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धार। मांडू घाट में मजदूरों से भरा पिकअप वाहन पलटा, 30 घायलों में बच्चे भी शामिल

कबीर मिशन समाचार, पवन सावले

मांडू घाट में मजदूरों से भरा पिकअप वाहन पलटा, 30 घायलों में बच्चे भी शामिल

पिकअप वाहन में सवार थे 40 से भी ज्यादा लोग, बाल श्रमिकों को भी ले जाया जा रहा था काम के लिए।

मांडू के खतरनाक घाट क्षेत्र में मजदूरों से भरा पिकअप वाहन पलटी खाकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। घटना गाड़ी दरवाजे के पास खतरनाक मोड़ के पास हुई। इस वाहन में नियमों के विरुद्ध 40 से भी ज्यादा मजदूर सवार थे। इसमें पुरुषों के साथ महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल हैं। घटना के बाद मासूम चिल्लाते हैं और बिलखते हुए नजर आ रहे थे। लगभग 30 से ज्यादा घायलों को धार जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है। इसमें एक 10 वर्षीय बालिका की अंगुली कटने और गंभीर रूप से घायल होने की बात भी सामने आ रही है।

कुल दो मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है।मांडू धार मार्ग पर स्थित खतरनाक घाट क्षेत्र में गाड़ी दरवाजे के पास मोड़ पर शुक्रवार सुबह 8:30 बजे पिकअप वाहन क्रमांक एमपी 70 जी 0224 असंतुलित होकर पलटी खा गया। प्राथमिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार, यह वाहन मांडू के सागर नीलकंठ क्षेत्र से बगड़ी के आसपास आलू की फसल निकालने के लिए ले जाया जा रहा था। बताया जाता है कि व्यवसायिक वाहन होने के बाद भी इस वाहन में बड़ी संख्या में ठूंस-ठूंसकर मजदूरों को भरा गया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोग घटनास्थल पहुंचे और एंबुलेंस को बुलाया। घायल लोगों को मांडू, नालछा और धार के अस्पतालों में रेफर किया गया है। घटना होने के बाद अफरातफरी का माहौल बन गया।10 वर्षीय बच्ची शालू की अंगुली कटी, तड़पते-बिलखते रहे बच्चेमांडू के दोनों और खतरनाक घाट क्षेत्रों होने के बाद भी यहां भी नियमों के विरुद्ध यहां क्षमता से ज्यादा सवारियां भरने और व्यावसायिक वाहनों में सवारी ढोने का चलन आम बात है।

आखिर सब कुछ जानते हुए भी पुलिस और यातायात विभाग आंखें मूंदे क्यों बैठा हुआ है। यहां तेज गति से वाहन चलाते नाबालिग भी स्थानीय नागरिकों की परेशानी का सबब बने हुए हैं। इस घटना में एक 10 वर्षीय बच्ची शालू की अंगुली कट गई। कई लोगों को हाथ-पैर और सिर पर गंभीर चोटें आई हैं।क्या बाल श्रमिक के तौर पर ले जाए रहे थे छोटे बच्चेइस घटना ने बाल श्रम को रोकने के सरकार के दावों की भी पोल खोल कर रख दी है। मजदूरों से भरे पिकअप में लगभग 15 से 20 छोटे बच्चे थे, जो बुरी तरह जख्मी हुए हैं। यह घटना जहां क्षेत्र में बेरोजगारी के हालात बयां कर रही है। वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि जो बच्चे दुर्घटनाग्रस्त पिकअप में सवार थे, वे बाल श्रमिक थे और आलू निकालने के लिए खेत पर काम करने जा रहे थे।

हादसे में अब तक कई लोग जान गंवा चुके हैं जानमांडू के दोनों और घाट क्षेत्रों में अवैध रूप से चलने वाले व्यावसायिक वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां बैठाने के बाद यहां सैकड़ों हादसे हो चुके हैं। कई लोग अपनी जान भी इन हाथों में गंवा चुके हैं। घटना होने के बाद प्रशासन द्वारा यहां कार्यवाही की बात सामने आती है पर उसके बाद कोई कार्यवाही नहीं होती। मांडू के घाट क्षेत्रों में दोनों तरफ सुरक्षा इंतजामों की दरकार हमेशा बनी रहती है। गनीमत रही कि वाहन पिकअप दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद खाई में नहीं गिरा, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।

तहसीलदार नागर पहुंचे जिला चिकित्सालयइधर घटना को लंबा समय बीत जाने के बाद भी कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या संबंधित विभाग का व्यक्ति थाने पर नहीं पहुंचा था। घटना की जानकारी मिलने के बाद नालछा तहसीलदार सुरेश नागर तत्काल जिला चिकित्सालय पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी। मौके पर डॉक्टरों की टीम से बात कर गंभीर मरीजों को तत्काल इलाज उपलब्ध करवाया। इधर, मांडू थाना प्रभारी रवि वास्के का कहना है कि वे अभी धार चिकित्सालय में मरीजों के उपचार में लगे हुए हैं। घटना की पूरी जानकारी कुछ समय बाद उपलब्ध करवाएंगे।

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