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तुलसी विवाह, देवउठनी एकादशी या देवउठनी ग्यारस आज जाने कितना महत्व है?

तुलसी विवाह, देवउठनी एकादशी या देवउठनी ग्यारस आज जाने कितना महत्व है?

कबीर मिशन समाचार
मध्यप्रदेश

आज सभी लोग देव उठनी एकादशी (देव उठनी ग्यारस) एवं तुलसी विवाह की शुभकामनाएँ एक दूसरे को दे रहे हैं। भगवान विष्णु सभी को उत्तम स्वास्थ्य, सुख समृद्धि प्रदान करें। अर्थात आज से सभी शुभ कार्यों के साथ ही शादी विवाह समारोह के लिए मुहूर्त शुरू हो गये है। कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इसे देवोत्थान एकादशी, देवउठनी ग्यारस, प्रबोधिनी एकादशी आदि नामों से भी जाना जाता है।

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देवउठनी एकादशी के दिन दान, पुण्य आदि का भी विशेष लाभ प्राप्त होता है। “उत्तिष्ठो उत्तिष्ठ गोविंदो, उत्तिष्ठो गरुणध्वज। उत्तिष्ठो कमलाकांत, जगताम मंगलम कुरु।।” अर्थात यह है कि जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु आप उठिए और मंगल कार्य की शुरुआत कीजिए। पावन देवोत्थान एकादशी एवं तुलसी विवाह की आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं। भगवान श्री विष्णु व माता तुलसी की कृपा से संपूर्ण सृष्टि का कल्याण हो, सभी का जीवन संकट मुक्त, सुख-समृद्धि एवं आरोग्यता से परिपूर्ण हो, यही अभिलाषा है।

तुलसी संग शालिग्राम ब्याहे
सज गई उनकी जोड़ी
तुलसी विवाह संग लगन शुरू हुए
जल्दी ले कर आओ पिया डोली

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