कबीर मिशन समाचार पत्र
सुरेश मैहर संवाददाता गरोठ जिला मंदसौर
गरोठ– प्रसिद्ध कथावाचक प.तिलकराज शास्त्री जी महाराज के मुखारविंद से चल रही भागवत कथा का आज समापन हुआ।
जिसमे पधारे विनीत यादव, रोडसिंह असावती, जिन्होने भागवत पुजन की महाराज जी से आशिर्वाद प्राप्त किया।
पंडित तिलकराज शास्त्री जी ने कहा कि
भगवान धर्म की रक्षा करने के लिए आते हैं, तो हमारा भी धर्म बनता है, कि हम भी धर्म की रक्षा करें और धर्म की रक्षा करने के लिए मनुष्य को बुरे काम से दूर रहना होगा। हर एक हिन्दू को माथे पर तिलक और हाथ में कलावा रखना चाहिए।
बहन, बेटी को अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी, क्योकि कोई नहीं आएगा, आपकी रक्षा करने के लिए, इसलिए हर एक स्त्री को अपने सनातन धर्म का ध्यान रखना चाहिए,
इसलिए हाथ में कलावा और माथे पर तिलक अवश्य लगाना चाहिए।
हर मनुष्य को अपने घर में सनातन धर्म को जगाकर रखना हैं, भगवान भी कहते हैं, की कर्म से या वल से जैसे भी धर्म की रक्षा होती हो वैसे धर्म की रक्षा करनी चाहिए क्योकि भगवान ने खुद धर्म की रक्षा हर एक परिस्थिति में की थी।
जिसका नमक मनुष्य खाता है उसका कभी भी बुरा नहीं करना चाहिए। मनुष्य को अपने जीवन में भगवान का नाम हर दिन जपना चाहिए।
काल कभी किसी को मरता नहीं है, लेकिन जिसका समय आ जाता है, उसके सामने ऐसी परीस्थिति उत्त्पन कर देता है जिससे उसकी मृत्यु हो जाती है। जीवन का अकाट्य सत्य मृत्यु है, काल केवल, समय का प्रयोग करता है, समय के साथ-साथ ही मनुष्य की मृत्यु हो जाती है। जब मनुष्य के पीछे काल लग जाता है, तो उसका पीछा मृत्यु तक करता है, और मनुष्य के जीवन से पहले ही उसकी मृत्यु का समय,स्थान और कारण तय हो जाता है मनुष्य चाहे कितना भी बलवान क्यों ना हो लेकिन कभी भी अपनी मृत्यु से नहीं भाग सकता है।
,मनुष्य को अपने माँ-बाप की मर्ज़ी के बिना कभी कुछ कार्य नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उनसे ज्यादा कोई भी तुम्हारा अच्छा नहीं चाहा सकता इसलिए हमेशा अपने घरवालों को प्रशांत प्रदान करते रहे।