राजगढ़

महाशिवरात्रि पर्व पर हमारी एक बुरी आदत को त्यागे और एक अच्छाई को धारण करें तभी भोलेनाथ प्रसन्न होंगे और स्वयं का जीवन भी आनंदमय हो जाएगा – ब्रह्माकुमारी वैशाली दीदी

कबीर मिशन समाचार। पचोर/राजगढ़, विष्णु प्रसाद भिलाला पचोर।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान मे महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में 87वी शिव जयंती मनाई गई। जिसमें विकास करोडिया(नगरपरिषद अध्यक्ष), नीलम सक्सेना (जिला अध्यक्ष महिलामोर्चा भाजपा), हनुमान प्रसाद गर्ग(पूर्व संसदीय सचिव), ब्रह्माकुमारी वैशाली दीदी (ब्रह्माकुमारीज संस्था प्रभारी) मंचासिन हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से किया गया। जिसमें पत्रकार बंधु राजेश नागर, दिलीप कुशवाह, राजेश पाटीदार, बद्रीलाल यादव, ,हरीश मुंदेरिया एवम मनीष अग्रवाल,कैलाश विजयपुरिया, बनवारी सोनी,अरुण सक्सेना ने भी दीप प्रज्वलन में भाग लिया। हनुमान प्रसाद गर्ग ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस महापर्व पर तन को शुद्ध रखने के साथ-साथ मन को भी शुद्ध रखें बुराइयों से बचे किसी भी प्रकार का नशा ना करें।

विकास करोड़िया ने महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अपना चित्र आईने में साफ देखते हैं उसी तरह हमारे चरित्र को भी साफ रखे। नीलम सक्सेना ने ब्रम्हाकुमारी दीदियों एवं संस्थान की महिमा करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी बहने धर्म का कार्य कर रहे ,धर्म को आगे ले जा रहे है ये एक अद्भुत कार्य है ,चाहे वो समाज में महिला सशक्तिकरण हो, चाहे वो पर्यावरण हो, चाहे वो अज्ञानता को दूर करके शिक्षा देने का क्षेत्र हो ऐसे प्रत्येक क्षेत्र में योगदान निभा रही है और समाज कल्याण का कार्य निरंतर कर रही है।

बनवारी सोनी ने कहा कि हमारे बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी दे ,उन्हें धर्म से जोड़े रखे तथा मोबाइल से दूर रखें। ब्रह्माकुमारी वैशाली दीदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि महाशिवरात्रि पर्व परमात्मा शिव को स्मरण करने की रात्रि है, रात्रि शब्द अज्ञान अंधकार को कहा जाता है।

परमात्मा शिव जब अज्ञान अंधकार बढ़ता है तब ज्ञान का प्रकाश लेकर वह इस संसार में साधारण मानवीय वेश में प्रकट होते है ।शिवपुराण में वर्णित है कि परमात्मा शिव ब्रह्मा की ललाट पर प्रकट होते हैं वो अभी का समय है, इस समय पापाचार दुराचार ,अत्याचार ,भ्रष्टाचार बढ़ रहा है धर्म की ग्लानि हो रही है चारों तरफ अज्ञानता फैली हुई है मानवता नष्ट होती जा रही है ।

इस समय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माध्यम से वह अज्ञान अंधेरा मिटाने का कार्य कर रहे हैं, सनातन धर्म की पुनः स्थापना करने के लिए भारत ही नहीं अपितु विदेशों में भी यह ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग की शिक्षा दी जा रही है।

परमात्मा शिव 87 वर्षों से इस संस्थान के माध्यम से संस्कार परिवर्तन कर संसार परिवर्तन करने का कार्य कर रहे हैं। इस शिवरात्रि पर हम अक, धतूरा, बैर ,चढ़ाकर भोलेनाथ को और स्वयं को तो खुश कर लेते हैं,लेकिन जीवन में ससच्ची सुख, शांति नहीं आती है। आज के दिन भोलेनाथ से यह प्रतिज्ञा करें की कोई ना कोई एक बुरी आदत आज चढ़ाएंगे।

तभी भोलेनाथ भी प्रसन्न होंगे और हमारी बुरी आदत छूटेगी तो हम भी प्रसन्न रहेंगे। ब्रह्माकुमारी सीमा दीदी ने सभी को बुराई छोड़ने के लिए प्रतिज्ञा कराई। राजयोग द्वारा परमात्मा का अनुभव कराया। सुंदर-सुंदर नृत्य नाटिकाओं के द्वारा परमात्मा शिव का संदेश दिया गया। शिव ध्वज लहराया गया, महाआरती की गई ,परमात्मा शिव को भोग स्वीकार कराकर प्रसाद वितरित कि गई। आभार ब्रह्माकुमारी वैशाली दीदी ने माना।

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