क्राइम बालाघाट

गुप्त पूजा के नाम पर ढाई लाख रुपयों की धोखाधड़ी में चार गिरफ्तार, बालाघाट पुलिस ने चंद घंटे में किया मामले का पर्दाफाश

आशीष गनवीर बालाघाट

गुप्त पूजा से रुका धन वापस आने, घर में सुख -शांति होने के बहकावे में आकर पूजा -पाठ करवाने वाले परिवार को उस समय गुप्त पूजा महंगी पड़ गई जब उसके घर से पूजा पाठ करने पहुंचे लोगों ने घर से ढाई लाख रूपये पार कर दिए। जिसकी जानकारी लगने पर पीड़ित ने तत्काल ही इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसे गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ अधिकारीयों के मार्गदर्शन में कोतवाली पुलिस ने घटना के चंद घंटे बाद ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जिसमें पीड़ित का परिचित सहित एक जादूगर और उसके साथी हैं।

जिनके खिलाफ पुलिस ने धोकाधड़ी का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया। गिरफ्तार सभी आरोपियों को पुलिस ने न्यायालय में पेश करने के बाद न्यायिक रिमांड पर जेल भिजवा दिया हैं। प्राप्त जानकारिनुसार नगर के वार्ड क्र.24इंदिरा नगर निवासी 51वर्षीय नरेंद्र पिता जवालाप्रसाद चौहान बोर्वेल का काम करता हैं। जिसकी काफी समय से कोसमी निवासी योगेश पिता प्रेमचंद गोण्डाने से पहचान हैं। पीड़ित के अनुसार परिचित योगेश ने उन्हें बताया था कि वह एक ऐसे बाबा को जानता हैं जो घर में गुप्त पूजा करता हैं और इससे घर में धनलाभ के साथ ही सुख -शांति आती हैं। हालांकि इस दौरान योगेश ने उसे पूजा का डर भी दिखाया कि इस पूजा की चर्चा किसी से करने पर पूजा व्यर्थ हो जाती हैं और फल नहीं मिलता हैं। जिसके बाद नरेंद्र ने योगेश को घर में पूजा के लिए सहमति प्रदान की।

बीते चार अगस्त को वाहन क्र. Mh 26 v 3477 से परिचित योगेश अपने साथ दो पुरुष और एक महिला को लेकर पहुंचा। जिन्हें नरेंद्र के यहां छोड़ने के बाद योगेश वापस लौट गया। जिसके बाद वें लोग नरेंद्र के साथ एक कमरे में पूजा करने लगे। इसी दौरान बाबा ने एक लाल कपड़ा मांगा और घर में रखें नगद रुपयों को उसमें बांधकर पूजा में रख देने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि इससे धन लाभ होगा और रुका धन वापस आयेगा। जिसके बाद लाल कपड़े में नरेंद्र ने घर में रखें ढाई लाख रुपयों को कपड़े में बांधकर एक ड्रम में रख दिया। जिसके बाद बाबा ने फिर गुप्त पूजा शुरू कर दी। इसी दौरान हाथ की करामात दिखाते हुए बाबा ने ड्रम में रखें हुए रुपयों को पार करने के बाद पूजा को खत्म कर कमरे से नरेंद्र के साथ बाहर निकला और सख्त हिदायत दी कि इस कमरे को 21 दिनों तक नहीं खोलना वरना पूजा व्यर्थ हो जायेगी। जिसके बाद वाहन के साथ बाबा, महिला और चालक फरार हो गए। जिसके बाद नरेंद्र को एकाएक आशंका होने पर जब वह कमरा खोलकर अंदर पहुंचा और ड्रम में देखा तो लाल कपड़े में बांधकर रखें गये ढाई लाख रूपये गायब थे। जिसकी सूचना तत्काल नरेंद्र ने थाना प्रभारी कोतवाली को दी।

घटना को गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी कमलसिंह गेहलोत ने वरिष्ठ अधिकारीयों के मार्गदर्शन में टीम बनाकर आरोपियों की पतासाजी की तो पीड़ित नरेंद्र के परिचित योगेश गोण्डाने सहित बाबा कटंगी निवासी 35 वर्षीय उमाशंकर पिता आशाराम नेवारे, वाहन चालक 28 वर्षीय ऋषभ पिता दिलीप मासूरकर और बाबा की सहायिका महिला सागर जिले के ईतवारीटोला निवासी 23 वर्षीय अर्चना पिता कुंदन पटले को गिरफ्तार कर लिया।

थाना प्रभारी कमलसिंह गेहलोत ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद बाबा की मोबाईल लोकेशन ट्रेस की गई तो डोंगरिया के आसपास होने पर तत्काल एस आई अमित गौतम, ए एस आई कौशले, आर के राहन्गडाले, शब्बीर खान, आरक्षक गजेंद्र मते, चालक सुनील बघेल, महिला आरक्षक सहाना खान ने लोकेशन के आधार पर आरोपियों को पकड़ा हालांकि सूत्रों की माने तो आरोपी शराब पीने के चक्कर में पकड़े गए।

रूपये लेकर फरार हुए आरोपियों को पूरा विश्वास था कि कमरे को खोलकर नहीं देखा गया होगा और वें एक जगह बैठकर शराब पीने लगे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया जबकि महिला को बस से भागने की फिराक में धरा गया।

पुलिस ने आरोपियों के पास से माला, नकली जीभ, नरेंद्र के यहां से लेकर गये ढाई लाख रूपये, तीन मोबाईल और वाहन जप्त किया। बताया जाता हैं कि मुख्य आरोपी उमाशंकर नेवारे की कटंगी में चाय की दुकान हैं और वह एक जादूगर हैं।वह जादू का खेल दिखाता हैं। पुलिस ने इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 420,34 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भिजवा दिया गया हैं।

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