उत्तरप्रदेश

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यशाला का बैठक हुआ।

जिला ब्यूरो चीफ योगेश गोविन्द राव कबीर मिशन समाचार पत्र कुशीनगर उत्तर प्रदेश

कुशीनगर रामकोला नगर पंचायत मेहंदी गंज के वार्ड नंबर 10 तिलक नगर में वन विभाग की अध्यक्षता में वन विभाग के अधिकारी ने बताया की डोर टू डोर कूड़ा लेने पर गीला कचरा अलग रखें और सूखा कचरा अलग रखें। और बढ़ती आबादियों एवं तिरु शहरीकरण के कारण नगरी क्षेत्र में ठोस अपशिष्ट के उत्पादन में व्यापक वृद्धि हुई है*ठोस अपशिष्टों के स्रोत।*ठोस घरेलू कचरा विभिन्न उद्योगों से निकलने वाला ठोस अपशिष्ट पदार्थ ठोस कृषि अपशिष्ट प्लास्टिक, कांच, धातु, ई कचरा, आदि चिकित्सा की अपशिष्ट निर्माण अपशिष्ट सीवेज कीचड़।कचरे का निपटा नगरी निकाय ठोस अपशिष्ट नगरों के ठोस कचरे को बायोडिग्रेडेबल रीसायकल करने योग्य और खतरनाक घरेलू कचरे में विभाजित किया जा सकता है

बायोडिग्रेडेबल कचरे में सड़े हुए भोजन, सब्जियां, छिलके, और ज्यादातर गिले रसोई कचरा शामिल है पूर्ण चरण योग्य कचरे में प्लास्टिक और खतरनाक कचरे में बल्ब, बैटरी, आदि शामिल होते हैं। *खतरनाक ठोस अपशिष्ट*रासायनिक कारखाने से उत्पन्न अपशिष्ट एवं अस्पतालों से उत्पन्न चिकित्सा अपशिष्ट को कितना ठोस अपशिष्ट माना जाता है। किसी भी क्षेत्र में कचरे के सुरक्षित निपटा और पर्यावरण प्रदूषण को कम करने और इसके कारण होने वाले किसी भी स्वास्थ्य खतरे से बचने के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है

लैंडफिल ठोस कचरे के निपटान का सबसे आम तरीका है आधुनिक समय के लैंडफिल को विभिन्न पर्यावरण कारकों और कचरे के प्रकारों का ध्यान रखते हुए डिजाइन किया गया है ताकि प्रदूषण और स्वास्थ्य जोखिमों को काम किया जा सके गले अर्थ ठोस एवं ठोस अपशिष्ट को अलग-अलग करके रखा जाए।

इस कार्यक्रम में नगर पंचायत के लोग नंदलाल प्रसाद, राजू, नागेश्वर, अखिलेश कश्यप, आशुतोष सिंह, योगेश गोविन्द राव, रामप्रवेश, बबलू रावत, भीम, बाबूराम, आदि लोग मौजूद रहे।

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