शिक्षा सीहोर

अनुभूति कार्यक्रम में उत्कृष्ट विद्यालय सीहोर के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक पहुंचे खारी

एक दिवसीय शिविर में 105 स्वयंसेवकों ने की सहभागिता।

कबीर मिशन समाचार जिला सीहोर।
सिहोर से संजय सोलंकी की रिपोर्ट।
सीहोर, मध्य प्रदेश शासन वन विभाग, वन मंडल सीहोर, वन परिक्षेत्र सीहोर, के सहयोग से, शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1, सीहोर, में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने संस्था प्राचार्य सुनीता जैन के मार्गदर्शन में सहभागिता की, कार्यक्रम के आरंभ में रेंजर सिद्धार्थ सिंह एवं राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र राय ने वनों का मानव जीवन में महत्व व वन प्राणियों के संरक्षण एवं उपादेयता पर विस्तार से चर्चा कर स्वयंसेवकों एवं उपस्थित जनसमूह का मार्गदर्शन किया,मास्टर ट्रेनर बशीर खान एवं हरीश आर्य ने वनस्पतियां और वृक्षों की प्रजातियां को वनों में दिखाकर उनके औषधि एवं अन्य गुणों से अवगत कराया,खारी जंगल में अनुभूति कार्यक्रम का उद्देश्य और थीम “मैं भी बाघ हूं” रहा, इसके अंतर्गत 04 किलोमीटर पैदल भ्रमण कर स्वयंसेवकों ने जंगली जानवर, पेड़ पोंधे, वनस्पति, औषधीय पोंधे, जंगली जानवरों के निशान को नेचर ट्रेल के माध्यम से जाना।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एम एस डाबर डी एफओ ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस खारी जंगल में टाइगर भी है, मध्य प्रदेश में 257 बाघ 2010 में थे अब 2022 की गणना में 785 हो गए हैं बाघ की ओसत आयु 13 से 15 वर्ष है एक रात्रि में 80 किलो मीटर चलता है पूरे भारत में 3682 टाइगर है इस प्रकार वन एवं वन्य जीवन के महत्व को रेखांकित करते हुए स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया।

कार्यक्रम के विशेष अतिथि राजेश शर्मा एस डीओ ने अपने उद्बोधन में सभी स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया और उन्हें वन्य तथा वन्य प्राणियों के प्रति मानव समाज में जागरूकता हेतु कार्य करने के लिए प्रेरित किया, एक दिवसीय अनुभूति शिविर की समाप्ति पर विभिन्न प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तृतीय एवं सहभागिता हेतु प्रमाण पत्र तथा ट्रॉफी से अतिथियों द्वारा स्वयंसेवकों को पुरस्कृत किया, कार्यक्रम का संचालन डॉ देवेंद्र साहू, ने एवं आभार बृजेश राठौर डिप्टी रेंजर द्वारा व्यक्त किया गया कार्यक्रम में जय किशन जोशी सर व शिक्षिका गुणमाला वर्मा , वर्षा रघुवंशी, निशा ठाकुर एवं विनय टीमरई,परिक्षेत्र सहायक, मैडम गोहर जहां सिद्धिकी, वंदना सक्सेना महेंद्र श्रीवास्तव वीरेंद्र भाटी और वन समिति अध्यक्ष हरी प्रसाद गौर ने विशेष सहयोग किया

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