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राजगढ़- वर्ष की प्रथम नेशनल लोक अदालत आयोजित, सुलह-समझौते से किया विवादों को किया सफल समायोजित

राजगढ़- वर्ष 2024 की प्रथम नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ कार्यक्रम जिला न्यायालय परिसर राजगढ़ स्थित ए.डी.आर. भवन के सभाकक्ष में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला न्यायालय- राजगढ़ राजीव कर्महे की अध्यक्षता रखा गया, इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में जिला राजगढ़ के कलेक्टर हर्ष दीक्षित पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा उपस्थित रहे। शुभारंभ कार्यक्रम में जिला न्यायालय राजगढ़ के विशेष न्यायाधीश, कुटंब न्यायाधीश सहित समस्त खंडपीठों के पीठासीन अधिकारी, वन्यायिक अधिकारी के रूप में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ एवं कनिष्ठ खंड, अधिवक्ता संघ राजगढ़ के अध्यक्ष सहित सहयोगी अधिवक्ता, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम कार्यालय के समस्त डिफेंस काउंसिल, बैंक, नगरपालिका, विद्युत विभाग, बी.एस.एन.एल आदि विभागों के पदाधिकारी, जिला न्यायालय राजगढ़ से संबंद्ध समस्त अधिकारी, कर्मचारी सहित मीडियाकर्मी, समाजसेवी व पैरालीगल वालेंटियर्स उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सहायता अधिकारी सिमोन सुलिया द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले समस्तजनों का आभार जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजगढ़ मीनल श्रीवास्तव द्वारा किया गया।

नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजीव कर्महे द्वारा नेशनल लोक अदालत को सर्वप्रिय आमजन व पक्षकार हितैषी प्रक्रिया बताते हुये यह व्यक्त किया गया कि नेशनल लोक अदालत के माध्यम से निराकृत मामलों में पक्षकारों के संबंध मधुर बनते हैं व उनका जीवन सरल बनता है। जिला कलेक्टर हर्ष दीक्षित द्वारा समस्त विभागों से अधिक से अधिक संख्या में प्रकरणों का राजीनामा के माध्यम से निराकरण कराये जाने हेतु निदेशित किया गया, साथ ही पक्षकरों से भी उनके द्वारा यह अपील की गई कि, वे इस व्यवस्था से लंबित मामलों में सुलभ, सस्ता न्याय प्राप्त करने हेतु आगे कदम बढ़ायें। इस कड़ी में पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा द्वारा वैकल्पिक न्याय प्रणाली द्वारा न्याय प्रदान कराने के पक्षधर महान दार्शनिकों के विचारों का उदाहरण देते हुये नेशनल लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों व आमजनों के न्यायालयों के लंबित राजीनामा योग्य एवं प्रिलिटिगेशन प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला स्तर पर 06 एवं तहसील स्तर पर ब्यावरा, नरसिंहगढ़ में 04-04, सारंगपुर में 05 एवं खिलचीपुर तथा जीरापुर में 02-02 साथ ही जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग व पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र राजगढ़ में 01-01 खंडपीठों का गठन किया गया। इस प्रकार जिला एवं तहसील स्तर पर कुल 25 खंडपीठों का गठन किया गया है जिनके समक्ष न्यायालय में लंबित लगभग 2154 प्रकरण एवं प्रीलिटिगेशन के लगभग 4446 प्रकरण, इस प्रकार लंबित एवं प्रीलिटीगेशन के कुल 6600 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए। राजीनामा योग्य प्रकरणों में आपराधिक, लिखत परक्राम्य अधिनियम, बैंक ऋण वसूली, मोटर दुर्घटना दावा, श्रम विवाद, विद्युत बिल, जलकर, वैवाहिक विवाद, भूमि अधिग्रहण के मामले, सर्विस मैटर्स, उपभोक्ता विवाद, अन्य सिविल विवाद तथा अन्य प्रकार के विवादों को सम्मिलित किया गया।

महत्वपूर्ण मामलों में लाभान्वित के विशेष विवाद
1- न्यायालय में लंबित मोटर दुर्घटना के एक मामले में न्यायालय राघवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, राजगढ़ के न्यायालय में बीमा कंपनी व पक्षकारों में सुलह-समझौता कराया गया, उचित विधिक परामर्श व पक्षकारों की सहमति उपरांत पक्षकार के परिवार को बीमा कंपनी से अवार्ड राशि के रूप में 14 लाख, 50 हजार रूपये दिलवाये जाने हेतु आदेश पारित किया गया।

2- न्यायालय संजय पाण्डेय, कुटुंब न्यायाधीश, राजगढ़ द्वारा एक पारिवारिक मामले में समझौता कराये जाकर दोनों पक्षों में राजीनामा कराया गया।

3- न्यायालय मुख्य न्यायिक मजि. राजगढ़ शबनम कदीर मंसूरी द्वारा दो पक्षों के 02 वर्ष पूर्व के जमीनी पारिवारिक रंजिश व मार-पीट के विवाद में नेशनल लोक अदालत में आपसी सुलह-समझौता कराये जाकर प्रकरण का निराकरण किया गया।

4- न्यायालय सचिन जैन, न्यायिक मजि. प्रथम श्रेणी, राजगढ़ द्वारा एक धारा 138 लिखत परक्राम्य अधिनियम के प्रकरण में दोनों पक्षों के मध्य सहमति बनाई गई व सुलह-समझौते के माध्यम से आवेदक पक्षकार को वांछित राशि दिलाये जाने हेतु समझौता हुआ।

नेशनल लोक अदालत के माध्यम से निराकृत प्रकरणों का विवरण
— न्यायालयों में लंबित
आपराधिक राजीनामायोग्य में 285, धारा 138 के 81, मोटर दुर्घटना दावा के 10 विद्युत बिल बकाया के 71, वैवाहिक विवाद के 113, उपभोक्त विवादों के 13, अन्य सिविल प्रकरण के 6 तथा अन्य प्रकृति के 23 प्रकरणों का निराकरण हुआ। न्यायालयों में लंबित कुल 602 प्रकरण निराकृत हुये। जिनमें 1411 व्यक्ति लाभान्वित हुये तथा 19486944 रूपये राशि के अवार्ड पारित हुये।

— प्रीलिटीगेशन के प्रकरण
बैंक ऋण वसूली के 68, विद्युत बकाया के 398, जलकर बकाया के 108, भरण-पोषण के 10, अन्य प्रकरणों में संपत्ति कर व दूरभाष बिल के 27 इस प्रकार प्रीलिटीगेशन के कुल 611 प्रकरण निराकृत हुये। जिनमें 725. व्यक्ति लाभान्वित हुये तथा 8166520 रूपये राशि प्राप्त हुई।

जिला एवं तहसील स्तर पर गठित खंडपीठों द्वारा न्यायालयों में लंबित तथा प्रीलिटीगेशन में कुल 1213 प्रकरणों का निराकरण कर 2136 व्यक्तियों को लाभान्वित किया जाकर 27653464 रूपये की राशि के अवार्ड पारित किये गये।।

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