7 के बजाय 60 दिनों में नही हो सकी भ्रष्टाचार की जांच पूरी
उन्हेल जनपद पंचायत अंतर्गत उन्हेल नगर के समीप ग्राम पंचायत गुरला के सचिव व सरपंच का कार्यप्रणाली पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय है मनमानी और पर्याप्त भ्रष्टाचार के चलते जहां ग्रामीण लगातार शिकायतें करते रहे हैं वही अधिकारी से सांठगांठ के चलते ग्राम सचिव धर्मेंद्र पाटीदार हमेशा बचते रहे हैं.
उनके खिलाफ न कभी जांच हुई और नहीं कार्यवाही जिसके चलते वे लगातार भ्रष्टाचार करते रहे और जनपद के जिम्मेदार अधिकारी उसको लगता संरक्षण देते रहे जिसकी वजह भी जाहिर है कि उक्त सचिव अपने बचाव के लिए तमाम जिम्मेदार की जेब भरते चला आ रहा है और बिकाऊ अमला मौन बना हुआ ऐसा ग्रामीणों का कहना है.
फिलहाल 22 अगस्त को ग्राम गुरला के उप सरपंच राजेश सूर्यवंशी सहित ग्रामीण विकाश सूर्यवंशी द्वारा पंचायत सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जनसुनवाई के दौरान जिलाधीश से शिकायत की शिकायत करते हुए कहा कि पंचायत गांव में विकास कार्यों को लेकर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. इसकी आवाज हमारे द्वारा कई बार जनपद पंचायत जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत करा दिया है
लेकिन जनपद के जिम्मेदारी अधिकारी द्वारा जांच टीम का गठन किया गया किंतु पिछले एक माह से अब तक ग्रामीणों की शिकायत का जांच प्रतिवेदन ही प्राप्त नहीं हो पाया सचिव पर कार्रवाई होने में कितना समय और लगेगा इसका अनुमान लगाया जा सकता है. भ्रष्टाचार में लिप्त सरपंच और सचिव के विरुद्ध कार्यवाही के नाम पर इस तरह से संरक्षण दिया जा रहा है. जिससे शिकायतकर्ताओं के मंसूबे खुद ही टूट जाते हैं वही दोषियों को लीपा पोती कर बचने का पर्याप्त मौका भी मिल जाता है. 181 हेल्पलाइन 90 दिनों बाद भी कोई सुनवाई नहीं. उक्त जानकारी विकाश सूर्यवंशी ने दी.