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राजगढ़। (मछली) मत्स्य परिवहन एवं क्रय-विक्रय पर लगाया प्रतिबंध, ये हैं सजा व जुर्माना

अवैधानिक मत्स्याखेट पर होगी एक वर्ष की सजा या 5 हजार का जुर्माना या दोनों

राजगढ़ 21 जुलाई, 2022 सहायक संचालक मत्स्योद्योग द्वारा जानकारी देते हुए कहा कि जिले में 16 जून से 15 अगस्त तक मछलियों का प्रजनन काल होने के कारण बंद ऋतु घोषित किया गया है।

शासन के नियमानुसार बंद ऋतु में मत्स्याखेट, मत्स्य परिवहन एवं क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस अवधि में जो भी व्यक्ति नदियों-नालों या बड़े जलाषयों में मत्स्याखेट करता हुआ या मत्स्य क्रय-विक्रय या परिवहन करता हुए पाया गया तो उसके विरूद्ध मध्यप्रदेश फिशरीज एक्ट 1948 के तहत बने नदीय मत्स्योद्योग नियम 1972 के अधीन दण्ड का प्रावधान रखा गया है।

जिसके तहत दोषी व्यक्ति को एक वर्ष का कारावास या 5 हजार रूपये जुर्माना या दोनो से दण्डित करने का प्रावधान है। इसकी सूचना समस्त थानों को भेज दी गई है। जून से अगस्त तक का महीना मछलियों का प्रजनन काल होता है।

इस अवधि में मछलिया लाखों अण्डों से भरी होती है। प्रजनन अवधि में जब नदी नालों का जल ऊफान में होता है। तब मछलियां धारा के विपरित दिशा में तैरती हुई मछलियां नदियों में चली जाती है एवं बाढ़ समाप्त होने पर अपने डेमों में वापस हो जाती है।

यदि इस अवधि में मत्स्याखेट किया जाता है तो प्रथमतः मछलियांं की वंशवृद्धि प्रभावित होती है एवं जिन डेमों की मछलियां नदियों में आ जाती है। उन समितियों को आर्थिक नुकसान होता है। इसी कारण शासन ने इस अवधि में मत्स्याखेट पर प्रतिबंध लगाया है।

इसी क्रम में सहायक संचालक मत्स्य विभाग द्वारा गत दिवस अपनी टीम के साथ मत्स्य बाजार राजगढ़ में छापामार कार्यवाही की जिस पर 19 किलो मछली की जब्ती बनाई। जिसे नीलाम कर एक हजार एक सौ रूपये का राजस्व शासकीय खजाने में जमा किया गया।

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