मध्यप्रदेश सीहोर

आष्टा आजाद समाज पार्टी के चुनाव लड़ने से किसको फायदा किसको नुकसानकांग्रेस या बीजेपी । भाजपा प्रत्याशी अघोषित?

आसपा के कारण दोनो पार्टी मे बिगड़ सकता है संतुलन।

कबीर मिशन समाचार जिला सीहोर ।
आष्टा से संजय सोलंकी की रिपोर्ट

आष्टा: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है,जिसमे सभी पार्टियों ने अपनी ताल ठोक दी हैं। कांग्रेस और बीजेपी ने कई सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम की सूची जारी कर चुकी हैं ।वही सीहोर जिले में चार विधान सभा सीट है जिसमे 2018 में चारों सीटों पर बीजेपी का कब्जा रहा जिसमें बुधनी से शिवराज सिंह चौहान इच्छावर से करण सिंह वर्मा सीहोर से सुदेस राय निर्दलीय चुनाव जीते बाद में भाजपा में शामिल हो गए आष्टा से रघुनाथ सिंह मालवीय चुनाव जीते। इस वक्त चार विधानसभा में से कांग्रेस ने तीन विधानसभा के नाम फाइनल कर दिए हैं और जितने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

वहीं भाजपा ने भी तीन नाम फाइनल कर दिए, कांग्रेस ने आष्टा से कमल सिंह चौहान सीहोर से शशांक सक्सेना बुधनी से विक्रम मस्ताल मैदान में है तो इच्छावर विधानसभा सीट होल्ड पर रख गई है वहां से दो नाम अभी चर्चित है जिसमें शैलेंद्र पटेल और मेघा परमार अनुमान लगाया जा रहा है कि मेघा परमार को टिकट मिलने जा रही है, वहीं भाजपा के प्रत्याशियों की लिस्ट देखें तो बुधनी से शिवराज सिंह चौहान सीहोर से सुदेश राय और इच्छावर से करण सिंह वर्मा को टिकट दे चुके हैं वही आष्टा में प्रत्याशी का नाम को लेकर गहन चर्चा चल रही है, जिसमें गोपाल सिंह इंजीनियर सोनू गुणवान , केलास बगाना तीनो में से किसी एक को टिकिट मिल सकती हैं देखना यह होगा कि आष्टा से भाजपा अपना चेहरा किसको बनाती है।
क्योंकि सामने कमल सिंह चौहान बड़ी जीत के दावेदार माने जा रहे हैं।

दिग्विजय सिंह के इस्तीफे की फैलाने वाले भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ सायबर भोपाल में शिकायत.

मगर बात करें की मध्य प्रदेश में एक और पार्टी अपना दमखम लगाने में जुट गई वहां पार्टी हैं आजाद समाज पार्टी जो भीम आर्मी संगठन का एक बड़ा हिस्सा है । मध्य प्रदेश में ओबीसी 50.6फीसदी एससी 15.6फीसदी ,st 21.1 फीसदी आबादी है इसमें अगर सामाजिक तौर पर देखा जाए तो एससी एसटी ओबीसी का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक तौर पर भीम आर्मी को सपोर्ट करते हैं।
अब अगर आष्टा में आजाद समाज पार्टी चुनाव लड़ती है तो किसको कितना नुकसान कितना फायदा होगा इसको एक तरीके से समझे तो हमे 2018 के चुनाव में जाना होगा जहा पर बीजेपी के प्रत्यासी रघुनाथ सिंह मालवीय को 92292 वोट मिले और बीजेपी चुनाव जीत गई वही कांग्रेस के गोपाल सिंह इंजीनियर को 86248 वोट मिले और दूसरे नंबर पर रहे तीसरे नंबर पर प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी के प्रत्यासी कमलसिंह चौहान को 17577 वोट मिले और तीसरे नंबर पर रहे बीएसपी को4487 वोट लेकर वह चौथे नंबर पर रहे।

2018 का चुनाव में प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी को 17577 वोट मिलने से 5944 वोटो से कांग्रेस चुनाव हार गई मगर इस बार स्थिति दूसरी क्योंकि इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी खुद कमल सिंह चौहान है अगर पिछली बार मिले कांग्रेस के वोट और कमल सिंह चौहान के दोनों वोट मिलकर(103825 )एक लाख तीन हजार आठसो पच्चीस वोट बनते है जिससे कांग्रेस को फायदा होगा जितने की उम्मीद ज्यादा लग रही है कांग्रेस के लिए समस्या यहां खत्म नहीं होती समस्या तो यहां है कि अब आष्टा में आजाद समाज पार्टी भी चुनाव लड़ने जा रही है अगर पिछली बार मिले कमल सिंह चौहान को 17000 वोट आजाद समाज पार्टी को मिलते हैं तो उसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होगा और फिर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ सकता है मगर इस बार आष्टा में कांग्रेस के जीतने की उम्मीद ज्यादा लगाई जा रही है

इन्हें भी पढ़े :

कांग्रेस ने 144 उम्मीदवारों में आष्टा से कमल सिंह चौहान को मिला टिकट

IBPS PO Result 2023: आईबीपीएस पीओ प्रारंभिक परीक्षा परिणाम घोषित, डायरेक्ट लिंक

उज्जैन की सातों विधानसभा पर कौन है आमने सामने, किसका रहेगा पलड़ा भारी

विधानसभा चुनाव में 40 लाख खर्च कर सकेंगे प्रत्याशी: नकद 10 हजार कर सकेंगे खर्च, चुनाव खर्च के लिए खुलवाना होगा नया बैंक खाता

Model Code of Conduct : आचार सहिंता नियम | कब, क्यों और क्या निगम होंगे | जानें आचार सहिंता से जुड़े सवाल

About The Author

Related posts