राजगढ़

राजगढ़ – सफलता की कहानी संकर उन्नत किस्म के मक्का बीज के उपयोग से सुदृढ़ हुई जसमाल सिंह की आर्थिक स्थिति

प्रति हेक्टेयर 12 से 15 क्विंटल तक लिया मक्का का उत्पादन

कबीर मिशन समाचार/राजगढ़,

10 फरवरी, 2022,

राजगढ़ जनपद के ग्राम फतेहपुर के कृषक जसमाल सिंह के नाम पर ग्राम फतेहपुर में 0.519 हेक्टेयर कृषि भूमि है। इस कृषि भूमि में पहले वह मक्का की फसल लेता था। पहले वह देशी बीज का उपयोग छिडकाव विधि से करता था। उसने कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर क्लाइमेट स्मार्ट विलेज परियोजनान्तर्गत मक्का की संकर उन्नत किस्म का बीज का उपयोग कर 12 से 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन लिया है। पहले उसे उसी जमीन पर 6 से 7 क्विंटल ही उत्पादन ही मिलता था।

जसमाल ने बताया कि पुरानी पद्धति से देशी बीज अधिक मात्रा में लगता था। बीज भी एक समान एंव उचित गहराई मे न गिरकर आधा ही अंकुरण हो पाता था। जिससे मक्का का उत्पादन 6-7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता था। खर्च लगभग 5-6 हजार रूपये लगभग 0.519 हेक्टेयर आता था और लाभ 1500 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से 9 से 10.5 हजार रूपये तक लाभ मिलता था।

उसे क्लाइमेट स्मार्ट विलेज परियोजना अंतर्गत विगत बर्ष 2018-19 में खरीफ फसल हेतु मक्का की संकर उन्नत किस्म (सी.पी. 333) सूखा सहनसील (किस्म) का निःशुल्क बीज दिया गया। उसके द्वारा बीज को क्लाइमेट स्मार्ट विलेज परियोजना के अतंर्गत अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा बताई गई विधि के अनुसार ब्राँड बेड फरो विधि से मक्का की बोनी की गई एवं लीफ कलर चार्ट अनुसार यूरिया खाद की संतुलित मात्रा का उपयोग एक बार में न करके दो या तीन बार में किया। जिससे यूरिया खाद की काफी बचत हुई। ब्राँड बेड फारो विधि से मक्का की बोनी करने से सूखे की स्थिति में भी उसकी फसल हानि अन्य किसानो की अपेक्षा कम हुई। उसने अधिक वर्षा होने की स्थिति मे अतिरिक्त पानी को निकासी के लिए नाली बनाकर खेत से बहार निकला। जिससे फसल सूखने की संभावना भी काफी कम हो गई थी।

इस विधि द्वारा उक्त कृषि भूमि से विगत वर्ष के उत्पादन की तुलना में उसे लगभग 12-15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त हुआ। जिसमे 6 से 7 हजार रूपये का खर्च आया। इससे उसे 15 से 20 हजार रूपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ है।उसने बताया कि अधिक लाभ मिलने से उसकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ। उसे खेती करने की नई तकनीकी का ज्ञान भी प्राप्त हुआ। यह योजना कृषकों के हित की हैं। इसमें सभी कृषकों को निशुल्क सहायता दी गई है। उसने समस्त कृषकों से अपील भी की कि वे क्लाइमेट स्मार्ट विलेज परियोजना के अधिकारी/कर्मचारियों के संपर्क में रहकर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करें।

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