ज़िला – राजगढ़ तह. – सारंगपुर ग्राम – निपानिया तुला मे नव भारत फर्टिलाइजर द्वारा जैविक खेती के लिए किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। कंपनी के कृषि अधिकारी रितिक कुर्मी द्वारा किसानों को जैविक खेती के लाभ के बारे में किसानों को जानकारी दी। उन्होनें बताया जिस तरह हम रासायनिक खादों और दवाइयों का उपयोग लगातार कर रहें हैं। उससे हम अपनी जमीन की उपजाऊ शक्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं किसान भाइयों पहले हमारे पास गोबर की खाद से पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती थी।
अधिक डीएपी यूरिया नहीं डाला जाता था, लेकिन अब गोबर की खाद की कमी से पोषक तत्व की कमी होती जा रही है। मिट्टी में कार्बनिक तत्वों की कमी हो रही है। अधिक रासायनिक खाद से केंचुए और किसान मित्र कीट मार रहे हैं जिसका मिट्टी की उर्वरकता बनाएं रखने में बहुत बड़ा योगदान रहता है, लेकिन हम आज जाने अनजाने में अधिक उपज के लालच में तीन तरफा नुकसान उठा रहे हैं और यहां आगे जाकर बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। सबसे पहला नुकसान पैसों का है जो केवल हर साल बढ़ता जाता है। दूसरा नुकसान जो मिट्टी को धीरे-धीरे बंजर/कड़क बनती जा रहे हैं
हमारे शरीर में जिस प्रकार से विटामिन मिनरल्स प्रोटीन की जरूरत होती है वैसे ही फसलों को भी 16 प्रकार के पोषक तत्वों की जरूरत होती है और हम केवल मिट्टी से पोषक तत्वों सालों से ले रहे हैं लेकिन वापस नहीं कर रहे हैं जो प्रकृति का चक्रण बना है उसे तोड़ रहे हैं। फसलों का अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए 16 प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है । जिसमे से 3 प्रकार के पोषक तत्व प्राकृतिक रूप से प्राप्त होते है और 13 प्रकार के रासायनिक एवं अन्य खाद के जरिये दीये जाते है ।