उत्तरप्रदेश

गोष्ठी में दी गयी नयी तकनीकी से गन्ने की खेती करने की जानकारियां दिया गया।

जिला ब्यूरो चीफ योगेश गोविन्दराव कबीर मिशन समाचार पत्र कुशीनगर उत्तर प्रदेश।

उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र पिपराईच गोरखपुर द्वारा आज सोहरौना में गन्ना विकास गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रगतिशील किसान मनोज तिवारी ने किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए सहायक निदेशक ने कहा कि बावग गन्ना काटने के पश्चात पेड़ी गन्ना वाले खेत का रोटावेटर से अच्छी तरह गुड़ाई करें ।

गन्ने में मूंग ,उड़द की बुवाई करें जिससे हरी खाद की उपलब्धता होगी और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाएगी । पेड़ी गन्ना मे सुझाये गये रसायनिक खादों का प्रयोग करें। गेहूं काटने के बाद सभी किसान ढैचा को बोये तथा 45 दिन के पर उसे मिट्टी पलट कर मिट्टी में मिला दें जिससे हरी खाद उपलब्ध हो जाएगी। सेवरही गन्ना शोध संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर बच्चा राव ने कहा कि गन्ने की उपज बढ़ाने के लिए ट्रेंच विधि से खेती करें ।

सहायक गन्ना प्रबंधक ने कहा कि अच्छी प्रजाति का गन्ना ही किसानों को अधिक पैदावार दे सकता है। उन्होंने बताया कि कोशा 15023, 118, 98014 तथा 9301 की बुआई कर किसान अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं। त्रिवेणी चीनी मिल के कारखाना प्रबंधक मानवेंद्र राय ने बताया कि 26 मार्च तक गन्ने का भुगतान किया जा चुका है ।

गन्ना विकास के लिए चीनी मिल द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं । इस दौरान प्रहलाद तिवारी ,रामपाल ,अनिल तिवारी सुभाष, परिखन प्रसाद, महेंद्र आदि मौजूद रहे।

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