खरगोन मध्यप्रदेश

आजादी के 75 वर्ष बाद भी अनुसूचित जाति को मंदिर में जाने से रोका, अनुसूचित जाति के लोगो पर की मारपीट।

जाती है कि जाति नहीं।

कबीर मिशन समाचार खरगोन ब्यूरो विशाल भमोरिया।

सनावद। खरगोन जिले के सनावद थाना क्षेत्र के ग्राम छापरा का है। जहाँ पर शनिवार सुबह एक दलित परिवार द्वारा शिव मंदिर मे जल चडाने पर विवाद हो गया। गाँव के ऊँची जाती के लोगो को एक दलित का मंदिर मे जाना रास नही आया और वहा खड़े ऊँची जाती के लोगो के द्वारा महिलाओ के साथ गाली गलौच और अभद्रता करने लगे। जैसे ही घटना की जानकारी गाँव मे फेली तो दोनों समुदाय के लोगो ने एक दूसरे के ऊपर ईंट पत्थरो से हमला कर दिया, जिससे कई लोगो को चोटे आई है।

गाँव मे अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। दलितो पर हो रहे अत्याचार, उत्पीड़न और मंदिर मे जाने से रोकने की यह कोई पहली घटना नही है, पूर्व मे भी आए दिन कहीं न कहीं ऐसी घटनाये होती रहती है। जिन्हे रोकने और उन पर अंकुश लगाने मे शासन और प्रशासन नाकाम रहा है। जिससे दबंगो के हौसले बुलंद है।

और आये दिन ऐसी घटनाओ को अंजाम दिया जा रहा है। पुलिस प्रशासन की मौजूदगी मे इन जातीवादी कीड़ो और धर्म के ठेकेदारो ने महिलाओ और बच्चों को भी नही छोड़ा और बेखौफ उन पर ईंट और पत्थरो से हमला कर घायल कर दिया। जब तक प्रदेश सरकार इन ओछी और घटिया मानसिकता रखने वाले दबंगो के खिलाफ सख्ती से कार्य वाही नही करेगी, ऐसी घटनाए होती रहेगी। और दलितो के मान सम्मान को दबंगो द्वारा अपमानित और प्रताड़ित किया जाता रहेगा। पिछले वर्ष भी महाशिवरात्रि के पावन पर्व पे खरगोन जिले की एक युवाती को मंदिर मे जाने से रोकने पर विवाद हुआ था। घटना में दलित समाज के करीब 8,10 लोगों को चोट आई है। पुलिस द्वारा विभिन्न धाराओ मे केस दर्ज कर जांच की जा रही है।

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