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अलग- अलग लोगों के बीच समानता अपने आप में एक असमानता है – कलेक्टर श्योपुर

भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 133वीं जयंती के उपलक्ष्य में शासकीय आदर्श कन्या महाविद्यालय एवं शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, श्योपुर में संयुक्त रूप से विषय डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं सामाजिक आर्थिक समरसता (वर्तमान परिदृश्य में) पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जांगिड, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक आंनद एवं डीएफओ कूनो श्री आर थिरूकुराल द्वारा डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जांगिड़ ने कहा कि अलग-अलग असमान लोगों के बीच समानता की बात करना स्वयं असमानता का एक प्रतीक है। उनके बीच समानता चाहिए, तो सभी की प्रारम्भिक रेखा एक होनी चाहिए, ऐसा डॉ. अम्बेडकर का कहना था। आगे उन्होंने बाबा साहब के लेबर लॉ तथा उनके द्वारा महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार के प्रावधानों जैसे प्रसूति अवकाश इत्यादि की भी चर्चा की।कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में उपस्थित पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक आनन्द ने अपने उद्बोधन में बताया कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने मजदूरों के लिये उनकी आवाज को न्यायिक स्वरूप देते हुए महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान किये।

साथ ही कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 तक के लिये उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा तथा अनुच्छेद 14 को भारतीय संविधान की रीढ़ की हड्डी बताया। उनके प्रयासों से ही तत्कालीन समय में अनुच्छेद 15 लागू कर जाति, वर्ण व लिंग के भेदभाव के बिना अवसर की समानता को लागू किया गया।विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद ज़िला वन मंडलाधिकारी श्री थिरूकुराल आर. ने अपने उद्बोधन में सौरमंडल में ग्रह-उपग्रह के सापेक्ष सूर्य की स्थिति की तुलना बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर से करते हुए तत्कालीन समय से वर्तमान समय में उनकी सामाजिक एवं आर्थिक प्रासंगिकता को आगे भी हमेशा बने रहने की बात की।

कार्यक्रम में स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विपिन बिहारी शर्मा तथा कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अरविंद कुमार दोहरे तथा डॉ. परवीन वर्मा, प्रो. अभिलाषा मरावी, प्रो. खेमराज आर्य व प्रो. कमलेश कुमार निगम एवं दोनों महाविद्यालय परिवारों के समस्त सदस्यगण तथा छात्र – छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. बीरेंद्र सिंह रहे, कार्यक्रम संचालन डॉ. संगीता शाक्य व प्रो. वेदांकी खण्डेलवाल ने किया तथा अन्त में डॉ. महेश कुमार कुशवाह द्वारा आगंतुकों का आभार व्यक्त किया गया।

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