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शिवराज ने कांग्रेस पर किया बड़ा हमला कमल नाथ को कहा दिग्विजय ने मप्र में सरकार ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ से चलाई थी।

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कबीर मिशन समाचार मध्यप्रदेश।
संजय सोलंकी की रिपोर्ट।

मध्यप्रदेश एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ‘कपड़े फाड़ने’ संबंधी बयान के बाद कांग्रेस पार्टी में कलह होने की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि कमलनाथ ने पहले अपने सहयोगी दिग्विजय सिंह को सरकार चलाने के लिए इसी तरह की ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ दी थी.

भोपाल में पार्टी के घोषणापत्र के विमोचन के दौरान पीसीसी प्रमुख कमल नाथ के साथ कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह/ एएनआई
भोपाल में पार्टी के घोषणापत्र के विमोचन के दौरान पीसीसी प्रमुख कमल नाथ के साथ कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह/ एएनआई
भोपाल: मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को एक ही चरण में वोट डाला जाएगा. लेकिन इससे पहले ही मध्यप्रदेश कांग्रेस इकाई में फूट नजर आने लगी है. पार्टी के दो बड़े नेता एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ‘कपड़े फाड़ने’ संबंधी बयान के बाद कांग्रेस पार्टी में कलह होने की अटकलों के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि कमलनाथ ने पहले अपने सहयोगी दिग्विजय सिंह को सरकार चलाने के लिए इसी तरह की ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ दी थी।

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कमलनाथ का मजाक उड़ाते हुए चौहान ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता अद्भुत हैं क्योंकि वे गालियां खाने के लिए भी दूसरों को ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ देते हैं.

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले दिग्विजय और कमलनाथ के बीच ‘अनबन’ की चर्चा का कारण एक वीडियो है जिसमें कमलनाथ एक टिकट के इच्छुक व्यक्ति के उत्तेजित समर्थकों से यह कहते हुए सुने गए थे कि ‘‘जाओ और (टिकट न दिए जाने पर) दिग्विजय के कपड़े फाड़ दो.’’

मध्य प्रदेश कांग्रेस इकाई के प्रमुख कमलनाथ और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने बाद में इस प्रकरण को अधित तवज्जो नहीं देते हुए एकजुट रुख अपनाया.

चौहान ने कहा, ‘‘कमलनाथ ने खुलासा किया है कि उन्होंने अपने (कमलनाथ) लिए गाली खाने के लिए दिग्विजय सिंह को ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ दी है, जो अब तक वैध है.’’

चौहान विंध्य क्षेत्र के कद्दावर नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दिवंगत श्रीनिवास तिवारी के पोते एवं कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी के भाजपा में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

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चौहान ने कहा कि कमलनाथ ने ऐसी व्यवस्था कर रखी है कि यदि उन्हें गालियां भी दी जाएं तो उनकी जगह कोई दूसरा उन्हें ग्रहण करे.

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘कमलनाथ ने राज्य में सरकार चलाने के लिए (दिसंबर 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद) दिग्विजय सिंह को इस तरह की ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ दी थी. पहले भी ‘बंटाधार’ हुआ था और अब भी ‘बंटाधार’ (दिग्विजय सिंह के लिए भाजपा द्वारा इस्तेमाल किया गया शब्द) हो रहा है.’’

भाजपा नेता ने कहा कि जब (2003 से पहले) दिग्विजय सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब मध्य प्रदेश की हालत बहुत खराब थी और लोग इससे पूरी तरह वाकिफ हैं.

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने निर्दलीय और समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायकों के समर्थन से कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी. हालांकि, 15 महीने बाद मार्च 2020 में सरकार तब सत्ता से हट गई थी जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कई विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

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सोशल मीडिया पर सामने आये वीडियो में कमलनाथ पार्टी नेता वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थक बताए जाने वाले लोगों के एक समूह से कहते सुनाई दे रहे हैं कि उन्होंने यह (रघुवंशी की सीट के चयन का) मुद्दा दिग्विजय सिंह और उनके विधायक-पुत्र जयवर्धन सिंह पर छोड़ दिया था. इसके बाद कमलनाथ समूह से (टिकट इनकार के मुद्दे पर) दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ने के लिए कहते हुए सुने गए.

दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करके टिकट से वंचित कांग्रेस नेताओं को धैर्यपूर्वक समाधान का आह्वान किया. मंगलवार को, कमलनाथ और सिंह, दोनों विधानसभा चुनाव के लिए राज्य की राजधानी में कांग्रेस के घोषणापत्र को जारी करने के दौरान एकसाथ देखा गया था और उन्होंने वीडियो की सामग्री के बारे में हल्के-फुल्के अंदाज में बात की.

भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए जैसे ही वीडियो का सहारा लिया, कमलनाथ ने स्पष्ट किया कि दिग्विजय और उनके बीच संबंध केवल राजनीतिक नहीं हैं. कमलनाथ ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘दिग्विजय सिंह और मेरे बीच के रिश्ते बहुत पुराने हैं, यह राजनीतिक नहीं, पारिवारिक हैं. ये प्यार के, मजाक के रिश्ते हैं. मैंने उन्हें एक ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ बहुत पहले दे रखी है, वह है कमलनाथ के लिए गालियां खाने की। ये ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ आज तक वैध है.’’

मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए एक ही चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी.

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