उत्तरप्रदेश क्राइम रोजगार

घर बना था जिस्मफरोशी का अड्डा…प्रति ग्राहक एक हजार रुपये लिये जाते थे, 500 रुपये महिला को दिये जाते थे

घर बना था जिस्मफरोशी का अड्डा… मोबाइल पर दिखाई जाती थीं लड़कियां, डाइनिंग हॉल में होता सौदा..

UP : ग़ाज़ियाबाद के शालीमार गार्डन एक्सटेंशन दो स्थित एसएम वर्ल्ड मॉल् के पास किराये के टू बीएचके फ्लैट के डाइनिंग हॉल में कॉल गर्ल्स का सौदा होता था। दो कमरे और रसोई में गंदा काम किया जाता। पुलिस को रसोईघर में गददा और अन्य आपत्तिजनक सामग्री पड़ी मिली। पुलिस ने देह व्यापार का भंडाफोड़ कर संचालिक समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं मकान मालिक पुलिस की पकड़ से दूर है।

पुलिस ने अनैतिक देह व्यापार अधिनियम 1956 की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। फ्लैट से 5600 रुपये नकदी, सात मोबाइल व 35 आपत्तिजनक सामग्री मिली। पकड़े गये आरोपी… 1. प्रवीन पुत्र सूबे सिंह निवासी सिरौली थाना लोनी गाजियाबाद। उम्र- 32 वर्ष 2. मनोज कुमार पुत्र खूबी राम निवासी विजयनगर, गाजियाबाद। उम्र- 32 वर्ष 3. नकुल पुत्र राजकुमार निवासी नंदनगरी दिल्ली। उम्र- 28 4. प्रदुम्न यादव पुत्र जितेंद्र सिंह किलोखरी महारानी बाग दिल्ली, मूल निवासी फिरोजाबाद। उम्र- 24 वर्ष 5. लोकेश पुत्र मुनेश कुमार निवासी नंदनगरी दिल्ली। उम्र-33 वर्ष 6. नेहा पुत्री रमनकिशोर पत्नी उदयवीर ववासी संडे मार्केट शालीमार गार्डन, गाजियाबाद। उम्र-40 वर्ष

मोबाइल पर दिखाई जाती थीं लड़कियां एसीपी ने बताया कि परिचित ग्राहकों को मोबाइल पर फोटो भेजकर लड़कियां दिखाई जाती थीं। अधिकांश सौदे फ्लैट में पहुंचकर होते थे। प्रति ग्राहक एक हजार रुपये लिये जाते थे। इसमें से 500 रुपये महिला को दिये जाना सामने आया है। देह व्यापार के लिये फ्लैट के दो कमरों के अलावा रसोई का भी उपयोग किया जाता। वहीं संचालिका नेहा ने 12 हजार रुपये में फ्लैट किराये पर लिया हुआ है। पांच माह से पुलिस को नहीं लगी भनक… शालीमार गार्डन थाना पुलिस की नाक के नीचे लंबे समय से देह व्यापार चल रहा था।

पांच माह से किराये के मकान में काम किया जा रहा था। स्थानीय लोगों ने पुलिस से शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने अनसुना कर दिया था। अब आला अधिकारियों के पास मामला पहुंचने पर कार्रवाई हुई। वहीं एसीपी ने 31 दिसंबर को भी शालीमार गार्डन क्षत्र में दो जगह देह व्यापार का भंडाफोड़ किया था। मौके से 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया और थाना व सभी चौकी प्रभारियों को अल्टीमेटम दिया था। फिर भी थाना व चौकी पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है।

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