खरगोन मध्यप्रदेश

लुटेरी दुल्हन का हुआ पर्दाफाश, बहन, जीजा और मामा गिरफ्तार, आरोपियों से किए 4 हजार रुपए जप्त।

लुटेरी दुल्हन का हुआ पर्दाफाश, बहन, जीजा और मामा गिरफ्तार, आरोपियों से किए 4 हजार रुपए जप्त।

कबीर मिशन समाचार खरगोन ब्यूरो विशाल भमोरिया।

सनावद। खरगोन पुलिस ने बुधवार एक लुटेरी दुल्हन गेंग का पर्दा फस कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दलालो ने शहडोल की युवती को जावरा की बता करआली खुर्द (सनावद) निवासी युवक से एक लाख रु लेकर शादी करा दी थी। मामला सनावद थाना क्षेत्र के ग्राम अली खुर्द का है। टी आई एम आर रोमडे ने बताया की 11 जनवरी को पीड़ित यशवंत पिता देवराम कनाडे निवासी आली खुर्द ने सनावद थाने पर शिकायत की थी की उसकी पत्नी ज्योति बिना बताए घर से कंही चली गई है। पुलिस ने केस दर्ज कर गुम इंसान की तलाश शुरू की तो पता चला की ज्योति रतलाम के जावरा की रहने वाली है। पंकज निवासी जावरा वाले से उसकी शादी 6- 7 माह पहले हुई थी। ज्योति वहा से भागकर खलघाट मे आस्थाई रूप से रह रही थी। वहा उसकी जान पहचान शुशिला बाई से हुई थी, उसने व उसके साथी रतन निवासी माडव नेउसका संबंध रतलाम निवासी पंकज से 2 लाख रू मे करवा कर दोनों ने आपस मे रू बांट लिए। ज्योति कुछ दिन पंकज के साथ रही। फिर वहा से भाग कर खलघाट मे रहने लागि। दुबारा शुशिला, सुनीता, रतन और पंकज कुमावत ने ज्योति की दूसरी शादी करके पैसे कमाने की योजना बनाई। ईस योजना मे शुशिला उसकी माँ, सुनीता बहन, रतन मामा और पंकज कुमावत जीजा बनकर सुनीता के पति रवि से संपर्क किया, फिर रवि ने अपने रिश्तेदार आली खुर्द निवासी यशवंत कनाडे से संपर्क कर एक लाख रु मे ज्योति से शादी तय की। जिस पर यशवंत ने रवि को एक लाख रु देकर बड़वाह कोर्ट मे शादी कर ली। ज्योति यशवंत के घर सात आठ दिन रुकी और फिर बिना बताए घर से करीब एक लाख रु के आभूषण लेकर फरार हो गई। सनावद पुलिस ने योजना मे शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ धोखा धड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू की तो पता चला की ज्योति मूल रूप से शहडोल जिले की रहने वाली है। आरोपियों के अपने-अपने हिस्से में आए रुपयों का खर्च कर देना बताया। शेष बचे 4 हजार रुपए जप्त किए गए। पुलिस ने ज्योति के कथित रिश्तेदार बहन, मामा और जीजा को गिरफ्तार कर कोर्ट मे पेस किया जहाँ उन्हे जेल भेज दिया है। ज्योति की माँ शुशिला बाई अभी भी फरार है। जिसकी तलाश जारी है। इस योगदान में सनावद पुलिस सहित सामाजिक कार्यकर्ता अंतिम सिटोले बड़वाह का बड़ा योगदान रहा।

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