नीमच

मनासा पुलिस कर रही दबाव में एक पक्षीय कार्यवाही, पीड़ित ने लगाई एसपी से न्याय की गुहार, दिया ज्ञापन

नीमच। मनासा थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम बरडिया निवासी बाछड़ा समुदाय के परिवार जनों द्वारा एसपी कार्यालय पहुँचकर ज्ञापन सौपा और कलेक्टर कार्यालय जनसुनवाई में कलेक्टर दिनेश जैन के नाम आवेदन दिया जिसमें बताया कि पूर्व में ग्राम बर्डिया में जमीन की बात पर विवाद हो गया था। जिसके बाद हम फरियादी पक्ष द्वारा मनासा थाने पर रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। जिसके बाद पुलिस द्वारा विपक्षीगणों के 3 लोगो को गिरफ्तार कर लिया था।

पुलिस अभिरक्षा में एक आरोपी की मृत्यु हो गई। जिसके बाद विपक्षी गणों द्वारा आए दिन हमारे साथ मारपीट की जाती है और अवैध रुपयों की मांग कर गाली गलौज की जाती है हमें प्रताड़ित किया जाता है हमारे द्वारा पुलिस प्रशासन मनासा को अनेकों बार शिकायत की गई परंतु मनासा पुलिस द्वारा हमारी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है और झूठे प्रकरणों में फसाया जा रहा है।

दरअसल मामला मनासा के ग्राम बर्डिया निवासी अरुण पिता चंद्रशेखर आर्य ने बताया कि प्रार्थिगण की मौसी मोहनबाई की लड़की शांताबाई पिता गणेशराम बांछड़ा निवासी मल्हारगढ़ जो कि लगभग 30 वर्षों से शासकीय हॉस्पिटल मल्हारगढ़ में नर्स के पद पर कार्यरत थी। एवं शासकीय कॉलोनी मल्हारगढ़ में निवास करती थी जिसके पास प्रार्थी जीवन लाल की लड़की मीना एवं प्रार्थी अरविंद की लड़की कंकू बचपन से ही शांताबाई के पास रहती थी शांताबाई ने इन दोनों लड़कियों को अपने पास रख कर पालन पोषण कर पढ़ाया लिखाया जिसमें से बड़ी लड़की मीना लगभग 12 वर्ष से सिविल हॉस्पिटल मल्हारगढ़ में लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं तथा कंकू पढ़ाई कर रही है।

शांताबाई की 18 अगस्त 2020 में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी जिसके बाद अंतिम इच्छा पत्र लिखवाया था। जिसकी जानकारी हम प्रार्थी गणों को शांताबाई की मृत्यु के पश्चात हुई अंतिम इच्छा के पत्र के अनुसार शांताबाई ने अपने गांव बर्डिया में स्थित अपनी करीब ढाई बीघा जमीन बर्डिया बस स्टैंड पर स्थित बालाजी मंदिर को दान कर दी तथा शांताबाई ने ग्राम बर्डिया में स्थित अपना मकान महिला बाल विकास विभाग के आंगनवाड़ी के लिए दान किया है।

अंतिम इच्छा पत्र के अनुसार शांताबाई की माता मोहन भाई के सन 2000 में मृत्यु के बाद विपक्षी गण एवं शांताबाई के बीच वर्ष 2002 तक करीब 2 वर्षों तक झगड़ा हुआ जिसके बाद परेशान होकर शांताबाई ने मोहन भाई के जेवर व पैसा विपक्षी गणों को समाज के लोगों के समक्ष सौंप दिया था। जिसके बाद विपक्षी गण द्वारा अभी भी विवाद किया जा रहा है पूर्व में भी पुलिस अभिरक्षा में विपक्षी गण के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जिसके बाद पुलिस ने फरियादी पर ही केस दर्ज कर दिया और आए दिन धमकी देते हैं कि झूठे केस में फसा देंगे और हमारे द्वारा शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

प्रार्थीगण ने 26 विपक्षीगणों के नाम देकर आवेदन दिया है। जिसके बाद प्रार्थी गणों द्वारा पुलिस प्रशासन से प्रताड़ित होकर न्याय की गुहार लगाकर ज्ञापन सौप मांग की गई है कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

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