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सुप्रीम कोर्ट में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण राष्ट्रपति की उपस्थिति में किया गया।

सुप्रीम कोर्ट में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण राष्ट्रपति की उपस्थिति में किया गया।

कबीर मिशन समाचार
नई दिल्ली

भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा एवं लिखित संविधान हमारे राष्ट्र के महान लोगों की देन है। जिससे आज कार्यपालिका, न्यायपलिका एवं विधायिका संचालित होती है। इतने बड़े संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा तब जाकर समस्त भारतीयों को अपना संविधान मिला। संविधान विविध रंगों के फूलों के गुलदस्ते को संजो रखता है। हमारी संस्कृति बहुरंगी और हमारा संविधान समावेशी, सुंदर और सुविचारित है।

संविधान दिवस के मौके पर आज सुप्रीम कोर्ट में संविधान निर्माता बाबा साहेब अम्बेडकर का स्टैच्यू लगाया गया। भारतीय संविधान सर्वोच्च मानवीय मूल्यों, उत्कृष्ट लोकतांत्रिक आदर्शों, कर्तव्यों, अधिकारों की सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति है। दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान भी है। संविधान लोकतंत्र की आत्मा है, भारतीय संविधान हमें हमारे अधिकारों के साथ कर्तव्यों के निर्वहन की सीख भी देता है। आइए, हम राष्ट्रनिर्माण में अपने कर्तव्यों का पालन करें। भारतीय संविधान केवल हमारे नीतियों, निर्देशों, दायित्व, अधिकारों का संकलन मात्र नहीं बल्कि हर नागरिक की आकांक्षाओं को सुरक्षा व बल देने वाला संरक्षक है, देश का मार्गदर्शक है।

भारतीयों द्वारा कई दशकों पूर्व से ‘संविधान दिवस’ मनाया जाता है। डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के इस महान योगदान के रूप में भारत सरकार द्वारा पहली बार 26 नवम्बर 2015 को “संविधान दिवस” मनाया गया तथा 26 नवम्बर 2015 से प्रति वर्ष सम्पूर्ण भारत में संविधान दिवस मनाया जाता है।26 नवंबर का दिन संविधान के महत्व का प्रसार करने और डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के विचारों और अवधारणाओं का प्रसार करने के लिए चुना गया था।

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