रिपोर्टर योगेश गोविन्दराव तहसील संवाददाता कप्तानगंज कुशीनगर।
कुशीनगर। पूर्व विधायक तथा जनपद के वरिष्ठ भाजपा नेता मदन गोविंद राव निर्धारित तिथि 16 जनवरी को जिले के मुख्य न्यायिक अधिकारी (सीजीएम) कोर्ट में उपस्थित हुए लेकिन संबंधित मुकदमों की फाइल उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण वारेंट वापसी तथा जमानत संबंधी कोई कार्य संपन्न नहीं हो सका जिसके कारण अग्रिम तिथि पर अदालत विचार करेगी।
मोबाइल पर संपर्क करने पर पूर्व विधायक ने कहा कि कभी-कभी अदालतों में पत्रावलियां इधर-उधर हो जाया करती हैं । मैं स्वंय कानून का डिग्री धारक हूं इसलिए इसे अचम्भा की दृष्टि से नहीं देखता हूं। यहां तक मेरा मामला है अदालत में मेरी पहली पेशी होगी। सभी मामले जमानत योग्य एवं राजनैतिक किस्म की है। अदालतों ने गंभीर मामलों में भी उदारता पूर्वक जमानत दी है। हालांकि जमानत के संबंध में न्यायिक अधिकारी को विवेकाधिकार प्राप्त है।
लेकिन उसे न्यायिक विवेकाधिकारी के रूप में ही देखा जाना चाहिए। न्यायालय नागरिकों की सुरक्षा तथा पीड़ितों को न्याय देने का कार्य करती है तथा नागरिक अधिकारों का संरक्षक है। धरना प्रदर्शन संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकार है। यह भी पता चला है कि उक्त तिथि को उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पूर्व विधायक से केस की बावत जानकारी भी लिए हैं।
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