भारतीय संविधान के निर्माता परम पूज्य बाबा साहब डॉक्टर भीमराव
अंबेडकर जी की जन्मभूमि अंबेडकर नगर महू में अंबेडकर स्मारक पर सिर्फ 4000 स्क्वायर फीट जमीन है जो कि अन्य महापुरुषों के जन्म स्थान की तुलना में बहुत ही कम है जिससे न केवल बहुजन समाज का बल्कि बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर का भी अपमान जनक है
भारत की मध्यस्थली में स्थित मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की महू तहसील जो की बाबासाहेब डॉक्टर अंबेडकर जी के नाम से जानी जाती हैं जहां पर उनका जन्म हुआ है अगर महात्मा गांधी इस देश के राष्ट्रपिता है तो बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर संविधान के पिता है और भारत देश की पूरी कानून व्यवस्था बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर जी के बने हुए संविधान के अनुसार चलती है
अन्य महापुरुषों के जन्म स्थान एवं समाधि स्थल पर सैकड़ो एकड़ भूमि सरकार ने स्वीकृत की है यह सरकार छोटी मानसिकता का परिचायक हैं इसलिए बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर की जन्मस्थली को 100 एकड़ जमीन देकर सरकार को उनका सम्मान करना चाहिए।
, सभी शासकीय और प्राइवेट संस्थानों में बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर की तस्वीर लगाने एवं गीता भवन चौराहा इंदौर जहां पर बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा लगी हुई है उस चौराहे का नाम परिवर्तित कर डॉ भीमराव अंबेडकर चौराहा रखा जाए साथ ही डॉ आंबेडकर जी की जयंती एवं पुण्यतिथि पर इंदौर सहित मध्य प्रदेश में मांस मटन और
शराब की दुकान बंद हो और जिस तरीके से महात्मा गांधी जी की जयंती 2 अक्टूबर को तमाम शासकीय संस्थान एवं औद्योगिक क्षेत्र में अवकाश होता है ठीक उसी प्रकार बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल को प्रत्येक वर्ष शासकीय
अवकाश घोषित किया जाए, जितनी भी सरकारी संस्था है जैसे स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, न्यायालय, थाना, कोर्ट एवं सरकारी संस्था ऑफिस,सभी जगह डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की तस्वीर लगना चाहिए एवं स्कूल कॉलेज में उनके बारे में पढ़ना चाहिए, तमाम बिंदुओं को लेकर
इंदौर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम समाज सेवी बन्ना मालवीय अंबेडकर एवंं उनकी टीम के नेतृत्व मे ज्ञापन सोपा गया उस समय, समाज सेवी डमरू मालवीय पहलवान, मोहन राठौर समतासेना प्रभारी मध्य प्रदेश,दादू मालवीय बलाई महासभा जिला अध्यक्ष,, माखन गवली,
मिश्रीलाल पहलवान, राजेश दशौरिया ,तरुण सोलंकी, गजराज, चिंटू एवं अन्य सामाजिक साथी उपस्थित थे शासन से उम्मीद ही नहीं पूर्ण आशा है कि भारतीय संविधान के पिता डॉ भीमराव अंबेडकर जी के सम्मान में सभी मांगों को स्वीकार किया जाएगा।