भोपाल

ग्यारह कक्षा पढ़े आटो चालक साहित्यकार हरीश पांडल को “राष्ट्र प्रहरी सम्मान” प्राप्त


मूलचन्द मेधोनिया पत्रकार भोपाल मोबाइल 8878054839


भोपाल ।कभी-कभी कोई प्रतिभा तरासने की आवश्यकता नही होती। शायद कुदरत के घर से ही तरासकर भेजी जाती है। ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी है, बिलासपुर छत्तीसगढ़ की माटी के महानतम कवि और जांबाज साहित्यकार हरीश पांडल जी। जो कि परिवार के भरण-पोषण के लिये आटो सवारी /रिक्शा चलाकर अपने परिवार की रोजी-रोटी चलाते है।

जिनके बेजोड़ शब्दों व शैली तथागत भगवान बुद्ध जी की करुणा दरसाती है। तो कभी ज्योतिबा फूले – अम्बेडकर जी के विचारों पर संघर्ष की राह दिखाती है।
देश की सैकड़ों पत्र पत्रिकाओं में इनकी निरंतर कविताएं सम- सामयिक और वर्तमान की दशा दिशा एवं परिस्थितियों को उजागर करती है। गुरु घासीदास जी, संत रविदास जी, गुरु बालकदास जी के आदर्श विचारों को लेकर अंधविश्वास, पाखंड, आडम्बर, कुरीतियों के अलावा धर्म कर्मकांड, फिजूलखर्ची के खिलाफ सशक्त कलमकार के रूप में लेखनी है। देश भक्ति की भावना से ओतप्रोत एक दलित साहित्यकार है। ये मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति के वीर शहीद मनीराम अहिरवार जी के जीवन वृत्त पर अध्ययन कर उन्हें सरकार द्रारा राष्ट्रीय शहीद का दर्जा नहीं देने पर देश के अनेकों बहुजन साहित्यकार के माध्यम से साहित्यिक आन्दोलन वीर मनीराम अहिरवार जी के विषय पर चलाने की योजना पर काम कर रहे हैं।

इनकी शोषण के विरुद्ध काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ है। अभी दिनांक 24 से 26 जनवरी 2022 को तीन दिवसीय “भारत देश मेरा” विषय पर इनके द्रारा कविता के लेखन पर उत्कृष्ट सृजन एवं श्रेष्ठ समीक्षा हेतु समतावादी कलमकार साहित्य शोध संस्थान भारत द्रारा प्रख्यात लेखक और कवि श्री हरीश पांडल जी को “राष्ट्र प्रहरी सम्मान” से नवाजा गया है।


ऐसे महान व्यक्ति की प्रतिमा का सम्मान होना नवोदित साहित्यकारों का मार्गदर्शन होता है। कबीर मिशन समाचार पत्र परिवार के पत्रकार और साहित्यकार बन्धुओं की ओर से श्री पांडल जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं है।

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