राजस्थान

आज़ादी के 75 वर्षों के बाद भी एक छात्र मटके से पानी नहीं पी सकता आखिर क्यों

कबीर मिशन समाचार
जालोर, राजस्थान

दलितों को कुछ समझ नहीं आ रहा है, कि आखिर करें तो करें क्या आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाये या विद्यालय में मटके से पानी पीने की लड़ाई लड़े। ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा में 20 जुलाई को तीसरी कक्षा के छात्र इंद्र मेघवाल द्वारा पानी का मटका छू लेने पर अध्यापक छैल सिंह द्वारा इतनी पिटाई की गई, कि वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

शनिवार को इलाज़ के दौरान छात्र ने दम तोड़ दिया। आख़िर वह समय कब आयेगा जब दलित अपने आप को सुरक्षित महसूस कर पायेगा। हर तरह के ज़ुल्म और अत्याचार में दलित को निशाना कब तक बनाया जायेगा।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विट कर लिखा है ” जालौर के सायला थाना क्षेत्र में एक निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा मारपीट के कारण छात्र की मृत्यु दुखद है। आरोपी शिक्षक के विरुद्ध हत्या व SC/ST एक्ट की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्तारी की जा चुकी है।

मामले के त्वरित अनुसंधान एवं दोषी को जल्द सजा हेतु प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया है। पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलवाना सुनिश्चित किया जाएगा। मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जाएगी।”

भीम आर्मी के चंद्रशेखर आज़ाद ने भी ट्वीट किया है उन्होंने लिखा है ” देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। वही दूसरी तरफ पानी के मटके को छूने पर इतना पीटा गया कि जान ही चली गयी।

आजादी के 75 साल बाद भी 9 साल के दलित बच्चे को जालोर मे जातिवाद का शिकार होना पड़ा। हमे पानी के मटके को छूने की भी आजादी नही! फिर क्यों आजादी का झूठा ढिंढोरा पीट रहे है?”

प्रोफेसर दिलीप मंडल ने दलितों पर लगातार अत्याचार के प्रति अपना विरोध प्रकट करते हुए लिखा है ” राजस्थान में दलितों पर जुल्म रोकने में सरकार असफल साबित हो रही है। शासन कमजोर होने पर ही अपराधियों का मनोबल बढ़ता है। इस तरह की घटनाओं पर ऐसी कार्रवाई होनी चाहिये कि मिसाल बने। दोषी पर हत्या का केस लगना चाहिए।”

जालोर पुलिस ने घटना के सम्बंध में बताया है कि ” उक्त घटना के संबंध में आरोपी शिक्षक के विरुद्ध थाना सायला में मर्डर (धारा 302) व SC/ST एक्ट की धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया।

SP जालौर ने मौक़े का निरीक्षण किया। आरोपी को तत्काल पुलिस हिरासत में ले लिया गया।

त्वरित अनुसंधान हेतु प्रकरण को “केस ऑफिसर स्कीम” में लिया गया है।”

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