करना भी है क्योंकि इनके अंगों के प्रतिकार पर कोई सीमा नहीं लगाई जाएगी जैसे विधानमंडल को कानून बनाने की पूर्ण स्वतंत्रता दी गई कार्यपालिका को नियम पालन करवाने की पूर्ण स्वतंत्रता दी गई और न्यायपालिका को न्याय करने की पूर्ण स्वतंत्रता दी गई अगर संविधान में इसकी सीमा निर्धारित नहीं की जाती तो कार्यपालिका , न्यायपालिका , विधानमंडल और सर्वोच्च न्यायालय अपनी मनमानी करता और लोगों को न्याय नहीं देता इसलिए इनके ऊपर भी नियम बनाए गए और संविधान में लिखे गए ।

मैं महसूस करता हूं। कि संविधान अच्छा व कारगर है. वह लचीला है. तथा इतना कठोर भी की शांति एवं युद्ध दोनों स्थिति में देश को संगठित रख सकता है। वास्तव में मैं यह कहूं कि नए संविधान में देश की स्थिति बिगड़ती है तो यह नहीं कहा जा सकता है कि संविधान गलत है बल्कि उसको चलाने वाले लोग गलत है बाबा साहब ने यह भविष्यवाणी 26 नवंबर 1949 को की थी जो आज लगभग सच होते दिखाई दे रही।

बाबा साहब ने विभिन्न देशों से कॉपी करके सविधान बनाया है वैसे इस बात को ज्यादातर शासक जातियों के लोग कहते हैं।

मैं उनको बताना चाहता हूं कि इसके लिए एक पुस्तक है जो लोकसभा सचिवालय द्वारा प्रकाशित की गई हैं यह बाबा साहब द्वारा लिखी गई है और इसके पेज नंबर 12 और 13 पर सटीक लिखा हुआ है कि बाबा साहब को संविधान निर्माता क्यों कहा जाता है और संविधान सभा के ड्राफ्टिंग कमेटी के 7 सदस्यों ने क्या-क्या किया था डॉक्टर अंबेडकर के नेतृत्व में प्रारूप समिति की पहली बैठक 30 अगस्त 1947 को हुई थी और डॉक्टर अंबेडकर और उनकी टीम ने 141 बैठकों में अंतरिम संविधान तैयार किया इस अवधि के दौरान अधिकांश अवसर पर डॉ अंबेडकर को अकेले ही काम करना पडा था क्योंकि

  1. पंडित .बी एल मित्र ने इस्तीफा दे दिया
    2.डीपी खेतान की मृत्यु हो गई
    जिनके स्थान पर
    1.पंडित एन माधवराव
    और
  2. पंडित टी.टी. कृष्णमाचारी को सदस्य बनाया गया जिनकी उपस्थिति नगण्य होती गई
    3.पंडित एन गोपाल स्वामी आयंगर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे जो राज्य के काम में व्यस्त थे
    4.सैयद मोहम्मद सादुल्लाह बीमार रहे
    5.पंडित कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी जी को हैदराबाद के दूत के रूप में नियुक्त किया गया।
  3. पंडित अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर जिन का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण दिल्ली से बाहर रहना पड़ा इस प्रकार सारा कार्य बाबा साहब को ही करना पड़ा क्योंकि बाबा साहब चाहते थे कि दिए गए समय में भारत का संविधान लिख सकें और अपने SC.ST.OBC दबे कुचले भाइयों को अधिकार देकर ऊपर उठा सकें।

9 नवंबर 1946 को पहली बैठक हुई और 26 नवंबर 1949 को अंतिम बैठक हुई थी जो 2 साल 11 महीने और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ जिसके बाद 24 जनवरी 1950 को 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किए और 26 जनवरी 1950 को संविधान हमारे पूरे भारतवर्ष में लागू हुआ।

संविधान सभा के प्रारूप समिति के सदस्य टी.टी. कृष्णमाचारी ने अपने भाषण में कहा कि मैं सदन के उन लोगों में से हूं जिन्होंने बाबा साहब की बात को ध्यान से सुना है मैं इस संविधान के ड्राफ्टिंग कमेटी में जुटे काम एवं उत्साह के बारे में जानता हूं कि संविधान का मसौदा तैयार करने में 7 सदस्यों में से एक सदस्य ने इस्तीफा दे दिया एक की मृत्यु हो गई एक संयुक्त राष्ट्र अमेरिका चले गए एक राज्य के काम में व्यस्त रहें एक या दो लोग स्वास्थ्य के कारण दिल्ली से दूर रहें और डॉक्टर अंबेडकर एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें संविधान निर्माण का सारा श्रेय जाता है भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा संविधान निर्माण में प्रदान की गई सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि मैंने राष्ट्रपति पद के तौर पर दैनिक गतिविधियों को नजदीक से देखा है इसलिए मैं दूसरों की तुलना में अधिक प्रशंसा करते हुए बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को धन्यवाद करता हू।

You Might Also Like

आकस्मिक वाहन चेकिंग के दौरान अवैध हथियार लेकर मो.सा. से घूम रहे आदतन अपराधी को थाना जिगना पुलिस ने किया गिरफ्तार।

प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री दतिया पहुंचे।प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा जी दतिया पहुंचे

रामकोला में गाजे-बाजे ढोल नगाड़े के साथ निकली शिव शक्ति रुद्र महायज्ञ की कलश यात्रा।

गोरखपुर नौका विहार जेएसआर के गार्डैन में अज्ञात कारणों से लगी आग लपेट देख सहमें लोग लगभग कई दुकानें जलकर राख हुआ।

सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भरतगढ दतिया में आचार्य अभ्यास वर्ग आयोजित।

TAGGED: #Kabir Mission News, Today news, आज के समाचार, मध्य प्रदेश
8357075845 January 25, 2023 January 25, 2023
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn Telegram Copy Link
Share
Previous Article पी एम आवास योजना का पैसा तो नही मिला मगर अफसरों की धमकियां जरुर मिलने लगी।
Next Article प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवा केंद्र पर गणतंत्र दिवस एवं बसंत पंचमी का कार्यक्रम आयोजित किया गया

Stay Connected

235.3k Followers Like
69.1k Followers Follow
56.4k Followers Follow
136k Subscribers Subscribe

Latest News

आकस्मिक वाहन चेकिंग के दौरान अवैध हथियार लेकर मो.सा. से घूम रहे आदतन अपराधी को थाना जिगना पुलिस ने किया गिरफ्तार।
दतिया June 23, 2025
प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री दतिया पहुंचे।प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा जी दतिया पहुंचे
दतिया June 23, 2025
लापता 12 वर्षीय बालक को 24 घंटे में सकुशल दस्तयाब कर परिजनों को सौंपा
विदिशा June 22, 2025
विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन हुआ
विदिशा June 13, 2025
//

Kabir Mission is a news platform that provides updates on various topics, including local and national news, social issues, and cultural events. The website features articles, opinion pieces, and reports aimed at keeping the community informed and engaged.

Follow

Subscribe to notifications
Kabir Mission NewsKabir Mission News
Follow US
© 2024 Kabir Mission News. All Rights Reserved.
  • Privacy
  • Advertisement
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?