की उन्नत एवं आधुनिक तकनीकी के गुर…कृषि विज्ञान मेले का हुआ समापन
आगर-मालवा, 21 मार्च/ किसान कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा जिला मुख्यालय पर आयोजित दो दिवसीय कृषि विज्ञान मेले का शुक्रवार को समापन हुआ। समापन समारोह में अतिथि के रूप में किसान संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री डूंगरसिंह, श्री राघुसिंह चौहान, श्री नारायण बोडाना उपस्थित रहे। समापन समारोह में उप संचालक कृषि श्री विजय चौरसिया द्वारा किसानों को चियासीड्स, तिल, किनोवा एवं.
ग्रीष्मकालीन मूंग के बारे में विभाग द्वारा दी जा रही सहायता के बारे में जानकारी प्रदान की गई। इसके उपरान्त कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर.पी.एस. शक्तावत द्वारा किसानों को ग्रीष्म कालीन मूंग, तिल, मक्का की वैज्ञानिक तकनीकि से खेती किस प्रकार से की जाए उसको पी.पी.टी. पॉवर पांईट से जानकारी दी।
प्रधान वैज्ञानिक डॉ. ए.के. दीक्षित द्वारा माईक्रो ग्रीन की अवधारणा के बारे में किसानों को बताया गया। तत्पश्चात वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जी.आर. अम्बावतिया
द्वारा जिले की भौगौलिक स्थिति एवं जलवायु की अनुसार उपयुक्त फसलों के बारे में कृषकों को जानकारी देकर हल्दी, अश्व गंधा, इसबगोल, चन्द्रसुर की खेती की विधि, अधिक से अधिक लाभ प्राप्ति एवं मार्केटिंग के बारे में बताया गया।
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस.एस. धाकड ने नरवाई का प्रबंधन हेतु कृषि यंत्र जैसे बेलर, स्ट्रा रिपर, रोटावेटर का उपयोग करने तथा मिट्टी प्रबंधन के लिए सब सोयलर यंत्र हेरो, डिस्के हेरो के उपयोग एवं लाभ के बारे में बताया गया ।वैज्ञानिक डॉ. रेखा तिवारी द्वारा मानव शरीर के लिए पौषण का प्रबंधन किस प्रकार किया जाये,
जिससे कुपौषण से होने वाले बीमारी एवं डिसऑर्डर से किस प्रकार से निजात पा सकते है, उसके बारे में हरी सब्जीयां मेथी, पालक तथा प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों पर प्रकाश डाला गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर.के. सिंह द्वारा मशरूम की खेती, मार्केंटिंग कर अधिक आय अर्जित करने की जानकारी दी।
विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ. आर.सी. दाधिच ने बकरी पालन की संभावनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि आगर मालवा एक शुष्क क्षैत्र होने के कारण बकरी पालन एक सफल व्यवसाय साबित हो सकता है। उन्होंने बकरी पालन में बरती जाने वाली सावधानियां, मूलभूत आवश्यकता एवं रोग प्रबंधन पर प्रकाश डाला।
वैज्ञानिक डॉ. सुरूची सोनी ने संतरा के मूल्य संवर्धन के बारे में बताया गया कि संतरा जूस, केण्डी, किस प्रकार से बनाई जायें, इसके बारे में विस्तृरत जानकारी दी। कृषि मेले में खाद, बीज, दवाईयों तथा फार्मर प्राड्यूसर, ओर्गनाईजेशन, प्राकृतिक खेती करने वाले सर्विस प्रोवाइडर एवं उन्ननतशील कृषकों द्वारा स्टाल लगाए गए, जिन्हें
अतिथियों द्वारा प्रमाण-पत्र एवं शिल्ड से सम्मानित किया गया। साथ ही वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों से प्रश्नोत्तरी की गई, जिन किसानों द्वारा प्रश्न के सही जवाब दिये गये, उनको उपहार स्वरूप 10 किसानों को 10 दीवार घड़ी प्रदान की गई। द्वितीय दिवस पर विशेष रूप से गरिमामयी अन्नदाताओं की उपस्थिति रही
जिसमें जिले की चारों तहसील से बड़ी संख्या में अन्नदाताओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया छोटे से गांव धनोरा तहसील नलखेड़ा के किसान सत्यमंगल मांगीलाल कुलश्रेष्ठ “अमन” आकाशवाणी एवं दूरदर्शन कलाकार राष्ट्रीय गायक अध्यक्ष मध्यप्रदेश लेखक संघ ईकाइ नलखेड़ा आनंदम मध्यप्रदेश राज्य शासन आनंद विभाग अध्यक्ष संगीत साहित्य
जन कल्याण एवं शोध संस्थान समिति कबीर कुटी नलखेड़ा,धनोरा, स्काउट मास्टर, नवाचारी शिक्षक शासकीय हाई स्कूल टिकोन ने अन्नदाता किसान किस प्रकार वैज्ञानिक, विधियों ,को अपना कर जैविक खेती जो कम लागत में अधिक उत्पादन ,लेकर,देश की आय बढ़ा सकता हे, उद्यानिकी, पशुपालन
, क़ृषि यंत्रों पर सब्सिडी, तथा बागवानी व दवाईयों वाली खैती अपने क़ृषि वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में कर खुब लाभ कमाएं ईन बातों को ध्यान में रखते हुए मालवी लौकशैली में गीत रचना कर सूं मधूर स्वर में सुना व समझा कर खुब तालियां बटोरी।
कार्यक्रम के अंत में उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग श्री विजय चौरसिया द्वारा मेले में पधारे समस्त जनप्रतिनिधिगण एवं अतिथियों का तथा मेले में सहयोग प्रदान करने वाले समस्त लोगो एवं किसानों का आभार व्यक्त किया गया।