कबीर मिशन समाचार। राजकुमार 7089513598
मध्यप्रदेश मे आगामी 2023 के चुनाव है, ऐसे मे सभी राजनैतिक दल अपनी अपनी तैयारी मे जुटे है। कोई अपने काम गिनवा रहा है तो कोई वादे कर रहे है। लेकिन एक बड़ी बात सामने आयी जो मध्यप्रदेश के चुनावी दौर मे सियासी खैल सा बन गयी।
आपको बता दे की प्रदेश मे 2 बड़ी पार्टिया कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे को नीचा दिखाने मे ओर चुनावी नतीजे हासिल करने मे लगी है।
भाजपा ने प्रदेश के दलित वोट साधने के लिए संत रविदास मंदिर का सहारा लिया। आपको बता दे की पीएम मोदी ने 12 अगस्त को 100 करोड़ की लागत से सागर मे संत रविदास मंदिर बनाने की आधारशीला रखी। उसी दौर मे कांग्रेस भी पीछे नही रही आज 22 अगस्त को संत रविदास जी के नाम से विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा कर दी।
लेकिन देखा जाय तो दलित समुदाय के साथ आये दिन घटनाये होती रहती है, दलित समुदाय विशेषकर निचले तबके मे जीवन यापन कर रहा है। लेकिन उन दलित समुदाय को केवल संत रविदास के नाम से गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।
दलित समुदाय के वोट बैंक को हासिल करने के लिए उनके द्वारा माने जाने वाले संत महापुरुषों का उपयोग किया जा रहा है, जबकी उनकी मूल समस्याओ पर किसी का कोई ध्यान नही।
वही दलित समुदाय भी सोशल मिडिया पर सवाल कर रहा है, की संत रविदास के मंदिर से हमे कोई लाभ या कोई समस्या का समाधान नही होगा। दलितों के वोट को प्राप्त करने के लिए केवल संतो के नाम का उपयोग करणावण्ड करे।