भोपाल मध्यप्रदेश

आदिम जाति कल्याण विभाग में 10 करोड का घोटाला, 8 अफसरों पर केस दर्ज होगा

न्यायालय ने दिए आदेश – प्रशासन की अनुमति के बिना खाता खोलकर खुद निकाल ली राशि
आदिम जाति कल्याण विभाग में हुए करीब 10 करोड़ रुपए के घोटाले में सात साल में सहायक आयुक्त रहे आठ अफसरों पर न्यायालय ने केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इनमें तत्कालीन एसडीएम और प्रभारी सहायक आयुक्त भी शामिल हैं। न्यायालय ने कहा- भारसाधक अधिकारी होते हुए विभाग के कर्मचारी-अधिकारियों को चेक जारी किए। नियम विरुद्ध खोले गए और खाते से ही राशि का आहरण जारी रहा। यह आपराधिक कार्य या षडयंत्र को प्रकट करता है। जून में इस मामले में केस दर्ज हुआ था। यह घोटाला 2010 से 2017 के बीच हुआ।

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बिना शासन-प्रशासन की अनुमति के नर्मदा-झाबुआ बैंक में बैंक खाता खोलकर शासन से विभिन्न मदों में आईं राशि इसमें हस्तांतरित की गई थी। इस खाते का उपयोग सरकारी खाते के रूप में करते हुए लेन-देन किया जा रहा था। इसी खाते से करोड़ों रुपए सेल्फ चेक के माध्यम से विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों और अन्य

इन अफसरों पर दर्ज होगा मामला

साल 2010 से 2017 के बीच जनजातीय विभाग में कई सहायक आयुक्त और आहरण संवितरण अधिकारी रहे। एससी मार्को, मोहिनी श्रीवास्तव, एमके मालवीय, केएल यादव, बीएस डावर, अरुण महाजन, तत्कालीन एसडीएम सोहन कनाश और रंजना सिंह।

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लोगों के नाम जारी कर राशि निकाली गई। सात साल तक बैंक खाते से करोड़ों रुपए निकाले गए लेकिन किसी ने इस पर आपत्ति नहीं ली। जबकि बार-बार ऑडिट रिपोर्ट में इस तरह सेल्फ चेक से जारी हो रही राशि पर आपत्ति ली गई थी। नियम विरुद्ध खोले गए खाते को लेकर भी रिपोर्ट में आपत्ति ली गई थी। लेकिन तत्कालीन सहायक आयुक्तों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मामला कोर्ट में जाने के बाद अब न्यायालय ने तत्कालीन सहायक आयुक्तों को इस मामले में जवाबदारी मानते हुए उन्हें आरोपी बनाने के निर्देश दिए हैं।

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