राजगढ़

राजगढ रबी सीजन 2022-23 में उर्वरक उपलब्धता

कबीर मिशन सामाचार/राजगढ़,

06 नवंबर, 2022,

उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा दी गई जानकारी अनुसार जिले में डी.ए.पी. की गत वर्ष की पूर्ति 16921 टन रही थी। इस वर्ष इसकी अनुमानित मांग 18000 टन है और उपलब्धता 18761 टन है। जिसमें 4040 टन अभी भी सहकारी समिति तथा पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं के पास उपलब्ध है। एन.पी.के. की गत वर्ष की पूर्ति 13829 टन रही थी । इस वर्ष इसकी अनुमानित मांग 14000 टन है जिसमें उपलब्धता 8709 टन है एवं 3033 टन अभी भी सहकारी समिति तथा पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं के पास उपलब्ध है।

एस.एस.पी. की गत वर्ष की पूर्ति 30345 टन रही थी ।इस वर्ष इसकी अनुमानित मांग 32000 टन जिसमें उपलब्धता 30489 टन है। जिसमें 8147 टन अभी भी सहकारी समिति तथा पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं के पास उपलब्ध हैं। एम.ओ.पी. की गत वर्ष की पूर्ति 1729 टन रही थी । इस वर्ष इसकी अनुमानित मांग 2000 टन जिसमें उपलब्धता 1244 टन है। जिसमें 591 टन अभी भी सहकारी समिति तथा पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं के पास उपलब्ध है। यूरिया की गत वर्ष की पूर्ति 54424 टन रही थी।

इस वर्ष इसकी अनुमानित मांग 55000 टन जिसमें उपलब्धता 22866 टन है । जिसमें 3142 टन अभी भी सहकारी समिति तथा पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं के पास उपलब्ध है। उन्होंने किसान भाइयों को सलाह दी है कि बोनी के समय डी.ए.पी., एन.पी.के., एस.एस.पी. तथा एम.ओ.पी. का मुख्यतः आधार डोज के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। जिससे बोनी के समय फास्फोरस तथा पोटास की पूरी मात्रा फसल को प्राप्त हो सके। जिसकी जिले में कही भी कोई कमी नही है तथा यूरिया से नाइट्रोजन की पूर्ति की जाती है ।

जिसे रबी की मुख्य फसल गेंहू में 2 से 3 बार अलग-अलग समय पर दिया जाता है। इसकी आवश्यकता बोनी के 20 दिन बाद लगती है तथा यूरिया का प्रयोग खड़ी फसल में छिड़काव करके भी पूर्ति की जाती है । जिसकी भी मांग कर ली गई है। जिससे शीघ्र ही आपूर्ति कर ली जाएगी। उर्वरक की निरंतर आपूर्ति शासन द्वारा कराई जा रही है। 04 नवंबर, 2022 को पचोर रेक पाईंट पर एनएफएल कंपनी का 12:32:16 मात्रा 2675 टन की लगी थी, 07 नवंबर, 2022 को चंबल फर्टिलाइजर की यूरिया की हॉफ रेक लगभग 1275 मे.टन ब्यावरा रेक पाईंट पर तथा हिण्डालको डीएपी की 1 रेक आगामी 4 से 5 दिवस में ब्यावरा रेक पाईंट पर एवं आईपीएल कंपनी की उर्वरक 20:20:0:13, डीएपी एवं पोटास की मिश्रित रेक भी पचोर रेक पाईंट पर 4 से 5 दिवस में लगना प्रस्तावित है।

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