काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्र-छात्राओं को आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। देशभर के विश्वविद्यालयों के नामांकन में सन् 𝟐𝟎𝟎𝟕-𝟎𝟖-𝟎𝟗 से तीन चरणों में अन्य पिछड़ा वर्ग (𝐎𝐁𝐂) आरक्षण (𝟎𝟗%+𝟎𝟗%+𝟎𝟗%=𝟐𝟕% ) लागू है। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों के छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने का संवैधानिक प्रावधान है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ही संवैधानिक प्रावधानों के तहत छात्रावासों के कमरा आवंटन में अनुसूचित जाति (𝐒𝐂) और अनुसूचित जनजाति (𝐒𝐓) को क्रमशः 𝟏𝟓%, 𝟕.𝟓% आरक्षण पूर्ण रूप से लागू है।
यहां तक कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (𝐄𝐖𝐒), जिसे जनवरी 2019 से लागू किया गया, उसे BHU में 2022 से Ph.D. छात्र-छात्राओं के छात्रावासों में 10% आरक्षण दे दिया गया है; जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को छात्रावासों में आरक्षण आजतक नहीं दिया गया है। प्रशासन का यह दोहरा चरित्र क्यों? विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रावासों में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण लागू नहीं करना एक तरह से संविधान और सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना और अवहेलना करना है और वह भी तब जब विश्वविद्यालय में अन्य पिछड़ा वर्ग फंड (अतिरिक्त फंड) से 𝟐𝟗 छात्रावासों में कमरों का निर्माण हुआ है।
अभी तक ज्ञात आंकड़ों के अनुसार (RTI द्वारा) ओबीसी फंड से कुल 𝟒𝟏𝟖𝟕 कमरों का निर्माण किया गया है जिसकी कुल लागत लगभग 𝟏,𝟕𝟎,𝟗𝟏,𝟓𝟗,𝟑𝟓𝟐.𝟎𝟎 रुपया है। नियमतः इन छात्रावासों के कमरों का आवंटन अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्र-छात्राओं को होना चाहिए, क्योंकि यह सब उन्हीं के लिए बने हैं OBC स्पेशल फंड से 29-12-2021 को विश्वविद्यालय के छात्रावासों में अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को कमरों के आवंटन हेतु संविधान प्रदत्त 27% आरक्षण लागू किए जाने के संदर्भ में समिति का गठन किया गया था।
आंतरिक खबर है कि गठित समिति ने भी छात्रावासों में ओबीसी रिजर्वेशन लागू करने की अनुशंसा कर दी है, उसके बाद भी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी रिजर्वेशन लागू नहीं किया जा रहा है।
ये कैसी हक़मारी ?
अफसोस की बात यह है कि पिछले 15 वर्षों से ज्यादा समय से हर एक वर्ष हमारे, हजारों भाई-बहनों का हक़ मारा जा रहा है। आख़िर यह कब तक चलेगा ?
आप सभी से अनुरोध है कि इस विषय पर हमारे साथ आयें और उन 10,000 OBC छात्र-छात्राओं जिन्हें प्रतिवर्ष उनके लिए बने छात्रावासों में जगह नहीं दी जाती है के साथ खड़े हों और उन्हें उनका हक दिलायें। जब देश की इतनी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में ऐसी हक़मारी प्रतिवर्ष 10,000 OBC विद्यार्थियों के साथ हो रही है तो और जगह का अंदाज़ा आप ख़ुद लगा सकते हैं। कुछ ऑफिसियल प्रतियाँ संलग्न हैं बाकी के लिए मैसेज कर सकते हैं।