उज्जैन मध्यप्रदेश

भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को संजोने का कार्य महाकवि कालिदास ने किया-विधायक श्री जैन, कालिदास ने अपने साहित्य की श्रेष्ठ रचनाएं तत्समय की थी -सांसद श्री फिरोजिया, राज्य स्तरीय शालेय कालिदास समारोह का भव्य शुभारंभ

उज्जैन 28 दिसम्बर। लोक शिक्षण संचालनालय मप्र भोपाल द्वारा आयोजित 22वे राज्य स्तरीय शालेय कालिदास समारोह का शुभारंभ पं. सूर्यनारायण व्यास संकूल हॉल, कालिदास अकादमी उज्जैन में उज्जैन उत्तर के विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता उज्जैन आलोट के सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने की। इस अवसर पर विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को संजोने का जो कार्य महाकवि कालिदास ने किया है वह सराहनीय है। विद्यार्थियों को विद्या अध्ययन व विनय से गुरूओं का सम्मान करते हुए निरन्तर अपने कर्त्तव्य पथ पर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

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अध्यक्षीय उद्बोधन में सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने कहा कि विद्यार्थियों को कालिदास के साहित्य का अध्ययन अवश्य ही करना चाहिए जिससे कि उन्हें यह पता चल सके किन परिस्थितियों में महाकवि कालिदास ने अपने साहित्य की श्रेष्ठ रचनाएं तत्समय की थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत के साहित्य का अध्ययन करना इसलिए भी आवश्यक है कि हमारी प्राचीन एवं समृद्ध सांस्कृतिक व साहित्यक धरोहर को भलिभाँति जाना जा सके।

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में श्री बहादुरसिंह बोरमुडण्ला एवं श्री विवेक जोशी, मध्यप्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती निशा श्रीवास्तव, जिला पंचायत की उपाध्यक्ष के प्रतिनिधि श्री महेन्द्र सिंह सोलंकी एवं श्री संजय अग्रवाल मंचासीन थे। सारस्वत अतिथि के रूप में कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. गोविन्द गन्धे उपस्थित थे।

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कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं कालिदास के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के बटुकों द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया। इसके पश्चात श्री गणेश स्तुति एवं शिव पंचाक्षर स्त्रोत की नृत्यमय प्रस्तुति कु. वैदही पण्ड्या द्वारा दी गई। अतिथियों का स्मृति चिन्ह, उत्तरीय एवं माला से स्वागत संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण संभाग उज्जैन सुश्री रमा नाहटे, जिला शिक्षा अधिकारी श्री आनन्द शर्मा, सहायक संचालक श्री संजय त्रिवेदी, श्री महेन्द्र खत्री, एडीपीसी श्री गिरीश तिवारी, डॉ. आर.पी. गुप्त एवं योजना अधिकारी श्रीमती संगीता श्रीवास्तव आदि ने किया। स्वागत उद्बोधन एवं समारोह की रूपरेखा जिला शिक्षा अधिकारी श्री आनन्द शर्मा ने प्रस्तुत की।

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सारस्वत अतिथि डॉ. गोविन्द गन्धे ने कहा कि शिष्यों एवं शिक्षकों को प्रोत्साहित व मार्गदर्शन देने वाले महाकवि कालिदास का गहरा संबंध पुरातन नगरी उज्जयिनी से रहा है। उज्जयिनी के वैभव का विस्तृत वर्णन महाकवि कालिदास के साहित्य में मिलता है। इस प्रकार के अयोजन से हमारे नगर की पहचान सांस्कृतिक राजधानी के रूप में सम्पूर्ण भारतवर्ष में होगी।

समारोह में श्री विवेक जोशी, श्री बहादुरसिंह बोरमण्डला एवं श्रीमती निशा श्रीवास्तव ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। श्रेष्ठ प्रस्तुति देने के लिए छात्रा कु. वैदही पण्ड्या का सम्मान अतिथियों ने किया। समारोह के उद्घाटन सत्र का संचालन पद्मजा रघुवंशी ने किया तथा आभार सहायक संचालक श्री महेन्द्र खत्री ने किया। उद्घाटन सत्र के उपरांत वरिष्ठ एवं कनिष्ठ वर्ग की श्लोक पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के नौ संभागों के प्रतिभागी विद्यार्थियों द्वारा लयबद्ध श्लोक पाठ प्रस्तुत किए गए। प्रतियोगिता का संचालन डॉ. मनोज द्विवेदी ने किया।

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प्रचार प्रसार समिति के संयोजक अमितोज भार्गव एवं संजय लालवानी ने बताया कि आज 29 दिसम्बर को प्रथम सत्र में प्रातः 10 बजे से विभिन्न संभागों से आए विद्यार्थियों की कनिष्ठ वर्ग की नृत्य नाटिका प्रतियोगिता आयोजित होगी तथा द्वितीय सत्र में वरिष्ठ वर्ग की नृत्य नाटिका प्रतियोगिता आयोजित होगी। कार्यक्रम में विभिन्न संभागों के विद्यार्थी, उनके मार्गदर्शी शिक्षक, विभिन्न समितियों के प्रभारी, उज्जैन नगर के विद्यालयों के संस्कृत शिक्षक, विद्यार्थी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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