रिपोर्टर योगेश गोविन्द राव तहसील संवाददाता कप्तानगंज कुशीनगर।
विकासखंड रामकोला में धरने पर बैठे लोगों को डीसी मनरेगा ने समझा-बुझाकर धरना को समाप्त कराया।
जांच करने पहुंचेअधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता के दरवाजे पर बुलाई गई दलित महिला ग्राम विकास अधिकारी के साथ शिकायतकर्ता द्वारा दुर्व्यवहार करने का मामला तूल पकड़ लिया है। कार्रवाई की मांग को लेकर सभी ब्लॉक कर्मचारियों ने काम बंद कर विकास खण्ड कार्यालय पर धरना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे डीसी मनरेगा ने कर्मचारियों से बात की और धरना समाप्त करवा दिया।
रामकोला विकास खण्ड के देवरिया बाबू में हुए विकास कार्यों की जांच की मांग की गई थी। जिसमे जिला उद्यान अधिकारी जांच अधिकारी नियुक्त किए गए थे। सोमवार को जांच अधिकारी देवरिया बाबू गांव पहुंचे। महिला ग्राम विकास अधिकारी का कहना है कि जांच अधिकारी ने उन्हें बुलाया तो उन्होंने कहा कि सारे कागजात पंचायत भवन पर हैं वहीं आती हूं, उसके बाद मौके पर भौतिक सत्यापन कर लिया जाएगा। आरोप है कि जांच अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी को शिकायतकर्ता के दरवाजे पर बुलाया गया। ग्राम विकास अधिकारी का आरोप है कि जब वह शिकायतकर्ता के दरवाजे पर पहुंची तो जांच अधिकारी जा चुके थे और शिकायतकर्ता ने उन्हें जातिसूचक शब्दो का प्रयोग कर भद्दी भद्दी गालियां देने लगे। आरोप तो यह भी है कि सरकारी कार्य मे बढ़ा डालने की नीयत से उन्हें भगाया गया जिसमें उनके कई कागजात भी गिर गये। मामले की तहरीर देकर कार्रवाई के लिए डीएम से भी मिलीं। करवाई न होता देख मंगलवार को 12 बजे सभी ब्लॉक कर्मचारियों ने ब्लॉक परिसर में धरने पर बैठ गए। धरने की सूचना मिलने पर डीसी मनरेगा राकेश ब्लॉक पर पहुंचे। धरने में बैठे कर्मचारियों को एक एक कर बुलाया और समझाबुझाकर करीब ढाई बजे धरना समाप्त करवा दिया। इस संबंध में रामकोला बीडीओ उषा पाल का कहना है कि दलित महिला कर्मचारी के साथ बदसलूकी हुई है। उनके द्वारा तहरीर दी गई है। समुचित कार्रवाई कराई जाएगी। कर्मचारियों ने कहा कि वे भी संगठन के संपर्क में है कार्रवाई न होने की दशा में अगली रणनीति तैयार किया जाएगा।
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