नीमच मध्यप्रदेश

ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ कर बोल रहा विकास इंजीनियर ओर अधिकारी भी शामिल,क्या होगी उच्च स्तर पर जाँच

कबीर मिशन समाचार

चोराहे पर चाय की चुस्की के साथ चर्चा का विषय बन रही मनासा जनपद

नीमच। जिले की मनासा ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में मनमाने तरीके से अनियमितता और अनुपयोगी कार्य कराके जहां सरकारी बजट को चूना लगाया जा रहा है, वहीं पंचायत प्रतिनिधि हर काम में कमाई के चक्कर में कायदे कानून ताक पर रखकर कायदे कानून के पालन में लापरवाही बरत रहे हैं। उन्हें न जांच की चिंता है, न अधिकारियों का डर,क्यो की जाँच भी वही के अधिकारी कर्मचारी करते है जो इनके हर काम में शामिल है और जो छूट जाते है वो जाँच के नाम पर अपनी जेब भर कर जांच करते है ग्राम पंचायतों में सरंपच, सचिव और ग्राम रोजगार सहायक इंजीनियर की चोकड़ी का बेलगाम राज चल रहा है। अब जबकि पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो चुका है और कोविड 19 के कारण चुनाव नहीं हो कर कार्यकाल बढ़ाया था ओर अब चुनाव होकर नवनिर्वाचित सरपंच आ गये है जिनमे कुछ दूसरे कार्यकाल में है तो कुछ एक कार्यकाल छोड़ फिर बने है कुछ एस टी एससी के बने है कुछ नए आये है ऐसे में पुराने कार्यकाल की इस चोकड़ी को मनमानी करने की खुली छूट मिली हुई है। जो अभी तक नए काम भी पुराने खोल रहे है पहले भी ऐसे तमाम काम कराए गए, जिनमें कमाई का रास्ता नजर आया। यहां तक कि कई अनुपयोगी काम भी करा दिए गए हैं, ऐसे तमाम निर्माण कार्य कराके जिम्मेदारों ने अपना-अपना हिस्सा तो ले लिया पर ये निर्माण कार्य अनुपयोगी पड़े-पड़े बर्बादी की कगार पर हैं। या बर्बाद हो गए है मनरेगा के काम मशीनों से कराके फर्जी मस्टर भरे जा रहे हैं, शिकायतों को अनदेखा करके जिम्मेदार मौन बने हैं। इसे लेकर लोगों में नाराजगी है और कुछ मामलों में अधिकारी दिखावे के लिए कार्रवाई करके अपनी कमी छिपाने में जुटे हैं।पूर्व सरपंचों की माने तो कुछ जाँच के नाम पर जनपद के अधिकारी कर्मचारी लूट को अंजाम दे रहे है जिनका हर काम पर अलग अलग परसेंटेज बंधा हुआ है
देवरी खवासा 2019 में 12 लाख की लागत से छोटा तलाव बनाया 2019 में ही फुट गया 10 लाख 35 हजार में टूटे हुए को रिपेयरिंग कराया 2 वर्ष में फिर टूट गया यानी 3 वर्ष में एक तालाब के 22लाख 35 हजार लगाए और फिर भी जैसे के जैसा स्थानीय लोगो ओर सूत्रों की माने तो काम सिर्फ 5 लाख का हुआ तो भरस्टाचार कितने का यह तो एक काम है


आंगनवाड़ी अंतर्गत ग्राम पंचायत लोड़किया सरपंच-सचिव इंजीनियर ओमप्रकाश कछावा की मनमानी से भ्रष्टाचार में किसी से कम नहीं है। यहां 4 साल पहले की आई हुई बिना सोचे-विचारे ग्राम में क्रमांक 2 बाहर नाले के पास 7लाख80 हजार की लागत से बेहद घटिया तरीके से बनवाकर बजट को तरीके से चूना लगया गया है। इस आंगनवाड़ी का आज तक उपयोग नहीं हो सका है। यहां उद्धघाटन से पहले विराना ओर डरावना बन चुकी हैं जिसके ना ही दरवाजे ना ही खिड़किया सही है ना ही बिल्डिंग की दीवारे छत तो चाय की प्लेट देख लो यहां बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है कौन पढ़ाना चाहेंगें यहाँ उनके दरवाजे में जंग लगी इंगल है और घटिया मसाले के उपयोग के कारण दो साल में ही दीवारों में दरारें आ गई हैं। इतना ही नहीं गांव के पंचायत भवन की हालत देखने से ऐसा लगता है कि यहां न कभी सफाई होती है, न कोई बैठता है। पंचायत भवन की दीवारों पर काई लग चुकी है, खिडकियों के ऊपर छज्जे पर घास उग आई है। जबकि पंचायत भवन के मेंटेनेंस के नाम पर अकसर राशि मंजूर कराके हजम कर ली जाती है नीमच जिले की ग्राम पंचायत लोड़किया में नाली नाले और सीसी रोड में बड़ा घोटाला किया गया है। लाखो की लागत से नाली निर्माण और लाखो की लागत से सीसी रोड के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। जहाँ लोग नाली में लगे नल जल की मेंन पाइप लाइन लीकेज होने से गांव के लोग गंदा पानी पी रहे है यहां भी सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक की तिकड़ी ने जमकर मनमानी करके अपने हाथ बनाए हैं। मजे की बात तो ये है कि मन्दसौर मनासा रोड़ पर मुक्ती धाम में ताजा नाला निर्माण में गांव की फ़र्सी को उखाड़ कर फर्सी के टुकड़े कर नाले निर्माण में उपयोग लिया गया स्थानीय गांव के लोगो ने पूछा कि ये कहा ले जा रहे हो तो नया सीसी निर्माण कहा गया जो आज तक नही हुआ नाली व सीसी रोड में मनमानी की शिकायत के बाद जिम्मेदार अधिकारी जांच में लीपा पोती करेगे। शमसान समिति के लोगों का कहना है कि शमसान में यह रोनक गांव के हर घर से छोटे से छोटे व्यक्ति ने 500 रुपये दिये है जिसका भी हो न हो पंचायत वालो ने वह रुपये भी कही निकाल तो नही लिए हो वही नलखेड़ा रोड की तरफ का नाला जो पंचायत आंगनबाड़ी स्कूल के किनारे निकल रहा जो चौड़ाई कम उचाई कम व घटिया निर्माण के चलते जगह जगह टूट चुका है जो दो साल पहले बनाया गया है
जांच अधिकारी अपना किया कराया छुपाने की कोशिश में हैं। इसी कारण जांच चलने के दौरान ही सरपंच व सचिव ने नाली निर्माण का पूरा भुगतान भी कर दिया है, जिसमें बड़ा खेला किया गया आरोप है कि नाली निर्माण में मूल्यांकन से अधिक राशि निकाली गई ,
जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में मनरेगा व नाली निर्माण कार्य में मनमानी करने में यहां के सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक की तिकड़ी किसी से ,छुपि नहीं रही, पंचायत में गांव के मजदूरों को काम न देकर मशीन से नाली की खुदाई कराके ठेकेदार ने उल्टे बहाव की नाली बना डाली। मनरेगा के इस कार्य में फर्जी मास्टर रोल भरकर राशि निकालने की शिकायतें आम हैं। मगर जनपद पंचायत सीईओ ने इसे अनदेखा करके मनमानी करने वालों को खुला संरक्षण दिया है। इसी तरह ग्राम पंचायत में भी मनरेगा के तहत तालाब निर्माण का कार्य जे.सी.बी.मशीन से कराया गया। इसकी भी शिकायत की गई पर जिम्मेदार अधिकारी इसे अनदेखा करके जांच के नाम पर मौन साधे हैं। जो चर्चा का विषय बना है इसके अलावा बहोत सारे गोटाले कर रखे हैं पंचो को अभी तक उनका मानदेय भत्ता जो मिलना चाहिए वो अभी तक नही यह भी एक चर्चा का विषय हैं आखिर यह सब पैसा गया किसकी जेब मे इसकी जांच होना अनिवार्य है जब मीडिया ने जनपद सीओ से जानकारी ली तो
जनपद सी.ई.ओ.डी.एस. मेसराम का कहना है कि मेरी जानकारी में नही है जाँच कर दिखवाता हूं

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