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गांव में गेहूं काटने के लिए नही मिल रहे मजदूर किसान हो रहे परेशान।

कबीर मिशन समाचार जिला सीहोर

कजलास से संजय सोलंकी की रिपोर्ट।
कजलास। आधुनिकता के इस दौर में किसानों के गेहूं की कटाई अधर में अटकी हुई है। गांवों में चल रही सादी ब्याह के चक्कर में मजदूरों ने गेहूं की कटाई से किनारा कर लिया है। गांवों में गेहूं काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।किसानों की गेहूं की फसल खेतों में पकी खड़ी है। क्षेत्र में केवल कुछ ही किसानों के खेतों में कंबाइन मशीन से गेहूं की कटाई और गहाई एक साथ होती है।

बाकी किसान मजदूरों से ही गेहूं कटवाते हैं। पिछले साल बाहर से मजदूर आ गए थे जिससे गेहूं कटवाने में किसानों को कोई परेशानी नहीं हुई थी। बाहर से आए मजदूरों ने खेतों में गेहूं काट दिए थे। इस बार गावों और शहरों में शादी ब्याह का दौर शुरू हुए महीनों हो चुके हैं। गांवों में दावतों का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो जाता है जो देर रात तक जारी रहता है। ऐसे में दावतों के दौर को छोड़कर मजदूर भी खेतों में जाना पसंद नहीं कर रहे हैं।

इसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है। खेतों में गेहूं की फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। मजदूर न मिलने से फसल खेतों में ऐसे ही खड़ी है। फसल कटने में जितना ज्यादा देरी होगी वह सूखने की वजह से काटते समय उतनी ही टूटती है। इससे गेहूं का दाना खेत में ही गिर जाता है। किसान हेमराज सिंह, सोबल सिंह,संतोष सिंह आदि का कहना है कि गेहूं की फसल तैयार है, लेकिन कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। मजदूर अभी शादी ब्याह की दावतें उड़ाने में व्यस्त हैं। मजदूरों के खेतों में न आने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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