भोपाल मध्यप्रदेश लेख

ड्राइवर की क्या औकात है??कलेक्टर साहबअगर औकात होती तो वो भीकही कलेक्टर होते ?

1ड्राईवर ड्राई-वर (सूखे पति) होते है
इस दुनिया का बोझा ढोते है
रातों सड़को पर रोते है
दिन में ढाबो पर सोते है
दो रोटी मेहनत की खाना
इज्जत की बात नही है
ठीक कहते हो कलेक्टर साहब
ड्राइवर की कोई औकात नही है

2 ड्राइवर अपने ट्रक पर
चुम्बक बन कर रहते है
दो ड्राइवर एक दिशा में जाये तो
एक दूसरे से चिपक कर चलते है
सामने की साइड से तो अकड़ते है
साइड देने के नाम पर झगड़ते है
फिर दोनो मिलकर ठेके जाते है।
बच्चों जैसे लड़ झगड़ फिर मिल जाते
पर दिल में कोई घात नही है
ठीक कहते हो कलेक्टर साहब
ड्राइवर की कोई औकात नही है

3
ड्राइवर गाड़ी को bb की
तरह ही प्यार करते है ।
कन्डक्टर से साले की तरह
व्यवहार करते है
सजने सँवरने को गाड़ी
ब्यूटी पार्लर ले जाते है,
सोलह सिंगार कराते है
उसके जुड़ा बंधवाते है
उसके चोटी लटकाते है
बुरी नजर से बचाने के
लिए जूता भी लटकाते है
कोई दूसरा गाड़ी टच कर दे
जी जान से भिड़ जाते है
रात में तो उसे अकेली छोड़
कर भी नही जाते है
बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला
करदे पर करने के हालात नही है
ठीक कहते हो कलेक्टर साहब
ड्राइवर की कोई औकात नही है

4
गांव की गौरी, हॉर्न प्लीज
जय बजरंगबली
जगह मिलने पर साइड मिलेगी
रामकली मैके चली
लटक मत पटक दूंगी
यूज़ डीपर, चिंटू पिंटू दी गद्दी,
पापा जल्दी आना माँ का आशीर्वाद
मेरा भारत महान लिखवाना
ये कोई कम बात नही है
ठीक कहते हो कलेक्टर साहब
ड्राइवर की कोई औकात नही है

5
पुलिस का असली चरित्र
ट्रक ड्राइवर से ज्यादा कौन जानता है
वो क्यो चिल्लाता है,कब मौन धारता है
हर चौराहे,हर नाकाबंदी की रेट पता है
किस किस पॉइंट का कितना हप्ता है
36 वी कौम ड्राइवर जिसके
जीभ नही है, दांत नही है
ठीक कहते हो कलेक्टर साहब
ड्राइवर की कोई औकात नही है

6
माल भर कर जब ट्रक यात्रा पर चलता है
दान पुण्य करने तीर्थयात्रा पर निकलता है
जहां भी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा मिलता है
सिर झुका हॉर्न बजा इस्तकबाल करता है
मंगता भिखारी मिले तो सिक्के बढ़ाता है
जहां जहां थाना आता चढ़ावा चढ़ाता है
अंधेरे कोने में ATO, DTO CTO RTO
कभी कुछ इसको दो ,कभी उसको दो
खुद मामूली तनख्वाह पाता है
सबको दोनो हाथ लुटाता है
उसके हिस्से से कुछ खाना
उसके हाथ नही है
ठीक कहते हो कलेक्टर साहब
ड्राइवर की कोई औकात नही है

7
एक सैनिक की जान को
खतरा जैसे हरदम रहता है
वैसे चौबीस घण्टे ड्राइवर की
जान को जोखिम रहता है
सैनिक घायल, चौट लगे तो
अस्पताल उपचार सुलभ है
पर ड्राइवर जिंदा जल जाए
उसकी चिंता किसको, कब है
ट्रक पलटे तो माल लूट जाए
चालक चाहे नीचे दब मर जाए
कोई उसे रोने वाला नही
उनके कुछ जज्बात नही है
ठीक कहते हो कलेक्टर साहब
ड्राइवर की कोई औकात नही है

8
ड्राइवर के खाने का
ढाबा भी स्पेशल टँटा होता है
रुकते वही है जहां
खाट के बीच फंटा होता है
ड्राइवर के खाने में यदि
दही -छाछ -लस्सी नही
फेर तो नू समझले भाई
असि मैं नही या तुसी नही
दो रोटी के लिए भटकते
इन जीवों की कोई जात नही है
ठीक कहते हो कलेक्टर साहब
ड्राइवर की कोई औकात नही है

9
मत सोचो ट्रक लेकर अकेला चलता है
उसके साथ पूरा रोजगार मेला भरता है
ठेके देशी दारू वाले
नमकीन लौहारु वाले
लेबर ट्रांसपोर्ट्स वाले
ट्रक ऑटो पार्ट्स वाले
टायर ट्यूब पेच व पाना
तौल कांटा बोरी बारदाना
बेल्डर फिटर व मेकनिक
पेट्रोल पंप के मालिक
हुड पोशीश बैटरी वाले
चाय जूस बेकरी वाले
पंचर,शोकर,शीट वाले
चिकन अंडा मीट वाले
हॉस्पिटल व ट्रोमा सेंटर
रस्सा क्रेन, डेन्टर पेंटर
जो सबको रोजगार दे उनकी
कोई बिसात नही है
ठीक कहते हो कलेक्टर साहब
ड्राइवर की कोई औकात नही है
ड्राइवर की कोई औकात नही है

हिट और रन केस बड़ा है
जान जाएगी अगर खड़ा है
वाहन बड़ा वो दोषी कहलाये
भले भचीड़ खुद आके खाये
दस लाख ,दस साल जुर्माना
छोड़ देंगे सब गाड़ी चलाना
दस हजार का नौकर है हम
10 लाख की औकात नही है
ठीक कहते हो कलेक्टर साहब
ड्राइवर की कोई औकात नही है
ड्राइवर की कोई औकात नही है

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