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जिले की मांग को लेकर मुखर हुआ आलोट हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे, संघर्ष समिति ने कहा आलोट का इतिहास 100 साल पुराना

शिवनारायण उर्फ शिवम् बामनिया कबीर मिशन समाचार क्षेत्रीय संवाददाता तालोद 9589303139

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागदा को जिला बनाने की घोषणा के बाद विरोध बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को आलोट नगर में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे नागदा में नहीं शामिल होने का पूर्व जोर विरोध किया। SDM सुनिल जयसवाल को दिया ज्ञापन विक्रमगड़ आलोट जिला बनाओं समिति के नेतृत्व में क्षेत्र के ग्रामीण व्यापारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित हूए। विटुल मंदिर चौराहे से नगर परिषद चौराहे तक पैदल मार्च करते हूए पहुंचे जनप्रतिनिधि व संघटन के साथ आमजन ने भी आलोट को जिला बनाने की मांग मजबूती से रखी संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्री कालुसिंह परिहार ने कहां की हमें उस नागदा में शामिल किया जा रहा है, जो 5 वर्ष पहले तहसील बना।

नागदा को अचानक से जिला बनाने की घोषणा, जिसमें आलोट जैसी तहसील को शामिल किया जा रहा है। आलोट खूद रियासत काल से तहसील मुख्यालय रहा है।इसका इतिहास 100 वर्ष से भी पुराना है। आलोट में सभी सुविधा, जिला क्यों नहीं बनाया जाए 8 लेन,4 लेन, नवोदय,CM राइस स्कूल जैसी सुविधा आलोट नगर में है। आगामी समय में आधुनिक रेलवे स्टेशन,35 करोड़ की लागत से नवीन कालेज भवन भी प्रस्तावित है, ऐसे में आलोट जिले के लिए एक उपयुक्त स्थान है।

ताल और खाचरोद के व्यापारी संगठन ने भी आलोट आकर नागदा में शामिल नहीं होने के लिए अपना समर्थन दिया।ताल नगर के व्यापारी संगटनों ने तों आलोट को जिला बनाने में भी अपनी सहमति दी। जिले की राह में नागदा अकेला नागदा को जिला बनाने का गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ, इसमें नागदा, खाचरोद,ताल और आलोट को मिलाकर नागदा को जिला बनाना हैं।

लेकिन पहले खुद नागदा की विधानसभा खाचरोद तहसील शहर बंद कर विरोध किया। ताल नगर को व्यापारियों ने एक दिन बंद कर अब लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है,अब व्यापारी संगठन चुनाव का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं।आज आलोट नगर भी मुखर हुआ और हजारों की संख्या में सड़कों पर लोगों ने उतरकर अपना विरोध दर्ज कराया, इससे नागदा जिला बनने की राह अब आसान नहीं है।

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