उपरोक्त विचार सरस्वती शिशु मंदिर तराना में आयोजित गुरु पूर्णिमा उत्सव पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे आचार्य श्री दिलीप जी परमार ने कहीं। आपने कहा कि गुरु की शरण में जाने से हमारा कल्याण होगा। गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं है।
हम कभी भी गुरु ऋण से उऋण नहीं हो सकते। इस अवसर पर भैया-बहनों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता बहिन जिज्ञासा मालवीय ने की। कार्यक्रम का संचालन बहिन आशा बैरागी ने किया। आभार बहन नेहा परिहार ने व्यक्त किया। इस अवसर पर आचार्य परिवार भी उपस्थित रहे।