छत्तीसगढ़ देश-विदेश राजनीति

रायपुर। कांग्रेस महाधिवेशन में निजीकरण, ईवीएम मशीन पर रोक एवं बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं

क्या कांग्रेस को अपनी सरकार बनाने के बजाय अपने को किसी तरह बचाए रखने पर ध्यान लगाना होगा,

कहीं भाजपा और कांग्रेस की एक ही विचारधारा तो नहीं है ॽ

विजय बौद्ध संपादक दि बुद्धिस्ट टाइम्स भोपाल मध्य प्रदे

3 मार्च 2021 को दैनिक भास्कर में प्रकाशित लेख में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने विचार अभिव्यक्त कर कहा था, कि सरकार द्वारा निजीकरण पर जोर देने से अर्थव्यवस्था को दीर्घकालीन गंभीर नुकसान हो सकते हैं। निजीकरण करने पर ऐतिहासिक रूप से समाज के हाशिए पर खड़े वर्गों के लिए आरक्षण के मौके खत्म हो जाएंगे।

आनन-फानन में राष्ट्रीय संपत्ति बेचना देश का अहित है। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा था, कि प्राइवेटाइजेशन पर यह कह कर बल दिया जा रहा है, कि व्यवसाय करना सरकार का काम नहीं है। सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार को याद दिलाए जाने की जरूरत समझते हुए कहा, कि जो सरकार देश में वित्तीय प्रबंधन करने में फेल साबित हुई है। जो सरकार रोजगार देने में विफल है। जो सरकार समावेशी विकास सुनिश्चित नहीं कर सकती। सरकार को चलाने के लिए देश की संपत्तियों को बेचकर पैसा अजीत करना पड़े, ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। तो सवाल उठता है, की जब कांग्रेस की सरकार यदि 2024 में बनती है तो, जो सरकारी संपत्ति नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पूंजीपतियों उद्योगपतियों को बेची जा रही है, और बेची गई है।

सरकारी संपत्तियों का निजीकरण किया जा रहा है। तो क्या कांग्रेस की सरकार बनेगी तो बेची गई सरकारी संपत्तियां वापस ली जाएगीॽ निजीकरण खत्म किया जाएगाॽ यदि कांग्रेस निजीकरण के खिलाफ है, तो हाल ही में रायपुर में हुए पचासी वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में इतने गंभीर मुद्दों को क्यों नहीं उठाया गया ॽ अपने चुनावी एजेंडे में क्यों शामिल नहीं किया गया ॽ क्या 2024 के चुनावी एजेंडे में निजी करण सहित ईवीएम मशीन हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने का वचन जनता को कांग्रेस देगी ॽ बेरोजगारी अत्यंत गंभीर मुद्दा है बल्कि यह राष्ट्रीय समस्या है, रोजगार नहीं मिलने के कारण करोड़ों नौजवान शिक्षित बेरोजगार डिप्रेशन में है, और कई आत्महत्या कर चुके हैं।

क्या कांग्रेस सरकार बनेगी तो देश में करोड़ों रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगीॽ बैकलाग के पदों को भरेगी ॽ जब तक समाज में भेदभाव रहेगा तब तक आरक्षण लागू रहे, और पदोन्नति में आरक्षण देंगे उसके लिए नियम बनवाएंगे ऐसा वचन पत्र में उल्लेख करेगी ॽ यदि ऐसी मंशा कांग्रेस की होती तो निश्चित रायपुर राष्ट्रीय महाधिवेशन में यह अहम एवं गंभीर मुद्दों पर चर्चा होती। परंतु कांग्रेसियों ने अधिवेशन में यह मुद्दों पर चर्चा नहीं किया। कांग्रेस ने अडानी के फर्जीवाड़े एवं देश को लूटने के मामले को उजागर किए जाने सहित अधिवेशन में 6 प्रस्ताव पास किए हैं। सामाजिक न्याय, भाजपा के कट्टर हिंदुत्व की राजनीति का जवाब देना, कांग्रेस गठबंधन में एससी एसटी ओबीसी महिलाओं और युवाओं को 50% आरक्षण देना, देश में जातिगत जनगणना कराना। लेकिन जिन मुद्दों पर कांग्रेस हमेशा सत्तारूढ़ दल पर आक्रमक कर रही है।

वह मुद्दे बेरोजगारी महंगाई निजी करण एवं भ्रष्टाचार एवं शासकीय नौकरी में आरक्षण पदोन्नति में आरक्षण एवं बैकलॉग के पदों को भरे जाने का कोई एजेंडा नहीं बना पाई है। ना ही ईवीएम मशीन के बदले ब्लैड पेपर से चुनाव कराने का कोई जिक्र भी किया गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन पर सवाल खड़ा करते हुए भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश वैदिक वैसे यह लेखक कभी कभी मनुवादी हो जाते हैं।

उन्होंने कहा है कि राम मनोहर लोहिया के पास गूंगी गुड़िया थी, जयप्रकाश नारायण के पास आपातकाल और विश्व नाथ प्रताप सिंह के पास वह फोर्स की तोप थी वर्तमान विरोधियों के पास क्या है ॽ क्या कांग्रेस के नेतृत्व में एक हो सकेगा विपक्ष ॽ डॉ वेद प्रताप वैदिक जी क्या आपके नाम के अनुसार आपको वेदों के अलावा कोई और सोच दिखाई देती है या नहीं ॽ क्या कांग्रेस, विपक्ष के पास निजी करण ईवीएम मशीन भ्रष्टाचार बेरोजगारी महंगाई एवं खतरे में देश का संविधान लोकतंत्र बहुजन समाज अल्पसंख्यकों के मुद्दे नहीं है ॽ

आपको यह नहीं दिखेगा क्योंकि आप वैदिक है आपने लिखा है कांग्रेस का राष्ट्रीय महाधिवेशन रायपुर में होने के पहले दाल में मक्खी पड़ गई है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के कई नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने छापे मारे हैं। तो क्या भाजपा दूध की धुली हुई है ॽ कर्नाटका के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता येदुरप्पा जैसे भ्रष्ट और बेईमान तो किसी भी राजनीतिक दल में नेता नहीं है। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार जैसा व्यापम घोटाला भ्रष्टाचार उसमें हत्याएं किसी भी राजनीतिक दल की सरकार और देश में क्या दुनिया में कहीं नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्री सतीश द्विवेदी द्वारा करोड़ों का भोजन घोटाला किया गया।

स्कूली छात्राएं के भोजन के नाम पर करोड़ों रुपए डकारे गए हैं। आप कांग्रेस को ही भ्रष्ट न समझे, इस भ्रष्टाचार कि नांव में भाजपा भी पूर्ण रूप से डूबी हुई है। आपको लगता है, कि नरेंद्र मोदी सरकार के विरुद्ध विपक्षी, मोर्चा खड़ा करना आसान नहीं है। वेद प्रकाश वैदिक जी नरेंद्र मोदी सरकार भाजपा को मोर्चे से डर नहीं है।

कोई कितना भी बड़ा मोर्चा विपक्ष खड़ा कर ले, जब तक ईवीएम मशीन रहेगी और चुनाव आयोग के साथ-सांठगांठ रहेगी, भाजपा नरेंद्र मोदी की सरकार बनती रहेगी। भाजपा के चाणक्य अमित शाह वैसे लोग उन्हें तड़ीपार कहते हैं। वह व्यक्ति तो जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि विधायकों सांसदों को करोड़ों रुपए में खरीद-फरोख्त कर सरकार गिरा कर प्रजातंत्र की हत्या करते हैं, और अपनी सरकार बना लेते हैं। इस मुद्दे पर कभी लिखने की हिम्मत करना वेद प्रकाश वैदिक जी ॽ लोकतंत्र के हत्यारे नरेंद्र नरेंद्र मोदी सरकार की तारीफ में पुल बांधते हुए आपने लिखा है, कि उनकी सरकार विदेशों में इतनी लोकप्रिय है कि पिछली श्रेष्ठतम सरकारों से उसकी तुलना की जा रही है।

मैं आपका कई मुद्दों पर ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूं। देश विनाश के कगार पर है। बेरोजगारी चरम सीमा पर है। रोजगार नहीं मिलने के कारण शिक्षित बेरोजगार डिप्रेशन में है, और आत्महत्या कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने संकल्प लिया था, कि 2022तक 80 करोड लोगों को रोजगार दे देंगे ॽ क्या रोजगार दिया है ॽ रोजगार तो दिया नहीं बल्कि 80 करोड लोगों को फ्री अनाज की भीख दे रहा है, यानीकि 80 करोड लोगों को भिखारी बना दिया। और आप तारीफों के पुल बांधते थकते नहीं है।

लोकतंत्र में डरा हुआ पत्रकार, मरा हुआ नागरिक पैदा करता है। गलत का विरोध खुलकर करना चाहिए चाहे सरकार किसी की भी हो, इतिहास टकराने वालों का लिखा जाता है। तलवे चाटने वालों का नहीं। आपने लिखा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार श्रेष्ठतम सरकारों में से है और उनकी दुनिया तारीफ करती है।

तो फिर आपको याद दिला दूं,,, लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर चेतन भट्ट शायद वे गुजरात से ही है। उन्होंने कहा है कि नरेंद्र मोदी पूरी तरह निर्दयी खतरनाक एवं तानाशाह विचारधारा के प्रतीक है। जो आधुनिक भारत के संस्थापक विचारों सामान्य उदारवाद लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत है। नरेंद्र मोदी एवं उनकी सरकार से देश के विकास, कल्याण की कल्पना करना भी बहुत बड़ी भूल है। देश बिकने नहीं दूंगा बोलने वाले नरेंद्र मोदी ने निजी करण कर सरकारी संपत्तियों को अदानी अंबानी को बेच दिया है।

सरकारी संपत्तियां बेचने और गिरवी रखने के बाद भी नरेंद्र मोदी की सरकार 125 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी हुई है। सितंबर 2021 से 31 मार्च 2022 तक 13.3 लाख करोड़ कर्ज और लेने वाली है। वही 2022-23 का बजट अनुमान बताता है कि 31 मार्च 2023 में यह कर्ज बढ़कर वर्तमान एक्सचेंज रेट पर 155, 3लाख करोड रुपए हो जाएगा। यानी कि 31 मार्च 2023 के बीच सरकार 76,3 लाख करोड रुपए का कर्ज और लेगी। 2014 के पूर्व मात्र सरकार पर 53.1 लाख करोड़ कर्ज था। अब बढ़कर 155.3 लाख करोड रुपए हो जाएगा।

देश में 1965, 1971, 1999 में 3 युद्ध हुए। लेकिन रिजर्व बैंक का रिजर्व धन निकाला नहीं गया था। परंतु नरेंद्र मोदी सरकार ने रिजर्व बैंक को भी लूट लिया। नरेंद्र मोदी की सरकार में देश में युद्ध से भी ज्यादा बुरे हालत पैदा हो गए हैं। और आप कांग्रेस को सलाह दे रहे हैं, कि अपनी सरकार बनाने के बजाय अपने को किसी तरह बचाए रखने पर ध्यान देना चाहिए। एक शायर ने कहा था, उम्र भर ग़ालिब यही भूल करता रहा। धूल चेहरे पर थी, और आईना साफ करता रहा।

जो मनुवाद की छाया आप पर पड़ी हुई है, उसे हटाओ,, दुनिया में वर्तमान नरेंद्र मोदी की सरकार से अधिक भ्रष्ट और लोकतांत्रिक तानाशाह सरकार कहीं नजर नहीं आएगी। आज देश का संविधान लोकतंत्र एवं बहुजन समाज अल्पसंख्यक खतरे में है। भय का वातावरण है। हम सब भयभीत है। अभिव्यक्ति की आजादी खत्म कर दी गई है। जो सरकार के जनविरोधी नीतियों के खिलाफ, व्यवस्था के खिलाफ बोलते हैं। लिखते हैं। लड़ते हैं। उन्हें देशद्रोही, नक्सली करार देकर या रासुका के तहत जेल में ठूंस दिया जाता है। या सुनियोजित षड्यंत्र के तहत उनकी हत्या कर दी जाती है। इस षड्यंत्र में कई बुद्धिजीवी पत्रकार जज मारे गए हैं। या उन्हें जेल में ठूंस दिया गया है।

आप कहते हैं कि कांग्रेस विपक्ष के पास कौन सा मुद्दा है जो नरेंद्र मोदी सरकार को चुनौती दे सके ॽ 2014 के बाद से देश में प्रजातंत्र रहा ही नहीं। निजी करण के माध्यम से देश को गुलाम बनाने की साजिश रची गई है। धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र को हिंदू राष्ट्र ब्राह्मण राष्ट्र बनाने की होड़ लगी हुई है। देश के हालात इतने भयानक एवं खतरनाक है,कि अदानी अंबानी जैसे देश के लिए कलंकित लोग देश का लाखों करोड़ों रुपया लूटकर हड़पने में लगे हुए हैं।

देखो अदानी ग्रुप हिंडोन वर्ग रिपोर्ट मामले अडानी के फ्रॉड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने छह सदस्य वाली विशेषज्ञ कमेटी बनाई है। और 2 माह में रिपोर्ट मांगी है। यदि सुप्रीम कोर्ट ने अडानी के भ्रष्टाचार और देश के साथ धोखाधड़ी गद्दारी पर मुहर लगा दी तो,,, नरेंद्र मोदी सरकार मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ नरेंद्र मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा है कि देश का लाखों करोड़ों रुपया डूब गया और सरकार कह रही है कि हिंटन बर्ग रिपोर्ट का कोई असर नहीं हुआ।

देश में निजी करण, सरकारी संपत्ति को बेचना, ईवीएम मशीन का दुरुपयोग कर चुनाव आयोग के साथ सांठगांठ कर सत्ता पर अतिक्रमण करना, समाज में भेदभाव रहते हुए भी आरक्षण और पदोन्नति में आरक्षण को समाप्त करने का षड्यंत्र रचना, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान के होते हुए भी मनुस्मृति लागू किए जाने तथा देश के संविधान को बदलने की बात करना वर्ण व्यवस्था लादने की बात करना, भारतीय संविधान के रहते हुए हिंदू बनारस यूनिवर्सिटी में मनुस्मृति पर शोध करना और उसे तार्किक एवं सार्थक बताना, धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र को हिंदू राष्ट्र बनाने, बेरोजगारों को जानबूझकर सुनियोजित षड्यंत्र के तहत नौकरियों से वंचित करना, सहित कई अहम और गंभीर मुद्दे है, जो नरेंद्र मोदी सरकार को परास्त कर सकती है। परंतु यह मुद्दों पर कांग्रेस भी मौन है, और उन्होंने अपने रायपुर राष्ट्रीय महाधिवेशन में इन मुद्दों को नजरअंदाज किया गया है। इससे ऐसा प्रतीत होता है, कि क्या कांग्रेस भाजपा कि एक ही विचारधारा हैॽ क्या दोनों चोर चोर मौसेरे भाई हैं ॽ तू सोनिया गांधी क्या 3 मार्च 2021 को दैनिक भास्कर में प्रकाशित लेख सरकार द्वारा निजी करण पर जोर देने से अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक गंभीर नुकसान हो सकते हैं। आनन-फानन में राष्ट्रीय संपति बेचना देश का अहित है। और निजीकरण करने पर ऐतिहासिक रूप से समाज के हाशिए पर खड़े वर्गों के लिए आरक्षण के मौके खत्म हो जाएंगे ऐसा बयान दिया जाना एक मजाक था ॽ

About The Author

Related posts