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रूपखेड़ा, वाक्याखेड़ा की ग्रामसभा में पहुंचे कलेक्टर

रूपखेड़ा, वाक्याखेड़ा की ग्रामसभा में पहुंचे कलेक्टर

कबीर मिशन समाचार धार से मयाराम सोलंकी की रिपोर्ट

कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने आज रूपखेड़ा, वाक्याखेड़ा की ग्राम सभा को पेसा क़ानून के बारे में जानकारी दी और गाँव वालों की जिज्ञासा का समाधान किया। उन्होंने कहा कि जल,जंगल,ज़मीन,श्रमिक, संस्कृति संरक्षण के अधिकारों के साथ ही अन्य कई अधिकार भी ग्राम सभाओं को दिए गए हैं। अब आप लोगों को गाँव को सशक्त बनाना है। आप सब अपनी पंचायतों में पेसा एक्ट के बारे में बताएं। फैसला अब ग्राम सभाओं में होना है। इसलिए गाँव के लोगों में इसके विभिन्न पहलू के बारे में आपको भी जागरूकता लानी है। एसपी आदित्य प्रताप सिंह, सीईओ ज़िला पंचायत केएल मीणा साथ थे।

कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस 15 नवंबर से प्रदेश में पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 लागू कर दिए गए हैं। इसमें अनुसूचित क्षेत्रों की ग्रामसभा को सशक्त बनाया गया है। बाजार मेलों का प्रबंधन ग्रामसभा करेगी तो ग्राम विकास की कार्ययोजना भी वही बनाएगी। जनजाति वर्ग के व्यक्ति की भूमि पर किसी गैर जनजाति व्यक्ति ने अनधिकृत कब्जा कर रखा है तो ग्रामसभा को उसे हटवाकर मूल व्यक्ति को दिलाने का अधिकार दिया गया है। ग्रामसभा की सहमति के बिना अनुसूचित क्षेत्रों में नई शराब दुकान नहीं खुलेगी। भूमि अधिग्रहण के पहले भी सहमति लेनी होगी। स्थानीय पुलिस स्टेशन में ग्राम के व्यक्ति से संबंधित कोई भी प्राथमिक सूचना दर्ज होती है तो इसके सूचना ग्रामसभा को देनी होगी।
जमीन भू-अर्जन के लिए ग्रामसभा की सहमति जरूरी
पटवारी और बीट गार्ड गांव की जमीन और वन क्षेत्र के नक्शे, खसरे आदि ग्रामसभा को हर साल उपलब्ध कराएंगे। इससे गांव का रिकार्ड लेने बार-बार तहसीलों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। राजस्व अभिलेखों में गड़बड़ी पर ग्रामसभा को उसमें सुधार की अनुशंसा करने का अधिकार होगा। अधिसूचित क्षेत्री में बिना ग्रामसभा की सहमति के किसी भी परियोजना के लिए गांव की जमीन का भू-अर्जन नहीं किया जाएगा। गैर जनजातीय व्यक्ति या कोई भी अन्य व्यक्ति छल- कपट से, बहला-फुसलाकर विवाह करके जनजातीय भाई-बहनों की जमीन पर गलत तरीके से कब्जा करने या खरीदने की कोशिश करें तो ग्राम सभा इसमें हस्तक्षेप कर सकेगी और कब्जा वापस दिलाएगी।
जल- गांव में तालाबों का प्रबंधन अब ग्राम सभा करेगी
ग्रामसभा तालाब जलाशय में मछली पालन और सिंघाड़ा उत्पादन आदि गतिविधियां कर सकती है। इससे होने वाली आमदनी ग्रामसभा के पास जाएगी। इसमें किसी भी प्रकार की गंदगी, कचरा, सीवेज डालने पर ग्राम सभा प्रदूषण को रोकने के लिए कार्रवाई कर सकेगी। सौ एकड़ तक की सिंचाई क्षमता के तालाब और जलाशय का प्रबंधन संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा किया जाएगा।
जंगल- ग्रामसभा करेगी वनोपज का मूल्य निर्धारण
ग्रामसभा वनोपजों जैसे अचार गुठली, करंज बीज, महुआ लाख गोंद, हर्रा, बहेरा, आंवला आदि का संग्रहण, विपणन, मूल्य निर्धारण और विक्रय कर सकेगी। अभी तक या तो सरकार या फिर व्यापारी लघु वनोपज का मूल्य तय किया करते हैं लेकिन अब मूल्य नियंत्रण का अधिकार ग्रामसभा के हाथ में होगा। समर्थन मूल्य की ग्रामसभा वनोपज का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करेगी। यदि ग्राम सभा चाहेगी तो ही वनोपज का संग्रहण और विपणन का काम लघु वनोपज संघ करेगा। ग्राम सभा चाहे तो तेंदूपत्ते का संग्रहण और विपणन खुद कर सकेगी।
श्रमिकों के अधिकारों का संरक्षण
गांव के हर मजदूर को मांग आधारित रोजगार मिले इसके लिए ग्रामसभा साल भर की कार्ययोजना बनाएगी और पंचायत इसका अनुमोदन करेगी। मनरेगा जैसी रोजगारमूलक योजनाओं के अंतर्गत गांव में कौन-कौन से कार्य लिए जाएंगे, ये ग्रामसभा ही तय करेगी। यदि मनरेगा के कार्यों के लिए बनाए गए मस्टर रोल में कोई फर्जी नाम है या फिर कोई गलती है तो ग्राम सभा इससे ठीक करवाएगी। गांव से लोगों का अनावश्यक पलायन न हो, शहरों में ले जाकर मानव व्यापार, शोषण या बंधुआ मजदूरी का श्राप न झेलना पड़े, इसके लिए पेसा नियमों में प्रविधान किए गए हैं।
गांव में आने या जाने के लिए अनिवार्य होगी ग्रामसभा की अनुमति
अब बिना ग्राम सभा को सूचित किए न तो कोई व्यक्ति काम करने के लिए गांव से बाहर जा सकेगा और न ही ग्राम सभा की बिना जानकारी के बाहरी व्यक्ति काम के लिए आ सकेगा। ग्राम सभा के पास काम के लिए बाहर जाने वाले सभी लोगों की सूची रहेगी। काम के लिए अपने गांव से ग्राम सभा को बिना बताए जाने को नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और उल्लंघन करने वाले के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकेगी। गांव के जो लोग मनरेगा आदि में मजदूरी कर रहे है, उनके काम के बदले उन्हें पूरी मजदूरी मिले इसकी चिंता भी ग्राम सभा करेगी।
साहूकार के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश कर सकेगी ग्रामसभा
अनुसूचित क्षेत्रों में धन उधार देने पर नियंत्रण करने के लिए पंजीकृत साहूकार की जानकारी संबंधित विभाग को ग्रामसभा को देनी होगी। यदि कोई साहूकार शोषण करता है, निर्धारित दर से अधिक ब्याज लेता है तो ऐसी स्थिति में ग्राम सभा अपनी अनुशंसा के साथ कार्रवाई के लिए प्रस्ताव उपखंड अधिकारी को भेज सकेगी। यदि किसी हितग्राहीमूलक योजना में गांव के 100 हितग्राही पात्र हैं तो उनमें से मापदंड अनुसार मेरिट का क्रम ग्राम सभा निर्धारित कर सकती है। ताकि पात्र हितग्राहियों में से उसे सबसे पहले लाभ मिले, जिसे इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
परंपरा और संस्कृति के संरक्षण का जिम्मेदारी ग्रामसभा की
अब कोई भी नई शराब, भांग की दुकान ग्रामसभा की अनुमति के बिना नहीं खुलेगी। यदि 45 दिन में ग्राम सभा कोई निर्णय नहीं करती है, यह स्वमेव मान लिया जाएगा कि नई दुकान खोलने के लिए ग्रामसभा सहमत नहीं है और फिर दुकान नहीं खोली जाएगी। यदि कोई शराब या भांग की दुकान गांव के अस्पताल, स्कूल, धार्मिक स्थल आदि के आस-पास हो तो उसके स्थान परिवर्तन की अनुशंसा ग्रामसभा सरकार को भेज सकेगी। ग्राम सभा किसी स्थानीय त्यौहार पर शराब दुकान बंद करने की अनुशंसा कलेक्टर से कर सकती है। एक वर्ष में कलेक्टर चार शुष्क दिवस घोषित करने के अधिकार के अंतर्गत दुकान को उस क्षेत्र के लिए बंद कर सकेंगे। नशे की लत को हतोत्साहित करने के लिए ग्रामसभा न केवल किसी सार्वजनिक स्थान पर शराब का उपयोग प्रतिबंधित कर सकती है, बल्कि व्यक्तिगत रूप से उपयोग किए जाने वाले मादक द्रव्यों की सीमा भी कम कर सकती है। गांव में अवैध शराब के विक्रय को रोकने का काम भी ग्रामसभा द्वारा किया जाएगा।
हर गांव में एक शांति एवं विवाद निवारण समिति होगी
यह समिति परंपरागत पद्धति से गांव के छोटे-मोटे विवादों का निराकरण कराएगी और ग्राम में शांति व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेगी। इस समिति में कम से कम एक तिहाई सदस्य महिलाएं होंगी, जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस स्टेशन को दी जाएगी। ग्राम से संबंधित प्रथम सूचना दर्ज होने पर शांति एवं विवाद निवारण समिति को सूचित किया जाएगा। ग्रामसभा ऐसे किसी भी काम का समर्थन नहीं करेगी, जो क्षेत्र में निवास कर रही जनजातियों और स्थानीय समुदायों की रुढ़ियों एवं परंपराओं को क्षति पहुंचाए । अधिसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायत े बाजारों और मेलों का प्रबंधन करने में सक्षम होगी। ग्राम सभा द्वारा इस बात की भी चिंता की जाएगी कि गांव के स्कूल, स्वास्थ्य और आंगनबाड़ियां ठीक से चलें।
ग्राम सभाओं को निरीक्षण एवं निगरानी का अधिकार
ग्रामसभा को स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनवाड़ी आश्रम शालाएं, छात्रावास के निगरानी और निरीक्षण का अधिकार होगा। जल, जंगल, जमीन, श्रमिक, परंपराएं एवं संस्कृति ये पैसा नियमों का पंचामृत है। आज से ये नियम पूरे मध्य प्रदेश में लागू हो रहे हैं। ग्रामसभा को कृषि के लिए योजना बनाने का अधिकार होगा। इसमें मिट्टी के कटाव की रोकथाम, फसलों को बचाने के लिए चराई का विनियमन, वर्षा जल का संचयन और वितरण, बीज-खाद की व्यवस्था सुनिश्चित करना, जैविक खाद, उर्वरक और कीटनाशकों का बढ़ावा देना शामिल है।
भूमि की नीलामी में जनजाति वर्ग के व्यक्ति को प्राथमिकता
शासकीय या सामुदायिक भूमि के उपयोग में परिवर्तन के पहले ग्राम सभा से परामर्श करना होगा हस्तांतरण, पट्टा, अनुबंध, कृषि बिक्री, गिरवी अथवा अन्य किसी कारण से निजी भू-स्वामी के परिवर्तन होने की दशा में ग्रामसभा को पहले सूचना देनी होगी। अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति की भूमि की नीलामी की दशा में उक्त भूमि को अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को विक्रय करने की पहल की जाएगी।
खदान आवंटन में मिलेगी प्राथमिकता
अनुसूचित क्षेत्र में खनन के लिए खदान आवंटन में अनुसूचित जनजाति वर्ग की सहकारी समिति, महिला व पुरुष आवेदन को उनके संवर्ग में प्राथमिकता दी जाएगी। खनन भी तभी हो सकेगा, जब ग्रामसभा सहमति देगी।

सरदारपुर के खेल परिसर पहुँचे कलेक्टर, एसपी
कलेक्टर श्री मिश्रा सरदारपुर के खेल परिसर पहुँचे। उन्होंने यहां निवासरत बच्चों से चर्चा कर परिसर का निरीक्षण भी किया। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश दिए कि यहां पूर्व में निवासरत और वर्तमान में विभिन्न क्षेत्रों में सफल लोगों की इन छात्रो से वार्ता कराए ताकि बच्चों को प्रेरणा मिल सके। कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा की खेल के साथ पढ़ाई व अनुशासन भी ज़रूरी है। डिसिप्लीन से रहेंगे तो हर क्षेत्र में सफलता पायेंगे । परिसर भवन के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि यहां की पुताई, साफ़ सफ़ाई करवायें, खिड़की, टाइल्स बदले, टॉयलेट सीवेज ठीक करवाए।

बालक, बालिकाओं की सौ मीटर दौड़ को झंडी दिखाई
इसके बाद कलेक्टर एसपी ने सरदारपुर में एक दिवसीय ज़िला स्तरीय ट्रायबल एथेलेटिक चयन स्पर्धा के तहत बालक बालिकाओं की सौ मीटर दौड़ को झंडी दिखाई। यहाँ लगभग सात सौ छात्र छात्राएँ भाग ले रहे है।

रेस्टोरेशन कार्य गुणवत्ता पूर्ण हों
कलेक्टर श्री मिश्रा माही बांध सतही स्त्रोत पर आधारित 109.50 करोड़ रुपए की लागत की राजोद ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजना पहुँचे और कहा कि पानी की गुणवत्ता अच्छी रहे, रेस्टोरेशन कार्य गुणवत्ता पूर्ण हों। इस योजना से 79 ग्रामों के निवासी लाभान्वित होंगे।

भवन में सोलर पेनल लगाने के निर्देश
कलेक्टर श्री मिश्रा ने राजोद के जनजातीय सिनियर कन्या छात्रावास का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने छात्रावास के बाउंड्रीवाल निर्माण की कार्यवाही करने, भवन में सोलर पेनल लगाने के निर्देश दिए और अधीक्षक देवकन्या मावी द्वारा किए गए प्लांटेशन व ग्राफ्टिंग कार्य को सराहा।

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