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ठेकेदार ने डामर प्लांट लगाने के लिए सैकड़ों सागोन के पेड़ो की दी बलि

स्थानीय राजस्व विभाग को भनक तक नहीं

रायसिंह मालवीय/7828750941

आष्टा : हमारे देश में पर्यावरण संरक्षण के लिए बिश्नोई आंदोलन हुआ इस आंदोलन का नेतृत्व अमृता देवी द्वारा किया गया था जिसमें लगभग 363 लोगों ने वनों की सुरक्षा के लिये अपने प्राणों की आहुति दी। यह अपनी तरह का प्रथम आंदोलन था जिसमे वृक्षों के संरक्षण के लिये लोगों द्वारा पेड़ों को गले लगाने की रणनीति को सहजता से अपनाया गया।

यही नहीं मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्य्मंत्री शिवराज सिंह चौहान रोज़ एक पौधा लगाकर अपने दिन की शुरुआत करते आए है वह यह संदेश देते आए है कि हर व्यक्ति को एक पौधा लगाना चाहिए। लेकिन उनके ही जिले में ठेकेदार सरकारी अधिकारियों से सांठ गांठ कर अपनी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सैकड़ों सागोन के पेड़ो की कटाई कर रहे है।

मतलब वह करें तो रासलीला और हम करें तो कैरेक्टर ढीला

मामला सिहोर जिले की आष्टा विधानसभा और जावर तहसील के परिक्षेत्र इन्दौर भोपाल हाईवे से लगभग 500 मीटर दूर खड़ी जोड़ के पास ग्राम खोयरा के जंगल मे एक कम्पनी डामर प्लांट डाल रही है जिसमे लगभग एक बीघा ज़मीन पर जंगल को पूरा साफ़ कर दिया गया है जिसमे सैकड़ों सागोन के पेड़ो को काटा गया है।

अब सवाल यह उठता है की क्या कम्पनी ने स्थानीय प्रशासन से अनुमति ली है और अगर ली है तो क्या इतनी बड़ी तादाद में सागोन के पेड़ो को काटने की अनुमति किस नियम के अंतर्गत दी गई है।

अगर डामर प्लांट बन रहा है तो यहां पर गिट्टी का स्टॉक भी किया जायेगा तो क्या कम्पनी ने माइनिंग विभाग से गिट्टी स्टॉक करने की अनुमति ली है। डामर बनेगा तो बड़ी बड़ी मशीने जनरेटरों से चलेगी, जिससे धुंआ और धूल बड़ी मात्रा में उड़ेगा, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान होगा तो क्या कंपनी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी अनुमति ली है।

इतनी बड़ी मात्रा में पेड़ो को काटना अपने आप में बड़ी बात है आखिर कंपनी ने किस अधिकारी या जनप्रतिनिधि की शह पर अंजाम दिया है। जबकि भारत में पेड़ों की सुरक्षा के लिए भारतीय वन अधिनियम, 1927 लागू है. इस अधिनियम के मुताबिक, बिना अनुमति के पेड़ काटने पर जुर्माना और जेल हो सकती है. जुर्माना पेड़ की मोटाई के हिसाब से तय होता है. इसके अलावा, 6 महीने से लेकर 3 साल तक की जेल भी हो सकती है।

अगर इतनी बड़ी तादाद में कोई ग्रामीण या किसान पेड़ो को काट देता तो शायद अभी तक उस पर बहुत बड़ी कार्यवाही हो जाती ।अब देखना यह होगा की क्या जिला प्रशासन इस कंपनी पर क्या कार्यवाही करता है।

क्या है पूरा मामला मैं पटवारी को भेजकर दिखवाता हूं ।अविनाश सोनानिया तहसीलदार ज्वार

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