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राजगढ – बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर से प्रेम हो तो कथा से पहले उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करे भीमसेना के प्रदेश सचिव ने धीरेन्द्र शास्त्री व आयोजको पे साधा निशाना

बागेश्वर के छोटे भाई दलितों को जातिसूचक गालिया देते हे डराते हे वही आयोजक राजनितिक रोटिया सेकने बाबासाहब के नाम के द्वार बना रहे हे- राजेश गढ़वाल

कबीर मिशन सामाचार/राजगढ,

बनवारी कटारिया,

राजगढ़ – चुनावी मौसम मे प्रदेश मे लगातार बाबाओ की कथा का आयोजन हो रहा हे जिससे आमजन की नजरो मे धार्मिक आयोजनों से नजर मे आ सके या टिकिट पा सके । इसी तर्ज़ पे राजगढ़ जिले के खिलचीपुर मे 26 जून से बागेश्वर धाम के चर्चित धीरेन्द्र शास्त्री की कथा का आयोजन रखा गया हे ।

अब भीमसेना के प्रदेश सचिव ने कथावाचक धीरेन्द्र शास्त्री सहित आयोजको पे निशाना साधा हे ।बता दें कुछ समय पूर्व छतरपुर के गढ़ा गांव में एक दलित परिवार के घर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री के भाई शालीग्राम की तरफ से मारपीट की गई थी। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था। मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था लेकिन कोई ठोस कार्रवाही नहीं हुई। जिसका भीम आर्मी लगातार विरोध कर रही थी और इसी से नाराज होकर चंद्रशेखर रावण ने भी प्रदर्शन किया था।

आयोजको ने द्वार पर डॉ बाबासाहब भीमराव द्वार लिखा है – राजेश गढ़वाल भीमसेना के प्रदेश सचिव राजेश गढ़वाल जिले मे लगातार शोषित,पिछडो व दलितों की आवाज़ उठाते हे । खिलचीपुर मे धीरेन्द्र शास्त्री की कथा होना हे जिसका आयोजन राजनितिक पारिवार हरिचरण तिवारी व उनके पुत्र अंशुल तिवारी हे । कथा स्थल पे इनके द्वारा स्वागत द्वार पर बाबासाहब के नाम का द्वार लगाया गया हे । इसको लेकर राजेश गढ़वाल ने सवाल उठाकर निशाना साधा हे ।

उन्होंने ट्वीट कर बागेश्वर धाम को टैग किया हे वही फेसबुक पर भी पोस्ट शेयर किया हे । अपने ट्ववीट मे लिखा की राजगढ़ में धीरेन्द्र शास्त्री की कथा आयोजन मे आयोजक ने द्वार पे बाबा साहब भीमराव का गेट बनाया हे वही कथावाचक के भाई दलित परिवार की शादी मे हाथ मे पिस्तौल लिए गालिया देते हे,अगर बाबासाहब से सच्चा प्रेम हे तो कथा से पहले बाबा का माल्यार्पण करे नही तो ढोंग बंद हो ।

वही उनके द्वारा आयोजको को भी टारगेट किया गया हे । बातचीत मे गढ़वाल ने बताया की एक तरफ हमारे दलित भाइयो को कथावाचक के भाई डराते हे,जातिसूचक गालिया देते आप दूसरी तरफ अपनी फिल्म चमकाने आयोजक बाबासाहब का नाम उपयोग कर रहे हे । अगर वास्तव मे शास्त्री जी बाबासाहब से प्रेम या उन्हे आदर्श मानते हे तो कथा से पहले बाबासाहब की मूर्ति पर माला डालकर अपने कार्यक्रम की शुरुवात करे अन्यथा ये ढोंग बंद करे ।

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