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ग्वालियर- विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित विज्ञान मेले में छात्र-छात्राओं ने दिखाई प्रतिभा

ग्वालियर- सेन्ट पीटर पब्लिक सकूल रेलवे फाटक के पास नूराबाद जिला मुरैना में विज्ञान एवं प्रौधोगिकी विभाग भारत सरकार नई दिल्ली के सहयोग से विज्ञान सहयोग फाउण्डेशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुये डॉ. उदयभान सिंह एकेडमिक सेन्ट पीटर पब्लिक सकूल रेलवे फाटक के पास नूराबाद जिला मुरैना ने अपने उदबोधन में कहा देशभर में 28 फरवरी के दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस दिन ही विज्ञान दिवस क्यों सेलिब्रेट किया जाता है। अगर नहीं तो इस राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को 28 फरवरी को इसलिए सेलिब्रेट किया जाता है क्योकि भारत के महान वैज्ञानिक सीवी रमन ने इस दिन रमन इफेक्ट की खोज की थी इसके लिए उन्हे 1930 में भौतिकी के लिए नॉबेल पुरुस्कार भी प्रदान किया गया था। विज्ञान दिवस को वर्ष 1987 से मनाने की शुरूआत हुई थी।

डॉ. महेन्द्र सिंह ने विज्ञान मेले में बोलते हुये कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। विज्ञान के बिना विकास की राह में तीव्रता से आगे नहीं बढ़ा जा सकता है। विज्ञान से गलत धारणा और अंधविश्वासों का विनाश होता है। विज्ञान और तकनीकी को प्रसिद्ध करने के साथ ही देश के नागरिकों को इस क्षेत्र में मौका देकर नई ऊँचाईयों को हासिल करना भी इसका मुख्य उद्देश्य है। डॉ. पदमा ने कहा कि देश के विकास के लिए वैज्ञानिक सोच का प्रसार आवश्यक है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस जैसे आयोजन वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रसार में निश्चित रूप से सहायक सिद्ध हो सकते है। विज्ञान के द्वारा ही हम समाज के लोगो का जीवन स्तर अधिक से अधिक खुशहाल बना सकते हैं।

डॉ. मधु सिंह ने विज्ञान मेला में कहा कि इस दिन सभी विज्ञान संस्थानों जैसे राष्ट्रीय एवं अन्य विज्ञान प्रयोगशालाएँ, विज्ञान अकादमियों, स्कूल और कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से सबंधित प्रोग्राम आयोजित किये जाते है। महत्वपूर्ण आयोजनों में वैज्ञानिकों के भाषण निबंध लेखन विज्ञान प्रश्नोंत्तरी, विज्ञान प्रदर्शन, सेमिनार तथा संगोष्ठी इत्यादि सम्मिति है। विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए राष्ट्रीय एवं दूसरे पुरूस्कारों की घोषणा भी की जाती है। विज्ञान की लोकप्रियता को बढाने के लिए विशेष पुरुस्कार भी रखे गये है।

तीन दिवसीय विज्ञान मेले में छात्र-छात्राओं ने वाद विवाद प्रतियोगिता, क्यूिज प्रतियोगिता ड्रॉइंग प्रतियोगिता, रोल प्ले, नुक्कड नाटक, साइंस मॉडल प्रतियोगिताओं में भाग लिया जिसमें सभी विजयी प्रतियोगिताओं को पुरूस्कृत किया गया जिसमें साइंस मॉडल प्रतियोगिता में राजीव माहौर ने प्रथम पुरूस्कार, नैतिक माहौर ने दूसरा पुरुस्कार, एवं अमन गुर्जर ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। ड्राइंग प्रतियोगिता में रानू मावई ने प्रथम प्ररूस्कार प्राप्त किया व शालू गुर्जर ने दूसरा पुरूस्कार प्राप्त किया एवं सचिन मावई ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया । डिवेट प्रतियोगिता में वर्षा बाथम ने प्रथम पुरुस्कार प्राप्त किया व अमन बाथम ने दूसरा पुरूस्कार प्राप्त किया एवं निशा मावई ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। क्यूिज प्रतियोगिता में सलोनी गुर्जर ने प्रथम पुरुस्कार प्राप्त किया व आरिफ खॉन ने दूसरा पुरुस्कार प्राप्त किया एवं आकाश यादव ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया । नुक्कड नाटक प्रतियोगिता में अमित ने प्रथम पुरूस्कार प्राप्त किया व निशा ने दूसरा पुरुस्कार प्राप्त किया एवं मन्नत खॉन ने तीसरा पुरुस्कार प्राप्त किया। उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य प्रतियोगिताओं में सामूहिक रूप से विजयी प्रतिभागियों को पुरुस्कार एवं मेडल प्रदान किये गये। कार्यक्रम की अध्यक्षता फिजा खने की तथा कार्यक्रम का संचालन श्री प्रमोद प्रजापति ने किया कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में प्रीती, नेंसी, भावना, कंचन उपस्थित थे।

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