उज्जैन मध्यप्रदेश

शिवराज सरकार पर कमलनाथ का ट्विटर वार, कहा शिवराज सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा आज एक बार फिर सामने आ गया है।

कबीर मिशन समाचार
विजय सिंह बोड़ाना
संवाददाता मध्य प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के आज आए फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, शिवराज सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा आज एक बार फिर सामने आ गया है।


शिवराज सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को किसी भी आरक्षण का लाभ कभी भी मिले , इसको लेकर तमाम हथकंडे व तमाम साजिशें रची जा रही थी। हमारी 15 माह की सरकार ने ओबीसी वर्ग के हित व कल्याण के लिए उनके आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था। हमारी सरकार जाने के बाद शिवराज सरकार ने एक ग़लत अभिमत देकर इस निर्णय को भी कई माह तक रोके रखा , बाद में जब हमने इसकी लड़ाई लड़ी तो सरकार ने अपनी गलती को सुधार कर हमारी सरकार के निर्णय को लागू किया।

पंचायत चुनाव , नगरीय निकाय चुनाव में भी शिवराज सरकार नहीं चाहती है कि ओबीसी वर्ग को बड़े हुए आरक्षण का लाभ मिले , इसलिए पूर्व में भी पंचायत चुनाव में इस तरह की पेचिदिगियाँ डाली गयी कि ओबीसी वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ नहीं मिले लेकिन हमने लंबी लड़ाई लड़ भाजपा सरकर की इस साज़िश को फेल कर दिया था। अभी भी शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत समय रहते ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रियाओं को पूरा नही किया , आधी-अधूरी रिपोर्ट व ग़लत तरीक़े से आधे-अधूरे आँकड़े पेश किये और उसके बाद भी और समय मांगने पर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की थी कि आपने समय रहते जब कार्रवाई पूरी नहीं की तो अब आगे आप क्या करेंगे।
उसके बाद आज यह फैसला आया है।


यदि भाजपा की शिवराज सरकार मजबूती से न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती , मजबूती से ओबीसी वर्ग के आंकड़ों को रखती तो निश्चित तौर पर आज ओबीसी वर्ग को उनके बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिलता लेकिन शिवराज सरकार तो चाहती ही नहीं थी इसलिए उसने इसको लेकर कोई गंभीर प्रयास नहीं किए लेकिन कांग्रेस आज भी दृढ़ संकल्पित है कि ओबीसी वर्ग को बड़े हुए आरक्षण का लाभ हर हाल में मिलना चाहिए और बगैर ओबीसी आरक्षण के मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव व नगरीय निकाय चुनाव नही होना चाहिये। इसको लेकर हम ओबीसी वर्ग के साथ हैं , हम चुप नहीं बैठेंगे।
हम आज आये फ़ैसले का अध्ययन करेंगे , विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे।
इसको लेकर हम सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे।

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