नीमच

नाकोड़ा लुब्रिकेंट फिर से सुर्खियों में फैक्ट्री से निकलने वाले धुँए से हो रहे ग्रामीण परेशान हो रहा स्वास्थ्य खराब, कुएं से निकल रहा बायोडीजल

भरभड़िया ग्राम के किसानो की हो रही फसले बर्बाद, पानी की जगह फसल को बायोडीजल पिलाना पड़ रहा

नीमच। (13 मार्च 2022) भरभड़िया में निवासरत ग्रामीणों ने नाकोड़ा लुब्रिकेंट फेक्ट्री से परेशान होकर की नारेबाजी, ग्रामीणों का कहना है कि फेक्ट्री से निकलने वाले धुएं से श्वास लेने में तकलीफ आती है और आये दिन लोगो का स्वास्थ्य खराब हो जाता हैं।यही नही इस फैक्ट्री के आस पास वाले खेतो में पैदा होने वाली फसल को भी भारी नुकसान होता है। और कुँए में पानी के साथ बायोडीजल निकलता है।


और तो और मार्च 2021 में प्रशासन ने छापा मारा था बेस ऑइल जब्त कर फैक्टरी को सील किया था। शिकायत पर इंदौर की टीम ने नाकोड़ा लुब्रिकेंट व 2 बायोडीजल पर जीएसटी सर्वे, 2 करोड़ से अधिक वसूले थे।
बेस ऑइल की आद लेकर बायोडीजल बेचने वाली नाकोड़ा लुब्रिकेंट व दो बायोडीजल संचालक के लिए टैक्स व जीएसटी चोरी की शिकायत मिलने पर जीएसटी इंदौर टीम ने कार्यवाही की और दो करोड़ से अधिक का जुर्माना वसूला गया। जिले में राजस्थान से बायोडीजल बेचने के साथ टैक्स व जीएसटी की चोरी की जा रही है जावद फंटा हाईवे स्थित नाकोड़ा लुब्रिकेंट एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। बेस आइल की आड़ लेकर बायोडीजल बेचने के मामले में नाम सामने आया था। प्रशासन ने मार्च में फैक्टरी पर छापामार कार्यवाही की थी जहां से बड़ी मात्रा में बेस ऑइल जब्त कर फैक्टरी को सील कर दिया था। इसके बाद मामला कोर्ट में विचाराधीन है। पिछले दिनों प्रशासन ने अनुपयोगी टैंक का उपयोग करने के लिए सील फैक्टरी खोल दी थी। कुछ सैंपल की रिपोर्ट फैल होने पर बेस ऑइल के टैंक सील है। इसके बावजूद संचालक द्वारा मिलावटी बेस ऑइल की सप्लाई फिर से शहर सहित जिले व प्रदेश में शुरू कर दी। इसमें टैक्स व जीएसटी की चोरी भी की जा रही थी लगातार शिकायत मिलने पर इंदौर जीएसटी टीम ने पहुंचकर सर्वे किया। जीएसटी के डीसी एसएस सलूजा ने बताया कि नाकोड़ा लुब्रिकेट, दो बायोडीजल के यहां दस्तावेजों की जांच करने पर करीब 2.05 करोड़ की चोरी पकड़ी और मौके पर जमा करवाई। इसे बाद टीम ने जांच के लिए दस्तावेज जब्त किए फैक्टरी में काम नहीं तो माल कैसे जा रहा बाहर नाकोड़ा लुब्रिकेट के मामले में सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी आरएन दिवाकर ने बताया था कि फैक्टरी में अनुपयोगी टैंक खोलने की अनुमति दी गई है। जिन टैंक के सैंपल फेल हैं वह अभी सील कर रखे हैं। मामला कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन है। इधर नाकोड़ा के संचालक ने फैक्टरी शुरू नहीं होने की बात कही थी। इसके बावजूद उनके द्वारा बेस ऑइल फिर से बाजार में बेचना शुरू कर दिया। फैक्टरी खुलने के बाद ही जिले में बायोडीजल की सप्लाई भी शुरू हो गई। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग भी बिना लाइसेंस के बायोडीजल बेचने वालों को नहीं रोक पाया है। अब देखना यह होगा कि क्या ग्रामीणों को न्याय मिलेगा या ऐसे ही ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होता रहेगा।

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