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दलित परिवार के साथ गांव के दबंगों ने किया प्राणघात हमला

मंदसौर से कबीर मिशन समाचार पत्र संवाददाता भुवनेश्वर बोरना कि रिपोर्ट । मो.9301084625

मंदसौर – सुवासरा तहसील के अंतर्गत आने बाला टोकडा गांव मे रहने वाले युवक कालूराम पिता केशुराम जाति बलाई निवासी- नई आबादी टॉकडा कि यह घटना दिनांक- 26.7.2022 की रात्री 9-10 बजे की है। प्रार्थी के पुत्र बापुलाल, विकमलाल, गोंविंद तीनो रोज सुवासरा मंडी में हेम्माली का कार्य करते है जो रात्री को सुवासरा मंडी से अपने घर ग्राम टोंकडा आ रहे थे, की प्रतिप्रार्थी दशरथसिंह उर्फ लालसिंह पिता मेहरबानसिंह सुवासरा से अपने चार पहिया वाहन कार से टोंकड़ा आ रहा था।

प्रार्थी के पुत्रो ने रोड कास करने के लिये हाथ का ईशारा किया, तो प्रतिप्रार्थी ने अपनी गाडी कार को रोक कर अन्दर से हाकी निकाली और प्रार्थी के पुत्र बापुलाल पर हमला कर दिया कि साले बल्लाट्टों तुम्हें मालूम नही की लालसिंह ठाकुर का वाहन आ रहा है। तुमने मेरी गाडी रोकने का प्रयास क्यों किया। प्रतिप्रार्थी ने शराब पी रखी थी और जब प्रार्थी के पुत्र बापूलाल पर हाकी से हमला किया तो छोटे भाई विक्रमलाल व गोंविद ने प्रतिप्रार्थी के हाथों मे से हाकी छूड़ा ली

और अपने बड़े भाई को मारने से बचाया तो प्रतिप्रार्थी अपने घर गया और प्रतिप्रार्थीगणों को लेकर प्रार्थी के मकान पर अवैध हथियार बंदुक चलवारे एवं लाठीयो से लेस होकर प्रार्थी के रहवासी मकान पर रात्री में 11-12 बजे हमला बोल दिया और मकान की छतो य किंवाड, खिडकियों को तोडने का प्रयास किया गया और प्रार्थी के मकान पर तीन बार पिस्तोल, बन्दूको से फायरिंग की गई तो आस पास के लोग जाग गये और अपने घरों से बहार निकल गये तो प्रतिप्रार्थीगण ने हल्ला गुल्ला होने पर अपने घर को चले गये ।

और कहा की बल्लाटों तुम गांव छोड़ कर चले जाना नही तो तुम्हे जान से खत्म कर देगे। प्रतिप्रार्थीगण के उपरोक्त कृत्य की तत्काल पार्थी ने 100 डायल कर पुलिस को संज्ञान में दिया पुलिस मौके पर आई और प्रतिप्रार्थीगण सभी भाग गये ।

पुलिस सुवासरा ने प्रार्थी को कहा की तुम सुबह आकर रिपोर्ट कर जाना अभी हम तुम्हें यही पर छोड़ जाते हैं। जब प्रार्थी व परिवार पर इतनी बड़ी वारदात हुई तो प्रार्थी व परिवार प्रतिप्रार्थीगण के गुंडागिरद से सदमें में आ गये और प्रार्थी के तीनों पुत्रों ने अपने अपने घर परिवार को छोड़ कर भाग गये ।

प्रार्थी व घर पर औरते रह गई प्रतिप्रार्थी की इस दादागिरी के कारण प्रार्थी अपने घर से बाहर नहीं निकला और प्रतिप्रार्थीगण रात्रि में ही प्रार्थी के पुत्रो की रिपोर्ट थाना सुवासरा में झूठी कर दी जिस कारण से प्रार्थी सुवासरा थाने में रिपोर्ट देने गया तो प्रार्थी को थाने से टांठ फटकरार कर भगा दिया गया और कोई रिपोर्ट नही लिखि गई ।

जिसकी शिकायत प्रार्थी ने पुलिस अधीक्षक महोदय मंदसौर को भी दी किन्तु सुवासरा पुलिस प्रतिप्रार्थीगण से मिली होने के कारण आज तक गरीब की रिपोर्ट पर प्रतिप्रार्थीगण के विरूद्ध कोई कार्यवाही नही की । इस घटना के दिनांक से प्रार्थी के तीनों पुत्र फरार है। उनके पास न तो कोई मोबाईल फोन ‘कुछ नहीं है।

जिस कारण से प्रार्थी अपने पुत्रो से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है। वे किस हालत में कहा है। कोई जानकारी नही मिल रही है। और प्रतिप्रार्थीगण रोज प्रार्थी के मकान के चारों और खुल्ले आम चुनोतिया देकर घुम रहे है। जिससे प्रार्थी व परिवार को गांव में रहना भारी पड गया है। प्रतिप्रार्थीगण का एक ही कहना है कि हम तेरे तीनों पुत्रो की हत्याये करेंगे ।

चाहे 6 माह बाद भी आयेगे तो हम उन्हें किसी भी हालत में नहीं छोड़ेगे। जिस कारण से प्रार्थी व परिवार को गांव छोड़ने पर मजबुर कर दिया गया । प्रार्थी प्रतिप्रार्थीगण दंबगो से काफी परेशान व भयभीत हो चुका है।

प्रार्थी व परिवार को प्रतिप्रार्थीगण से अपनी जानमाल का डर है। कभी भी कोई भी वारदात प्रतिप्रार्थीगण स्वयं या अपने रिस्तेदारो या बहारी व्यक्तियों से करवा सकते है। प्रार्थी गरीब हरिजन की कोई सुनवाई आज तक थाना सुवासरा या पुलिस अधीक्षक महोदय मंदसौर के कार्यालय में भी नहीं हुई ।

प्रशासन से अनुरोध कि प्रार्थी व परिवार की रक्षा की जावे प्रार्थी को सुवासरा पुलिस से कोई न्याय की उम्मीद नहीं है। परिवार को प्रतिप्रार्थीगण से सुरक्षा मुहैया करवाई जावे ।

अन्यथा प्रति प्रार्थीगण मुझे व मेरे परिवार के लोगों की लाशे बिछादेगें जिसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी । प्रार्थी के द्वारा थाने में लिखाई शिकायतकर्ता के विरुद्ध रिपोर्ट।दशरथसिंह उर्फ लालसिंह पिता मेहरबानसिंह जाति साँधिया मेहरबानसिंह श्यामसिंह, मदनसिंह पिता पुरसिंह जाति सौंधिया, गुमानसिंह, वजे सिंह, विकमसिंह, बंदीसिंह पिता चंदरसिंह जाति सौंधिया श्यामसिंह, कमलसिंह पिता गुमानसिंह जाति सौधिया, तोफानसिंह, कुशालसिंह पिता दाणुसिंह, दाणुसिंह पिता उदेसिंह, गोपालसिंह, दुरबारसिंह पिता किशनसिंह, नेपालसिंह पिता दाणुसिंह, शंभूसिंह गारी सुल्तानसिंह, प्रधानसिंह पिता विक्रमसिंह, पिता नरवरसिंह ।

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