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पनौती शब्द पर गरमा गई राजनीति, क्या पनौती वाली घटना कभी आपके साथ भी हुई है?

कबीर मिशन समाचार, मध्यप्रदेश

भोपाल। ट्विटर पर पनौती काफी वायरल हो रहा है।इसका सीधा कारण ही राहुल गांधी, राहुल गांधी ने अपनी एक सभा में पनौती शब्द का उपयोग किया। जिससे राजनीति पूरी तरह गरमां गई है। पनौती शब्द का लगभग लोगों का इशारा गुजरात के अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी स्टेडियम में अभी फिलहाल में हुए क्रिकेट विश्वकप मैच भारत और आस्ट्रेलिया के बीच हुए मैच को लेकर लोगों ने कहा है जिसमें भारत बुरी तरह से मैच हार गई है।

कांग्रेस के बड़े नेता पवन खेड़ा ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा की आज मीडिया के हमारे मित्र बहुत भावुक हो रहे हैं।

हमें भाषा की मर्यादा पर सलाह दी जा रही है। अरे तब यह ‘ज्ञानचंद’ कहाँ थे जब भाजपा के नेता ‘राहु काल’, ‘पप्पू’, ‘मूर्खों के सरदार’ जैसे शब्द बोल रहे थे? एक ट्वीट दिखाइए जहाँ भाषा की मर्यादा का ज्ञान भाजपा को बाँटा हो वही एक मंडल नामा ट्विटर यूजर ने लिखा की, मैच के दिन स्टेडियम में लगभग 1 लाख तीस हज़ार लोग बैठे थे।

फिर BJP वालो को क्यों ऐसा क्यों लग रहा है कि राहुल जी ने पनौती उनके एक नेता के लिये प्रयोग किया है। राहुल जी ने किसी का भी नाम नहीं लिया है, लेकिन BJP वालों की आत्मा तब क्यों नहीं होती जब विपक्ष के बड़े नेता को पप्पू की संज्ञा दी जाती है। इन्हें कल ही मूर्खों के सरदार की उपाधि दी गई। विपक्ष की एक महिला को “कांग्रेस की विधवा” कहा, भरी संसद में एक महिला को 50 Cr की गर्लफ़्रेण्ड कहा, भरी संसद में ही एक महिला को सुपंखा कहा, देश के एक मुख्यमंत्री को खुजलीवाल तक कहा और तो और हमारे देश को अन्न खिलाने वालो तक को इन्होंने नहीं छोड़ा , हमारे अन्नदाता किसानों को आतंकवादी और मवाली तक बोला गया। जब आज अपने पे आई तो चुन्ने लग रहे गांव में ये नाम राहुल गांधी ने नहीं देश की जनता ने दिया है।

दरअसल शब्दों को अपना बड़ा खेल है। शब्दों को जिस स्थान पर रखकर बोला जाए तो अर्थ बदल जाया करते हैं। जब राहुल गांधी भारतीय राजनीति में आए तो उन्हें पप्पू के नाम से संज्ञा दी गई थी। ऐसे अनेक नामकरण किया गया था। जो बहुत दिनों तक चला था। आज पनौती शब्द की चर्चा हो रही है। पनौती का अर्थ है कि काम को बिगाड़कर रख देने वाला। इसका गांव देहात में भी बहुत प्रचलित है। लोग किसी को चिढ़ाने के लिए इसी शब्द का प्रयोग करते हैं।

अक्सर हमने देखा है सुना है और महसूस भी किया है। जब चार लोग कहीं बैठकर कुछ कर रहे होते हैं तो उनका काम बिगाड़ने वाला कोई व्यक्ति वहां आकार उपस्थित हो जाता है और वहां काम निश्चित रूप से खराब हो ही जाता है इसलिए उसे पनौती कहते हैं। ऐसा कई मर्तबा शायद आपके साथ भी हुआ होगा। जैसे उदाहरण के लिए जब कोई कहीं से आता है और ठीक उसी समय बिजली चली जाए तो लोग कहेंगे है कि पनौती आ गया और लाइट चली गई।

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