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जबलपुर. मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में गुरुवार को प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों से आए नर्सिंग पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया। 😢छात्र छात्राओं ने सुनाया दुख।

जबलपुर. मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में गुरुवार को प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों से आए नर्सिंग पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया। 😢छात्र छात्राओं ने सुनाया दुख।

समय पर शैक्षणिक सत्र संचालित करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय की लापरवाही से सत्र दो से तीन साल पिछड़ रहा है। लगातार परीक्षाएं टलने से छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है।

कबीर मिशन समाचार । राजकुमार 7089513598

जबलपुर | जबलपुर एमपीएमएससी यूनिवर्सिटी की छात्राए ने दुख से झूझ रही है। पिछले तीन साल से एग्जाम नही हो रही, ओर हर वर्ष 1 एक लाख फीस जमा करवाये जा रहे। दरअसल मामला जबलपुर का है, जहा एमपीएमएससी यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने अपनी आप बीती वीडियो के माध्यम से सुनाई। छात्रा ने बताया कि, “””” पिछले तीन साल पहले बहुत हि क्रिटिकल गरीबी की हालात मे नर्सिंग मे एडमिशन लिया था लेकिन आज तीन साल के बाद भी मे फर्स्ट ईयर मे हु। तीन साल से कोई एग्जाम नही हुई, जबकी एक- एक लाख रुपये हर वर्ष फीस जमा करवा रहे है। ओर स्कालरशिप भी नही आ रही।
छात्रा ने बताया की केवल फीस लूटी जा रही है।””

देखा जाए तो आज के समय मे प्रदेश के मुख्य मंत्री लाड़ली बहना जैसी कई योजनाएँ बनाकर पैसे बांट रहे है, लेकि। वही शिक्षा को ठप कर दिया है। सीधा सा मतलब है, जनता को कुछ रुपये देकर लुभाया जा रहा है, वही उन्ही के बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को कचरे मे डाला जा रहा है। छात्र छात्राए जिस प्रकार रो रो कर अपना दुख सुना रहे है, प्रदेश के लिए ओर देश- प्रदेश के शिक्षा मंत्री व मुख्यमन्त्री के लिए शर्म की बात होनी चाहिए।

साथ ही मध्यप्रदेश छात्र संघ के अध्यक्ष अभिषेक पांडे के साथ पहुंचे छात्रों ने बीएएमएस की सत्र 2019 की परीक्षाओं की 31 बार समय सारणी परिवर्तित करने का आरोप लगाया। इससे सत्र 15 माह विलम्ब से चल रहा है। छात्रों ने 15 दिन के भीतर परीक्षा आयोजित करने की मांग की। छात्रों ने निजी महाविद्यालयों के सम्बद्धता प्रकरण लंबित रखने व उन्हें लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया। छात्रों ने सत्र 2022 में परीक्षा में हुए विलम्ब के लिए परीक्षा नियंत्रक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। परीक्षा नियंत्रक को हटाने की मांग की। ज्ञापन सौंपने के दौरान अमन तिवारी, इशु सिंह, जतिन कनौजिया, आकाश खरे, शिवांशु अवस्थी, अनमोल दुबे, ऋतिक असाटी, आर्यन बेटिया, हर्ष लोधी, आनंद रैकवार आदि मौजूद थे।

मांगों को लेकर दिया ज्ञापन
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ गुरुवार को छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। छात्रों की समस्याओं को लगातार नजर अंदाज करने को लेकर छात्रावासी छात्र प्रशासनिक भवन के सामने आमरण अनशन पर बैठ गए। छात्रों ने विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों का आरोप है कि छात्रावास की व्यवस्थाएं खराब हैं। न तो मेस की व्यवस्था है न ही साफ सफाई। युवा सेल का गठन नहीं किया जा रहा है। छात्र सोमदत्त यादव, सुरेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वित्त कंट्रोलर को नियम विरूद्ध तरीके से वाहन की सुविधा दी जा रही है।

युवाओं से संबंधित समस्याओं के लिए युवा सेल का गठन किया जाए। छात्रों ने विवि में की जा रही भर्ती प्रक्रिया में रोस्टर नियमों का पालन, कॉलेजों की मान्यता आदि की जांच को लेकर ज्ञापन सौंपा। कुलसचिव डॉ. ब्रजेश सिंह ने छात्रों से मुलाकात कर अनशन समाप्त करने के लिए कहा। अनशन के दौरान मृत्युंजय तिवारी, अमिकेश सिंह, कौशल मौर्य आदि मौजूद थे।

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