ग्वालियर मध्यप्रदेश

ग्वालियर।गणतंत्र दिवस गोपाल किरन समाजसेवी संस्था ने मनाया

ग्वालियर। विश्व में भारत का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान हर भारतीय की उम्मीदों और आकांक्षाओं को समेटे है।गणतंत्र दिवस का आयोजन डॉ. अम्बेडकर पार्क, शील नगर ,बहोड़ापुर, ग्वालियर मे गोपाल किरन समाजसेवी संस्था ग्वालियर ने आयोजित किया।जिसकी थीम मेरी शान, भारत का संविधान रखी गई यह कार्यक्रम नगर निरीक्षक पुलिस बहोड़ापुर, थाना श्री अमर सिंह सिकरवार जी के अतिथित्य में ध्वजारोहण रोहण किया गया।

श्री सिकरवार जी ने अपने संबोधन मे कहा कि मुझे भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है। अच्छा ओर बेहतर कार्यक्रम सभी जुलकर करते रहेंगे। श्रीमती सुनीता गौतम जी ने कहा कि इसमैं सभी की एकता देखने को मिली। सभ्यता व सविंधान मैं यही कहता है।डॉ. प्रवीण गौतम जी ने कहा अनेकता मैं एकता भारत की विशेषता है। किसी का मन दुखी है तो उसको समझे।

भारत के निर्माण मैं सभी को साथ लेकर चलें। डॉ. अम्बेकडकर किसी एक के नहीं सभी के है।श्रीप्रकाश सिंह निमराजे, अध्यक्ष, गोपाल किरन समाजसेवी संस्था ग्वालियर ने गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। आज भारत का संविधान लागू हुए 72 वर्ष हो गए। हम भारत के लोग विश्व के सर्वश्रेष्ठ अपने संविधान का 73वाँ गणतंत्र दिवस मना रहे हैं।

हमारा संविधान ही दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों का मार्गदर्शन कर रहा है। पूरा विश्व, भारत को और भारत के नागरिकों को इसी संविधान के कारण सम्मान देता है। भारत का संविधान, भारत के प्रत्येक नागरिक की शान है। ऊँचनींच, छुआछूत, अत्याचार, नफ़रत, अमानवीय और असमानता वाले पुराने कानून वाले युग में जाने से बचने के लिए आओ हम सब अपने इस संविधान को ऐसा सम्मान दिलायें कि प्रत्येक नागरिक के मुख से यही निकले,”हमारी शान, भारत का संविधान”।

जय भारत, जय संविधान।गणतंत्र दिवस हमें देश के संविधान के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देता है। विश्व में भारत का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी द्वारा रचित ये संविधान हर भारतीय की उम्मीदों और आकांक्षाओं को समेटे है। वर्तमान समय में लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखना एक बड़ी चुनौती है।

ऐसे में हम सभी भारतीयों का कर्तव्य है कि संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करते हुए देश में एकता व अखंडता बनाए रखने में योगदान दें और भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाएं। 26 जनवरी 1950 को भारत को अपना संविधान मिला. इसी दिन भारतीय संविधान लागू हुआ और इसी के साथ भारत एक संप्रभु राज्‍य बन गया, जिसे गणतंत्र घोष‍ित किया गया. डॉ बीआर अंबेडकर ने संविधान की मसौदा समिति की अध्यक्षता की. गणतंत्र घोष‍ित किया गया, इसलिये इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

आज हम सभी देशवासी 73 वा गणतंत्र दिवस मना रहे हैं । देश की आजादी के बाद भारतीय संविधान का गठन हुआ था. बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर को संविधान निर्माता कहा जाता है ।भारतीय संविधान की मूल प्रति हाथ से बने कागज पर हाथों से लिखी है, इसे संसद भवन के पुस्तकालय में नाइट्रोजन गैस चैंबर में रखा गया है. ताकि संविधान के मूल प्रति को संरक्षित रखा जा सके।

गणतंत्र दिवस पर डॉ भीमराव अंबेडकर जी को याद न किया जाना इस गणतंत्र दिवस के साथ बेमानी होगी । क्योंकि राजतन्त्र व विदेशी हुकूमत के बाद लोकतांत्रिक व्यवस्था डॉ भीमराव अंबेडकर जी ने की थी । सभी ने भाईचारा, राष्ट्र भावना के साथ एक दूसरे से मिलकर कार्य करें अन्य लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम मे एकजुटता ओर भाईचारा देखने को मिली।

प्रमुख उपस्थित गण-डॉ प्रवीण गौतम,निर्मला पारस, जहाँआरा कु. अवनी गौतम, कु. अनुष्का गौतम, जी,एस एस बरेलिया जी, जगदीश मौर्य, रीना शाक्य,मान सिंह पंडोरिया,अमर सिंह बंसल,गया लाल आर्य, गीता टेगोर,विवेक आर्य,राकेश कोतवाल,पवन जी, राजेश राजोरिया जी,सुनील बरेलिया जी, ज्योति गौतम,रामनाथ मास्टर जी, निर्मला पारस जी,सीमा पंडोरिया,रेखा आर्य,पार्वती बंसल,कान्ता राजोरिया,काजल कदम,ज्योति गौतम,मानसिंह पांडोरिया, जी आदि उपस्थित हुए। जयजीत अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण समिति का सहयोग रहा। प्रमाण पत्र, कलेंडर वितरित किये आभार प्रदर्शन जहांआरा ने किया।

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